रोटी या चावल वजन कम करने में कौन ज्यादा बेहतर? जानें चपाती और चावल से मिलने वाले पोषक तत्व और कार्ब की मात्रा

वजन कम करने वाले लोग अक्सर चपाती और चावल खाना छोड़ देते हैं लेकिन ऐसा करना गलत है क्योंकि ये हमारे भोजन का अभिन्न हिस्सा हैं। 
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रोटी या चावल वजन कम करने में कौन ज्यादा बेहतर? जानें चपाती और चावल से मिलने वाले पोषक तत्व और कार्ब की मात्रा

weight loss tips: चावल और चपाती भारतीय आहार के दो मुख्य और अभिन्न हिस्से हैं। चावल और चपाती के बिना भोजन अक्सर अधूरा सा लगता है क्योंकि हम बचपन सभी से ही दोनों का सेवन करते आ रहे हैं। लेकिन जब हम वजन घटाने के बारे में बात करते हैं, तो हमें अक्सर वजन कम करने के लिए चावल या चपाती या दोनों का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। लेकिन सच्चाई ये है कि इसके फायदे भी हैं और नुकसान भी। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को एक विकल्प दिया जाए, कि वजन घटाने की कोशिश करने वालों के लिए कौन सा विकल्प बेहतर होगा तो शायद बहुत से लोग इस बात का जवाब न दे पाएं। अगर आप भी वजन कम करने की कोशिश में जुटे हुए हैं और आपने भी रोटी, चावल छोड़े हुए हैं तो ये लेख आपके लिए है। आइए जानते हैं कि कौन आपके लिए ज्यादा हेल्दी है चावल या चपाती।   

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रोटी और चावल में कार्ब की मात्रा

रोटी और चावल दोनों में ही लगभग समान मात्रा में कार्ब और कैलोरी की मात्रा होती है। दोनों में अंतर सिर्फ पोषक तत्वों और पोषण मूल्य का होता है। चावल की तुलना में रोटियां प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती हैं, जो आपका पेट लंबे समय तक फुल रखने में मदद करती हैं। चावल में स्टार्च की मात्रा होने के कारण, यह आसानी से पच जाता है और इस तरह आपको जल्दी भूख लगने लगती है और आपका पेट भी बहुत जल्दी खाली हो जाता है।   

अगर आपको कोई एक विकल्प चुनना है तो चपाती चुनें  

अगर पोषण मूल्य को ध्यान में रखते हुए बात की जाए तो निश्चित तौर पर चपाती ही विजेता होगी। लेकिन इस बात को ध्यान में रखना जरूरी है कि चपाती में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है। जी हां,  प्रत्येक 120 ग्राम गेहूं में 90 मिलीग्राम सोडियम होता है। हालांकि, चावल में सोडियम की मात्रा बिल्कुल भी नहीं होती है। तो, जो लोग सोडियम से बचने की कोशिश कर रहे हैं, उनके लिए चपाती नुकसानदेह साबित हो सकती है। इसलिए सोडियम की मात्रा को कम करने वाले लोग चावल का विकल्प चुन सकते हैं। अगर सोडियम की मात्रा आपके लिए चिंता का विषय नहीं है तो वजन घटाने के मामले में चपाती विजेता है।  

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चावल की न्यूट्रिशनल वैल्यू       

चावल में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा चपातियों की तुलना में कम होती है। चपाती में फाइबर और प्रोटीन आपको लंबे समय तक फुल रखने में मदद करते हैं। इस प्रकार भले ही चावल कैलोरी में अधिक हो, लेकिन आपको उतना संतुष्ट नहीं करता है जितना कि चपातियां।  

चपाती की न्यूट्रिशनल वैल्यू       

चपाती में कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, फॉस्फोरस, फाइबर और प्रोटीन होता है। जबकि चावल में कैल्शियम नहीं होता है और पोटैशियम और फॉस्फोरस का स्तर कम होता है। चूंकि चपातियों को पचाने में अधिक समय लगता है इसलिए यह आपके ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य रखने में भी मदद करती है। चावल पेट भरने के साथ-साथ आपको पोषक तत्वों की भी आपूर्ति करती है।        

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पोर्शन साइज हमेशा रखता है मायने 

चपातियां स्वास्थ्यवर्धक होती हैं सिर्फ इसलिए ही आपको इनका अधिक से अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।  इसका मतलब यह नहीं है कि आप ज्यादा संख्या में चपातियां खाना शुरू कर दें। अगर आप रात के खाने के लिए चपाती बनाने की योजना बना रहे हैं, तो सोने से दो-तीन घंटे पहले अपना खाना खत्म करने की कोशिश करें। लेकिन आपको चावल ज्यादा खाना पसंद है तो सप्ताह में एक या दो बार इनका सेवन करना आपके लिए ठीक रहेगा । यदि आप अधिक बार चावल खाना चाहते हैं, तो ब्राउन राइस का विकल्प चुनें।            

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