आप जब भी घर से बाहर निकलते हैं तो आपकी त्वचा धूप के संपर्क में आती है, जिससे त्वचा पर हाइपरपिग्मेंटेशन, एलर्जी, टैन, फाइन लाइन्स जैसी समस्याएं हो जाती हैं। धूप के संपर्क में आने से आपकी त्वचा को कोई नुकसान न पहुंचे इसके लिए त्वचा रोग विशेषज्ञ घर से बाहर जाते समय त्वचा पर सनस्क्रीन लगाने की सलाह देते हैं। लेकिन अक्सर लोग सनस्क्रीन के इस्तेमाल को लेकर असमंजस में रहते हैं, कि उन्हें त्वचा पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए या कब-कब त्वचा पर सनस्क्रीन लगाना चाहिए? क्योंकि सनस्क्रीन को लेकर हमारे आस-पास कई मिथक मौजूद हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. जयश्री शरद अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में सनस्क्रीन से जुड़े ऐसे ही मिथकों की सच्चाई सामने रख रहे हैं। उनकी मानें तो ऐसे दो मिथ्स हैं जो लोगों के बीच सबसे ज्यादा पोपुलर हैं। पहला, सनस्क्रीन लगाने से कैंसर होता है (Sunscreen Cause Cancer In Hindi) और दूसरा कि सिर्फ धूप में जाने पर सनस्क्रीन लगाना चाहिए। लेकिन क्या वाकई ऐसा है? आइए हम आपको बताते हैं।
क्या सनस्क्रीन लगाने से कैंसर हो सकता है? (Does Sunscreen Cause Cancer In Hindi)
यह बिल्कुल भी सच नहीं है। वास्तव में सनस्क्रीन और सनब्लॉक आपकी त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अच्छे प्रोडक्ट्स माने जाते हैं, क्योंकि सनस्क्रीन आपकी त्वचा को यूवी किरणों से बचाता है। ये किरणें आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं और स्किन कैंसर के जोखिम (Skin Cancer Risk Factor In Hindi) को बढ़ाती हैं। डॉ. जयश्री बताती हैं कि आपको सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से पहले इसके इंग्रीडिएंट्स को अच्छी तरह देख लेना चाहिए। कुछ दिनों पहले बाजार में मौजूद कुछ सनस्क्रीन को वापस ले लिया गया क्योंकि इसमें बेंजीन (Benzene) पाया गया था। हालांकि इनमें बेंजीन की मात्रा बहुत कम थी, जो कि त्वचा के कैंसर का कारण (Skin Cancer Causes in Hindi) नहीं बन सकती थी, लेकिन इसे वापस लेने की वजह यह थी कि इन सनस्क्रीन्स में बेंजीन इंग्रीडिएंट की तरह नहीं, बल्कि प्रदूषक की तरह पाया गया था।
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इसके पहले चूहों पर किए गए एक शोध में पाया गया था कि ऑक्सीबेंजोन कैंसर का कारण (Cancer Causes in Hindi) बन सकता है, लेकिन तब जब इसकी मात्रा बहुत ज्यादा हो। बाजार में मौजूद केमिकल वाले सनस्क्रीन्स में ऑक्सीबेंजोन बहुत कम मात्रा में होता है, इसलिए डरें नहीं। अगर आप अच्छी क्वालिटी और अच्छे ब्रांड का सनस्क्रीन यूज करते हैं, तो इससे आपको कैंसर का खतरा नहीं होता है। सनस्क्रीन वास्तव में त्वचा कैंसर खासकर स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma) और मेलेनोमा (melanomas) को रोकता है।
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क्या आपको सिर्फ धूप में बाहर जाने पर ही सनस्क्रीन लगाना चाहिए? (You Should Wear Sunscreen Only When Its Sunny Day)
डॉ. जयश्री बताती हैं कि सूर्य की किरणों में यूवीए (UVA), यूवीबी (UVB), यूवीसी (UVC), विजिबल लाइट, ब्लू लाइट और इंफ्रारेड किरणें शामिल होती हैं। इनमें से लगभग 70% किरणें बादलों को भी पार करके आप तक पहुंच सकती हैं। तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप धूप में हैं या नहीं, आप अगर दिन में बाहर निकलते हैं, तो यूवीए (UVA), विजिबल लाइट (Visible light), ब्लू लाइट(Blue light) और इन्फ्रारेड किरणों (infrared rays) के संपर्क में आते हैं। ये सभी हाइपरपिग्मेंटेशन, एलर्जी, टैन, फाइन लाइन्स, सुस्त त्वचा, सुस्त बाल, उम्र बढ़ने के शुरुआती लक्षण पैदा कर सकते हैं। तो ऐसे में आपको बादल, बरसात, बर्फीले दिनों में भी अपने सनस्क्रीन लगाना चाहिए।
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एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं?
एक्सपर्ट सुझाव देते हैं आपको हर रोज अच्छे SPF वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। आप घर में हों या बाहर त्वचा पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं। क्योंकि यह आपके कई त्वचा की स्थितियों के जोखिम को कम करता है, और आपको एक दमकती त्वचा पाने में मदद करता है। लेकिन सनस्क्रीन खरीदते समय लेबल को अच्छी तरह जांच लें और सुनिश्चित करें कि उनमें किसी भी तरह के हानिकारक केमिकल नहीं डाले गए हैं। कोशिश करें कि आप प्राकृतिक सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करें।
किसी भी तरह के सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से पहले अपने त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करें। जिससे कि वह आपकी त्वचा के प्रकार के अनुसार सनस्क्रीन का सुझाव दे सके।