स्मोकिंग करने से आपको फेफड़ों, श्वसन तंत्र और नाक से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती है। एक दिन में ज्यादा सिगरेट पीने से एसोफैगस (आहार नली) का कैंसर होने का खतरा बना रह सकता है। डॉक्टरों की मानें रेगूलर स्मोकिंग करने से आहार नली की काशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन हो सकता है। तंबाकू का उपयोग करने से आहार नली के स्फिंकटर्स को भी कमजोर करने का कारण बन सकता है। स्फिंकटर एक तरह का वाल्वो होता है जो आहार को पेट से बाहर आने से रोकता है। इस वॉल्व के खराब होने से पेट का एसिड मुंह तक आने लगता है। यह आहार नली के कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है। इस लेख में गुरुग्राम नारायणा अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट एंड क्लिनिकल लीड डॉक्टर देबाधीष चौधरी से जानते हैं कि क्या स्मोकिंग से आहार नली का कैंसर हो सकता है?
क्या सिगरेट से आहार नली का कैंसर हो सकता है? - Does Smoking Cause Esophagus Cancer In Hindi
सिगरेट में पाए जाने वाले तंबाकू भी कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकते है। डॉक्टर के अनुसार सिगरेट के धुएं में 7 हजार से अधिक केमिकल्स पाए जाते हैं, जिसमें से अधिकतर शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इन घातक केमिकल्स में बेंजीन, आर्सेनिक, कैडमियम, ब्यूटाडीन, क्रोमियम, फॉर्मेल्डिहाइड और टार पाया जाता है, यह घातक केमिकल्स बीमारियों का कारण बन सकते हैं। तंबाकू और स्मोकिंग करने से फेफड़ों, मुंह, पेट, ब्लैडर, पैंक्रियाज, गर्भाशय ग्रीवा और आहार नली का कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।
एसोफैगस कैंसर मुख्य रूप से दो रूपों में प्रकट होता है: स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (squamous cell carcinoma) और एडेनोकार्सिनोमा (adenocarcinoma)। स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा एसोफैगस की लाइनिन करने वाली स्क्वैमस कोशिकाओं में उत्पन्न होता है, जबकि एडेनोकार्सिनोमा ग्रंथियों की कोशिकाओं में शुरू होता है, जो बलगम और अन्य तरल पदार्थ का उत्पादन करती हैं। स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा धूम्रपान से संबंधितो होता है, जबकि एडेनोकार्सिनोमा अक्सर गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) और मोटापे से संबंध रखता है।
डीएनए में परिवर्तन - DNA Damage and Mutations in Hindi
एक्शन कैंसर अस्पताल मेडिकल ऑन्कोलॉजी सीनियर कंसल्टेंट डॉ. समित पुरोहित के अनुसार तम्बाकू के धुएं में मौजूद कैंसर पैदा करने वाले तत्व जीन में परिवर्तन का कारण बन सकते हैं। डीएनए में होने वाले परिवर्तन कोशिकाओं के अनियंत्रित और ट्यूमर बनने की वजह बन सकते हैं।
सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस - Inflammation and Oxidative Stress In Hindi
धूम्रपान एसोफैगस में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ा सकता है। सूजन संबंधी प्रतिक्रियाओं के चलते कोशिका डैमेज होने की समस्या बढ़ सकती है। इससे कोशिकाओं के अनुवांशिक परिवर्तन की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, फ्री रेडिकल्स से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस डीएनए डैमेज को बढ़ाता है, जो कार्सिनोजेनिक प्रक्रिया में मुख्य योगदान देता है।
सेल सिग्नलिंग में बदलाव - Altered Cell Signaling In Hindi
सिगरेट के धुएं में मौजूद निकोटीन और अन्य तत्व नॉर्मल सेल सिग्नलिंग को बाधित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, निकोटीन उन मार्गों (pathways) की सक्रियता को बढ़ा सकता है, जो कोशिकाओं में एंजियोजेनेसिस (नई रक्त वाहिकाओं का निर्माण) और मेटास्टेसिस को सपोर्ट करते हैं, जिससे कैंसर होने में मदद मिलती है।
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आहार नली में होने वाले कैंसर की पहचान सही समय पर की जाए, तो इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। इसकी पहचान के लिए डॉक्टर आपको कई टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। कैंसर की पहचान के बाद डॉक्टर इसकी गंभीरता के आधार पर इलाज का चयन कर सकते हैं।