दिन-रात चावल खाने वाले लोग बदल लें अपनी ये आदत, नहीं तो जवानी में ही हो जाएंगे इस गंभीर बीमारी के शिकार

विश्व स्तर पर, यह अनुमान लगाया गया है कि चावल में पाए जाने वाला आर्सेनिक प्रति वर्ष 50,000 से अधिक लोगों में हार्ट डिजीज का कारण बनता है।
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दिन-रात चावल खाने वाले लोग बदल लें अपनी ये आदत, नहीं तो जवानी में ही हो जाएंगे इस गंभीर बीमारी के शिकार

चावल बहुत लोगों का पंसदीदा भोजन है और ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें आप कभी भी चावल खाने को दें तो वो इसे खा लेंगे। बात अगर सिर्फ भारत की करें, तो ऐसे कितने प्रदेश हैं, जहां सिर्फ चावल की खेती ही होती है और लोगों के खान-पान या हर पकवान का चावल एक जरूरी हिस्सा है। पर हाल ही में आया शोध इन लोगों की चिंता बढ़ा सकता है। दरअसल कुछ शोधकर्ताओं ने पाया है कि चावल की फसलों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले आर्सेनिक (arsenic) दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। वहीं लागातर चावल खाने वाले लोगों को कम उम्र में ही जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियों तक का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए जानते हैं चावल को लेकर क्या कहता है ये शोध।

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क्या कहता है ये शोध?

मैनचेस्टर और सलफोर्ड विश्वविद्यालयों (Universities of Manchester and Salford) के शोधकर्ताओं ने इंग्लैंड और वेल्स में चावल की खपत और आर्सेनिक जोखिम के कारण होने वाले हृदय रोगों के प्रसार का अध्ययन किया। हृदय रोग, मोटापा, धूम्रपान और उम्र बढ़ाने वाले अन्य कारकों पर इन शिक्षाविदों ने आंकड़ें साझा किए। अध्ययन के सह-लेखक और मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेविड पोला की मानें, तो इस अध्ययन से पता चलता है कि इंग्लैंड और वेल्स में सबसे अधिक 25 प्रतिशत चावल उपभोक्ताओं में दिल से जुड़ी बीमारियों के लक्षण मिले हैं।

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वैज्ञानिकों ने पाया है कि बहुत अधिक चावल खाने से फसल में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले आर्सेनिक के कारण हृदय रोग से मरने का खतरा बढ़ जाता है। ये रसायन फसल में स्वाभाविक रूप से इकट्ठा होता है और बार-बार नई बीमारियों, आहार संबंधी कैंसर और लिवर के रोग का कारण बन सकता है। गंभीर मामलों में, इसका परिणाम मृत्यु हो सकता है। चावल दुनिया भर में आहार का एक प्रमुख स्रोत है और कैलोरी और पोषक तत्वों के लिए दुनिया भर के लाखों लोग इस पर निर्भर करते हैं।

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चावल में पाया जाने वाला आर्सेनिक दिल के लिए है नुकसानदेह

आर्सेनिक प्राकृतिक रूप से मिट्टी में पाया जाता है और उन स्थानों पर ज्यादा होता है, जहां सिंचाई के लिए टॉक्सिन से लैस आर्सेनिक-आधारित हर्बिसाइड्स या पानी का उपयोग किया जाता है। चावल को बाढ़ की स्थिति में उगाया जाता है और यह मिट्टी द्वारा पानी से आर्सेनिक को खींचता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि उनका अध्ययन सीमित है लेकिन इस बात की हमेशा से पुष्टी होती रही है कि चावल खाने से मोटापा, ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता है। 

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हालांकि कोई भी अपनी पसंदीदा चीज को छोड़ना नहीं चाहता है, पर चावल खाना बंद नहीं कर सकते, तो कम से कम इसे खाने में कमी कर लें। वहीं रात के समय चावल खाना या ठंडा चावल खाने की आदत से पूरी तरह से बचें क्योंकि से सीधे तौर पर आपको नुकसान पहुंचाता है। इसलिए दिन-रात एक साथ चावल खाने से बचें और इसे संतुलित करते हुए ही भोजन में सम्मिलित करें। साथ ही लोगों को चावल की हेल्दी किस्मों के चयन करने पर भी विचार करना चाहिए, जिसमें आर्सेनिक के स्तर में कमी हो, जैसे कि बासमती चावल। साथ जिन लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियां है, उन्हें ब्राउन राइस खाना चाहिए या चावल को बनाने के तरीकों में भी बदलाव करना चाहिए।

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