हम जब भी कुछ गलत या अनहेल्दी खाते हैं, तो हमारा पेट खराब हो जाता है। ऐसे में हम अंदर ही अंदर कई बीमारियों को शरीर में घर करने का न्योता देते हैं। जब पेट साफ नहीं होता है और वेस्ट अंदर ही रहता है, तो ऐसे में लोगों को बवासीर जैसी समस्या के होने का खतरा भी रहता है।
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बवासीर, दो प्रकार की होती हैं। खुनी बवासीर और बादी बवासीर। खुनी बवासीर में मस्से सुर्ख होते हैं, और उनसे खून गिरता हैं, जबकि बादी बवासीर में मस्सो में खाज, पीड़ा और सूजन बहुत होती हैं। अतिसार, संग्रहणी और बवासीर-ये तीनों एक दूसरे को पैदा करते हैं।
इन चीज़ों को खाना अवॉइड करें
बवासीर के रोगी को बादी और तले पदार्थ नहीं खाने चाहिए, जिनसे पेट में कब्ज हो। बवासीर के रोगी को चाहिए के वो कब्ज न रहने दे। इसलिए वो रात को दूध में एक चम्मच गाय का घी या बादाम रोगन डाल कर पिएं। और इसके साथ हर सुबह नित्य कर्म से निर्व्रत हो कर 15 मिनट कपाल भाति प्राणायाम ज़रूर करें। भोजन जितना हल्का हो उतना बेहतर होता है।
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नेनुआ की सब्जी है इसका एक मात्र रामबाण इलाज
तोरई जिसे हम नेनुआ भी कहते हैं, इसकी सब्जी हम सभी खाते हैं लेकिन इसके फायदे के बारे में अनजान हैं। नेनुआ खाने से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
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ये किस तरह करती है बवासीर का इलाज
नेनुआ में बीटा कैरोटिन पाया जाता है। यह कैरोटिन आंखों की रोशनी बढ़ाने में काफी मददगार साबित होता है। जिन लोगों की रोशनी कम हो रही हो वह रोज नेनुआ का सेवन कर सकते हैं। त्वचा संबंधी रोगों को ठीक करने में भी नेनुआ की सब्जी कारगर साबित होती है। नेनुआ मुहांसे, एक्जिमा, सोरायसिस जैसी बीमारियों को ठीक करता है।
नेनुआ की सब्जी रक्त शुद्ध करती है और रक्त की समस्याओं को दूर करती है। इसके अलावा बवासीर रोग में भी नेनुआ की सब्जी फायदेमंद होती है। नेनुआ में कोलेस्ट्राल और वसा काफी कम होता है। इसलिए यह वजन कम करने में भी सहायक होता है। जिनका वजन अधिक हो उन्हें नेनुआ की सब्जी खानी चाहिए।
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