मोटापा और हार्ट की बीमारी दोनों के मामले पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ें हैं। दरअसल ये आपस में एक दूसरे से जुड़ी हुईं हैं। अगर आपका मोटापा बढ़ता जा रहा है, तो इसका मतलब है कि आपको हृदय रोग और दूसरे बहुत सारे रोग होने का खतरा ज्यादा है। दरअसल मोटापे कारण शरीर में हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो जाती हैं, जो लंबे समय में हार्ट को नुकसान पहुंचाती हैं और आपको हार्ट की बीमारी दे सकती हैं। आइए जानते हैं मोटापा और हार्ट की बीमारी के बीच संबंध के बारे में।
हार्ट रोग और मोटापा के बीच क्या संबंध है?
अगत्सा के मेडिकल एडवाइजर डॉक्टर अन्बू पांडियन के मुताबिक शरीर में ज्यादा वजन के कारण हार्ट से संबंधित बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, जैसे- हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, स्लीप एप्निया। ये सभी रोग हार्ट के लिए खतरनाक होते हैं। मोटापा ही हार्ट के रोग का कारण बनता है। मोटापे में बढ़े हुए बहुत से मार्कर्स के कारण दिल का दौरा आता है।
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- जिन लोगों को लंग्स या फेफड़ों की बीमारी होती है या फिर वे एचआईवी पॉजिटिव हैं, ऐसे लोग मोटापे के कारण अधिक लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाते हैं।
- जैसे जैसे हमारे शरीर में वजन बढ़ता जाता है हमारे शरीर में काफ़ी बदलाव आ जाता है। जो हार्ट रोग के खतरे को बढ़ा सकता है।
- वजन बढ़ने पर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है।
- वजन बढ़ने पर ब्लड शुगर का स्तर भी बढ़ जाता है। यह बदलाव इतने धीमे से होता है कि आपको पता भी नही चलता। इसी कारण से यह ज्यादा खतरनाक है।
- शरीर में वजन बढ़ने पर ऐसे ही और भी कई प्रभाव पड़ते हैं, जो हार्ट रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं।
जब शरीर में मोटापा बढ़ता है, तो यह शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल, जोकि खराब कोलेस्ट्रॉल होता है,के स्तर को बढ़ा देता है और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल जो कि अच्छा कोलेस्ट्रॉल है, उसके स्तर को कम करने का काम करता है। इससे हार्ट की बीमारी होने का खतरा और भी ज्यादा रहता है।
ब्लड प्रेशर पर मोटापे का प्रभाव
हमारे शरीर में वजन के बढ़ने पर ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है क्योंकि वजन ज्यादा होने के कारण हार्ट की मसल्स को ज्यादा ब्लड पंप करना पड़ता है। जब पंप ज्यादा काम करता है, तो ब्लड सेल्स सख्त हो जाती हैं और किडनी भी अच्छी तरह से काम नहीं करती। ऐसे में ब्लड सेल्स में द्रव जमा हो जाता है, जो हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है।
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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया
मोटापा होने से स्लीप एप्निया होने की संभावना बढ़ जाती है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमे नींद के दौरान खर्राटे आते हैं और सांस लेने में दिक्कत होती है। हवा की पूर्ति के लिए रात के समय जागकर हवा के लिए हांफना पड़ता है। स्लीप एप्निया वाले अधिकांश लोगों में अधिक वजन या मोटापा होता है। स्लीप एप्निया रोग हार्ट रोग से जुड़ा हुआ है हार्ट रोग वाले लोगों में स्लीप एप्निया भी होता है। स्लीप एप्निया वाले लोगों में दिल की धड़कन रुकना, दिल की धमनी का रोग और हाई ब्लड प्रेशर जैसे रोग होते हैं। जो हमारे दिल के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
शुगर और मोटापा के बीच गहरा संबंध है। दोनों ही हार्ट की बीमारियों के लिए उत्तरदायी हैं। जैसे-जैसे वजन बढ़ता जाता है, वैसे ही शुगर का स्तर भी बढ़ जाता है। शुगर हमारे हार्ट के आस पास की ब्लड सेल्स को सीधा नुकसान पहुंचाती है।