रात को जगते हैं तो कम खाएं

क्या आपको भी देर रात खाना खाने की आदत है। इस आदत को तुंरत बदल डालिए। रात का भोजन बहुत जरूरी होता है पर देर रात किया गया डिनर आपकी सेहत और नींद दोनो को नुकसान पंहुचा सकता है। इस बारे मे विस्तार से जानने के लिए ये लेख पढ़ें।
  • SHARE
  • FOLLOW
रात को जगते हैं तो कम खाएं


देर तक आफिस मे रहने के कारण अक्सर कई लोगो के रात का भोजन बहुत देर मे होता है। जो शरीर के लिए सही नहीं है। देर रात का खाना नींद को भी प्रभावित करता है। जिससे आपकी शरीर की अन्य क्रियायें ठीक से काम नहीं कर पाती है। नींद की कमी अक्सर तनाव को बढ़ाती है। रात के समय कम खाने से आपकी एकाग्रता और सर्तकता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
Dinner

क्या कहती है शोध

पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय की शोध के अनुसार रात के समय जागने वाले वयस्क लगभग 500 कैलोरी की खपत करते हैं। शोध का मानना है कि देर रात जगने के बावजूद से खाने से बचने वाले लोग कई समस्याओं से दूर रह सकते हैं जिसमें तनाव प्रमुख है। देर रात उपवास रखने वाले प्रतिभागी ज्यादा स्वस्थ्य और तरोताजा रहते है। वहीं, देर रात खाते रहने के कारण सुस्त और एकाग्रता भी बिगड़ जाती है। मधुमेह, कॉलस्ट्रॉल और ब्लड सुगर पर इसके अच्छे नतीजे देखे गए। अगर आप देर रात भोजन करते हैं तो शरीर को भोजन पचाने में खिंचाव महसूस होता है। जिससे समय पर नींद नहीं आ पाती। रात के समय शरीर को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती इसलिए रात को हल्का भोजन ही करना चाहिए।

Dinner

कैसे प्रभावित होता है शरीर

कम नींद और ज्यादा तनाव हमारे तन-मन दोनों पर भारी पड़ता है। रोगों से लड़ने की हमारी क्षमता कम होने लगती है। स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ का स्तर बढ़ जाता है। इसका सीधा नाता हमारे शरीर के वजन से भी है।शारीरिक या मानसिक तनाव बढ़ने पर हमारा शरीर स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ा देता है। इसके साथ ही ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर बढ़ता है। कॉर्टिसोल का यह बढ़ा स्तर हमें तुरंत तनाव का सामना करने में मदद करता है। लेकिन यदि हम तनाव लगातार बनाये रखें तो तुरंत मिलने वाली यह मदद लंबी अवधि में मोटापे का कारण बन जाती है। कॉर्टिसोल का स्तर यदि लगातार बढ़ा रहे तो इससे ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की आशंका रहती है। वहीं हमारा इम्यून यानी रोगों से लड़ने की शक्ति कम होने लगती है।


डिनर से पूर्व अथवा बाद में कैफीन और निकोटिन का सेवन न करें क्योंकि 10 मिनट उपरांत ही ये शरीर में अपने नकारात्मक प्रभाव दिखाने लगता हैं। शरीर को 4 घंटे से अधिक समय लगता हैं इन्हें शरीर से बाहर निकालने में। इस बीच अगर आप सोने का प्रयत्न करते हैं तो उसमें बाधा आती है।

 

Image Source- Getty Images

Read More Article on Healthy Living in Hindi

Read Next

आइये मिलकर मनाये विश्‍व पर्यावरण दिवस

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version