छोटे बच्चों को जब बुखार आता है, तो समझ नहीं आता रहता कि आखिर क्या करें जिससे उनके शरीर का तापमान कम हो जाए। बड़ों को बुखार हो जाए, तो वे थोड़ी देर तक झेल लेते हैं। लेकिन जो बच्चा बोल नहीं सकता, उन्हें अगर बुखार हो जाए, तो यह समय बहुत ही कष्टदायी हो जाता है। ऐसी स्थिति होने पर आप डॉक्टर से बिना पूछे उन्हें किसी तरह की दवाई नहीं दे सकते हैं और ना ही उन्हें कुछ खिला सकते हैं, ताकि उनका बुखार ठीक हो जाए। लेकिन हमारी दादी-नानी के पास इसका भी नुस्खा मौजूद होता है। शिशुओं को होने वाले बुखार को वे बिना कुछ खिलाए पिलाए ठीक करने का हुनर रखते हैं। ठीक ऐसा ही हुनर मेरी मां को मेरी नानी से मिला है। जब भी मेरे घर में किसी छोटे बच्चे को बुखार होता है, तो वह सबसे पहले इस घरेलू नुस्खे को जरूर अपनानी हैं। जिससे बच्चे को थोडी सी राहत मिल जाती है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या नुस्खा है, जिसे आप बिना खिलाए पिलाए बच्चे का बुखार ठीक कर सकती हैं। तो आपको बता दें कि यह कुछ और नहीं, बल्कि हींग है। जो शायद हर किसी के घर में बहुत ही आसानी से मिल जाता है। हींग में मौजूद गुण शिशु के बुखार हो ठीक करने की क्षमता रखते हैं। आइए जानते हैं किस तरह शिशु के बुखार हो हींग से कर सकते हैं ठीक?
हींग से बुखार को ठीक करने का नुस्खा
मेरे घर में 2 छोटे बच्चे हैं। 1 की उम्र लगभग 4 साल और दूसरे की उम्र करीब 4 माह है। यह नुस्खा मेरी मां दोनों ही बच्चियों पर अपनाती है। बच्चे को अगर रात में बुखार हो जाए, तो ऐसे समय में डॉक्टर के पास ले जाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में मेरी मां बुखार से राहत दिलाने के लिए बच्चे को दवाई खिलाने से बेहतर हींग की पट्टी देना ज्यादा बेहतर समझती हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें तो ज्यादा हींग लग जाता होगा। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। हींग की पट्टी लगाने के लिए आपको बस 1 चुटकीभर हींग की जरूरत है। चलिए जानते हैं कैसे लगाते हैं शिशु को हींग की पट्टी?
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हींग की पट्टी लगाने की विधि
हींग की पट्टी लगाने के लिए आपको हींग के साथ-साथ 1 छोटा सा कागज का टुकड़ा और 1 चम्मच पानी की जरूरत है। इसके बाद 1 सामान्य आकार का चम्मच लें। इसमें 1 चुटकी हींग डालें और पानी की कुछ बूंदें डालकर हींग को मिक्स करें। हींग जब अच्छे से मिक्स हो जाए, तो कागज के टुकड़े को क्वॉइन के आकार में काटें। अब इसे टुकड़े को हींग के पानी में भिलो दें और बच्चे के सिर के साइड में लगाएं। आपको यह पट्टी सिर के दोनों ओर लगानी है। इसके बाद बच्चे हुए हींग के पानी को गर्दन के आसपास लगा दें। कुछ देर बाद आप देखेंगे कि बच्चे के शरीर का तापमान कम हो सकता है। बुखार ठीक ना होने पर शिशु को डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं। ताकि बुखार के कारणों का पता चल सके और उसका सही समय पर इलाज हो सके।
किस उम्र तक के बच्चों को लगा सकते हैं हींग की पट्टी
मेरे घर में 1 माह से लेकर 5 साल तक के बच्चों को मेरी मां हींग की पट्टी लगाती हैं। इससे उनका बुखार काफी हद तक ठीक हो जाता है। अगर कोई विशेष स्थिति नहीं होती है, तो इस पट्टी को लगाने के बाद डॉक्टर के पास जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन अगर आपके शिशु को बार-बार बुखार आ रहा है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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बच्चों को हींग देने के अन्य फायदे?
- पेट दर्द को करता है ठीक
- मुंह मं होने वाले कीड़े, मसूड़ों से खून आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं दूर
- पाचन करता है ठीक
- भूख बढ़ाने में है सहायक
- इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में करता है कार्य
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