मुंह के कैंसर के रोगी सबसे ज्यादा भारत में पाए जाते हैं। इसका कारण यह है कि यहां बड़े पैमाने पर लोग गुटखा, पान मसाले और सुर्ती आदि का सेवन करते हैं। मगर यदि आप ये समझ रहे हैं कि सिर्फ तंबाकू खाने वालों को मुंह का कैंसर होता है, तो आप गलत हैं। मुंह का कैंसर यानी ओरल कैंसर किसी को भी हो सकता है। आमतौर पर इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा तंत्र) के कमजोर होने पर ये कैंसर हो जाता है।
मुंह का कैंसर होने पर शुरुआत में बहुत सामान्य संकेत दिखते हैं, जैसे- मुंह में गाल के अंदर की तरफ छाले होना, मुंह में छोटे-मोटे घाव होना, लंबे समय तक होठों का फटना और घाव का आसानी से न भरना आदि। आइए आपको बताते हैं मुंह के कैंसर के बारे में कुछ अन्य जरूरी बातें, जिससे आप इस बीमारी से समय रहते बच सकें।
भारत में कितनी तेजी से बढ़ रहा है ओरल कैंसर
कैंसर एक जानलेवा रोग है। भारत में पिछले एक दशक में कैंसर के मरीजों की संख्या और कैंसर से मरने वालों की संख्या दोनों बहुत तेजी से बढ़े हैं। जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च की मानें तो, आपको जानकर हैरानी होगी कि कैंसर के जितने मामले भारत में आते हैं, उनमें से 30 प्रतिशत सिर्फ मुंह के कैंसर (ओरल कैंसर) के मामले होते हैं। भारत में हर घंटे ओरल कैंसर से 5 से ज्यादा लोगों की मौत होती है। ये वो आंकड़ें हैं जो कैंसर के लिए अस्पतालों में रजिस्टर किए गए हैं। यानी वास्तविक आंकड़े इससे भी कहीं ज्यादा हो सकते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा मामले उत्तरप्रदेश से आते हैं और गांवों से आते हैं।
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क्या हैं मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षण
- मुंह के कैंसर की शुरुआत मुंह के अंदर सफेद छाले या छोटे-मोटे घाव से होती है।
- लंबे समय तक अगर मुंह के भीतर सफेद धब्बा, घाव, छाला रहता है, तो आगे चलकर यह मुंह का कैंसर बन जाता है।
- मुंह में दुर्गन्ध, आवाज बदलना, आवाज बैठ जाना, कुछ निगलने में तकलीफ होना, लार का अधिक या रक्त मिश्रित बहना जैसे लक्षण भी दिखते हैं।
- धूम्रपान या नशा करने वाले को कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है। मुंह का कैंसर मुंह के भीतर जीभ, मसूड़ें, होंट कहीं भी हो सकता है।
- इसमें घाव, सूजन, लाल रंग, खून निकलने, जलन, सन्नता, मुंह में दर्द आदि जैसे लक्षण देखने को मिलते है।
किन लोगों को होता है ज्यादा खतरा
आमतौर पर मुंह का कैंसर कमजोर इम्यूनिटी के कारण होता है इसलिए किसी को भी हो सकता है। इसके अलावा मुंह की ठीक से सफाई न करने से भी लंबे समय में मुंह के रोग और फिर कैंसर हो सकता है। मगर फिर भी इसका सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को होता है, जो तंबाकू या उससे जुड़ी चीजें जैसे- गुटखा, सुर्ती, जर्दा, पान, सुपारी, पान मसाला आदि खाते हैं।
इसके अलावा बीड़ी, सिगरेट, गांजा, शराब, आदि का सेवन भी मुंह के कैंसर का कारण बनता है।
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मुंह के कैंसर से बचना है तो क्या करें
यदि मुंह, होंठों या जीभ पर किसी तरह का घाव या छाला बन जाए और शीघ्र ठीक नहीं हो रहा हो तो तुरन्त चिकित्सक को दिखाना चाहिए। यदि मुहं में होने वाले कैंसर का पता प्रथम चरण में ही चल जाए तो इसका निदान संभव है। इसमें देरी करने पर इसकी भयावहता बढ़ जाती है। इसके अलावा अगर कोई लक्षण नहीं भी दिखाई दें, फिर भी इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
- धूम्रपान एवं नशे का सेवन ना करें।
- दांतों और मुंह की नियमित दो बार अच्छी तरह सफाई करें।
- दांतों मसूड़ों व मुंह के भीतर कोई भी बदलाव नजर आए तो तत्काल डॉक्टर से जांच करायें।
- जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, डिब्बा बन्द चीजों का सेवन बन्द कर दें।
- ताजे मौसमी फल, सब्जी, सलाद अवश्य खाएं। इन्हें अच्छे से धोकर उपयोग करें।
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