अफ्रीकी देश कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य फिर से इबालो महामारी की चपेट में है, जिसमें तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि वे कांगों में इबोला के प्रकोप से संभावित अधिकतम खतरे का आकलन कर रहे हैं।डब्ल्यूएचओ के अफ्रीका में क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोइती ने 13 मई को किनशासा का दौरा किया, जहां उन्होंने राष्ट्रीय अधिकारियों और अन्य साझेदारों से इबोला के प्रकोप पर तत्काल लगाम लगाने के लिए त्वरित, प्रभावी और परिस्थिति के अनुकूल कार्रवाई करने पर चर्चा की।
कांगो सरकार ने हाल ही में मध्य अफ्रीका गणराज्य से सटे देश के उत्तर में स्थित बास उइले प्रांत के लिकाटी हेल्थ जोन में इबोला का प्रकोप फैलने की अधिसूचना जारी की थी, जिसके बाद मात्शिदिसो ने कांगो का यह दौरा किया।डब्ल्यूएचओ ने शनिवार को कहा, “अभी कांगो के सुदूर सीमावर्ती इलाके में इबोला महामारी फैलने की खबर है, जहां पहुंचना भी बेहद मुश्किल है। हालांकि महामारी से संभावित अधिकतम खतरे का मूल्यांकन किया जा रहा है, इसलिए बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।”कांगो के स्वास्थ्य मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ की एक संयुक्त विविध विशेषज्ञों वाली टीम और अन्य साझेदारों को 10 मई, 2017 को डब्ल्यूएचओ आपात कार्यक्रम के तहत लिकाटी हेल्थ जोन में तैनात किया गया है, जो वहां महामारी की सघन जांच करेगी।वैश्विक महामारी चेतावनी एवं प्रतिक्रिया नेटवर्क (जीओएआरएन) को जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त मदद के लिए सक्रिय कर दिया गया है।
कांगो के स्वास्थ्य मंत्री ओली इलुंगा कालेंगा ने कहा है, “हम डब्ल्यूएचो और अन्य साझेदारों के आभारी हैं कि उन्होंने जांच में त्वरित मदद मुहैया कराई, जिसके कारण महामारी का पता चला।”कांगो में 1976 में पहली बार सामने आई इबोला बीमारी ने कांगो को आठवीं बार चपेट में लिया है। 2014-16 में फैले प्रकोप में कांगो सहित पश्चिमी अफ्रीकी देशों में 11,300 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
News Source- IANS
Read More Health Related Stories In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version