एक नहीं बल्कि कई तरह के होते हैं कैंसर, जानें इसके प्रकार और लक्षणों की जानकारी

कुछ वर्ष पहले तक कैंसर एक जानलेवा बीमारी समझी जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब कैंसर को शुरूआती चरण में पकड़ा जा सकता है।
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एक नहीं बल्कि कई तरह के होते हैं कैंसर, जानें इसके प्रकार और लक्षणों की जानकारी

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है जो मरीज को धीरे-धीरे कई सालों तक नुकसान पहुंचाने के बाद मौत भी दे सकती है। आज के समय में कैंसर बहुत ही गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर इसका समय पर इलाज करवाया जाए तो मरीज की जान भी बच सकती है। दुनियाभर में ऐसे कई लोग सामने आए हैं जो कैैंसर से अपनी लड़ाई जीत कर अपनी जिंदगी जी रहे हैं। जरुरी नहीं कि कैंसर का कोई इलाज नहीं लेकिन हां ये जरूर है कि आखिरी स्टेज में आने के बाद मरीज का इलाज थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन अगर वहीं शुरुआती स्टेज में मरीज लक्षणों को पहचाननें में कामयाब हो जाता है तो ऐसे में सही इलाज की मदद से उसकी जान भी बचाई जा सकती है। 

आज भी हर कोई कैंसर का नाम सुनने के साथ ही एक डर के माहौल में चला जाता है, ये तो आप सभी जानते हैं कि कैंसर कितना खतरनाक है और ये मरीज को समय के साथ कितनी तकलीफ देता है। शायद आपको ये जानकर भी हैरानी हो कि कैंसर बीमारी तो एक हैं लेकिन इसके प्रकार कई हैं। आपको बता दें कि दुनियाभर में कैंसर के करीब 100 से ज्यादा प्रकार हैं और सभी जानलेवा भी है और खतरनाक भी हैं। कैंसर का इलाज तभी आसान तरीके से संभव होता है जब इसका इलाज सही समय पर किया जाए और इलाज करवाने के लिए जरुरी है कि आप इसे सही समय पर पहचान लें। हम आपको इस लेख के जरिए बताते हैं कि कैंसर के कितने प्रकार है और उन सभी के लिए उनके लक्षण क्या होते हैं। जिससे आप उन्हें तुरंत पहचानकर उनका सही समय पर उपचार करा सकें। 

ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) 

आजकल ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर यानी स्तन कैंसर रोग से पीड़ित हैं और महिलाओं के लिए ये रोग एक गंभीर रोग बन चुका है। स्तन कैंसर का इलाज बहुत ही जल्द और आसान तरीके से किया जाता है लेकिन अगर इसका इलाज कराने में देरी की जाती है तो ये मरीज को मौत तक ले जा सकती है। आपको बता दें कि भारत की हर 8 महिलाओं में से एक महिला इस बीमारी का शिकार होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में लगभग 1,62,468 स्तन कैंसर के मामले सामने आए हैं, जिसमें से लगभग 87,090 महिलाओं की मृत्यु हो गई जिसका कारण सिर्फ स्तन कैंसर था। 

ब्रेस्ट कैंसर का कारण अनियमित जीवनशैली है और अनियमित खानपान, जिसकी वजह से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है। स्तर कैंसर के पीछे भोजन को सबसे बड़ा कारण माना जाता है। ब्रेस्ट कैंसर में महिलाओं के स्तन में गांठें बनने लगती है और उन गांठों में दर्द होने लगता है। इसके लक्षणों का पता लगाना बहुत ही मुश्किल होता है। लेकिन इसका इलाज काफी आसानी से किया जाता है, स्तन कैंसर के चार चरण होते हैं। अगर पहले स्टेज पर ही इसकी जानकारी हो जाए तो ठीक होने की संभावना 80 फीसदी होती है। वहीं दूसरे स्टेज में यह संभावना 60 फीसदी रह जाती है। लेकिन तीसरे और चौथे स्टेज में इस कैंसर के इलाज से ठीक होने की संभावना न के बराबर रह जाती है।

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स्किन कैंसर (Skin cancer) 

आजकल स्किन कैंसर के मामले भी एक आम रोग की तरह काफी तेजी से सामने आ रहे हैं। स्किन कैंसर लंबे समय तक बहुत तेज धूप में रहने, सही डाइट न लेने और एक्सरसाइज न करने के कारण होती हैं। यह कैंसर किसी भी उम्र के शख्स को हो सकता है। हर साल लाखों लोग त्वचा के कैंसर का शिकार होते हैं। इसलिए अगर आपको त्वचा के कैंसर से बचना है तो आपको तेज धुप और प्रदुषण से खुद को बचाना होगा। 

गले का कैंसर (Throat cancer) 

गले का कैंसर उन कैंसर में से एक हैं जो मरीज को सीधा मौत के मुंह तक लेकर जाते हैं, इसके साथ ही जो भी इसकी चपेट में आता है उसे जीवनभर तक काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। गले का कैंसर तेजी से लोगों में फैल रहा है। एक शोध के मुताबिक 57 प्रतिशत मामले कैंसर के एशिया में होते हैं और इसमें भी गले का कैंसर के करीब 4 लाख मामले अकेले भारत में होते हैं। अक्सर कोई भी ये समझता है कि जो लोग तंबाकू जैसी चीजों का सेवन करते हैं सिर्फ उन्हीं को इसका खतरा रहता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि गले का कैंसर उन लोगों को भी अपना शिकरा बना रहा है जो लोग तंबाकू और धूम्रपान से दूर रहते हैं। गले का कैंसर को पहचानने के लिए मरीज के शरीर में कई बदलाव होते हैं जिनकी पहचान कर आप इलाज करा सकते हैं। गले का कैंसर के लक्षण होते हैं: जैसे आवाज में बदलाव होना, भोजन निगलने में परेशानी होना, मुंह में सूजन और मुंह से खून आने लगता है। कई मामलों में गले में गांठें भी बनने लगती है। 

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फेफड़ों का कैंसर (Lungs cancer)

फेफड़ों का कैंसर काफी ज्यादा खतरनाक और जानलेवा माना जाता है। भारत में भी तेजी से फेफड़े के कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस कैंसर का शिकार ज्यादातर पुरुषों ही होते हैं। फेफड़े के कैंसर के कई कारण है जिनमें सिगरेट और तंबाकू का सेवन सबसे ही आम है। सिगरेट के धुएं के कारण फेफड़े के कैंसर का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। शोधों में यह बात सामने आई है कि अगर कोई व्यक्ति एक दिन में एक पैकेट सिगरेट पीता है तो उसे फेफड़े के कैंसर का जोखिम 20 से 25 फीसदी बढ़ जाता है। इसके साथ ही फेफड़ों के कैंसर का पता आखिरी स्टेज पर ही आकर पता चल पाता है। इसके लक्षण होते हैं: सांस लेने में परेशान होना, बोलने में दिक्कत पैदा होना, लगातार खांसी होना, चेहरे और गर्दन में हल्की सूजन दिखाई देना।

ब्लड कैंसर (Blood cancer) 

ब्लड कैंसर भी एक तरह का सामान्य कैंसर की तरह है,लेकिन त्वचा के कैंसर जितना नहीं। ल्यूकेमिया एक प्रकार ब्लड कैंसर होता है जो रक्त कोशिकाओं के कैंसर हो जाने के कारण होता है। बोन मेरो के भीतर मौजूद कोशिकाएं लाल रक्त कोशिकाएं, सफ़ेद रक्त कोशिकाएं एवं प्लेटलेट्स को जन्म देती हैं जो कई बार कैंसरस हो सकती हैं जिनसे ल्यूकेमिया नामक कैंसर होता है। जो व्यक्ति ल्यूकेमिया के शिकार होते हैं उनका वजन कम होने लगता है; उनमें खून की कमी होने लगती है; उन्हें रातों को पसीना आने लगता है और न समझ में आने वाला बुखार रहने लगता है। 

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