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क्या एक बार गर्भपात होने के बाद दूसरे का खतरा भी बढ़ जाता है? डॉक्टर से जानें इसके बारे में

यदि आप सोच रहे हैं कि क्या एक गर्भपात के कारण आपको दूसरे गर्भपात का खतरा होता है? तो आइए जानते हैं इसके बारे में।  
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क्या एक बार गर्भपात होने के बाद दूसरे का खतरा भी बढ़ जाता है? डॉक्टर से जानें इसके बारे में


Does Having One Miscarriage Put You at risk for another in hindi : गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में महिलाओं को कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। गर्भावस्था की पहली तिमाही में जी मिचलाना और मॉर्निंग सिकनेस की समस्या आम होती है। आज के दौर में जब प्रदूषण और खानपान में पोषक तत्वों की कमी होने लगी है, तब गर्भधारण के बाद बच्चे को जन्म देना बहुत ही मुश्किल काम है। जीवनशैली के कारण कुछ महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी होती है, तो वहीं, कुछ गर्भधारण के 20वें सप्ताह में विभिन्न कारणों से गर्भपात का शिकार हो जाती हैं। गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद अचानक से योनि के खून आना, कमर में तेज दर्द और पेट में तेज ऐंठन गर्भपात के लक्षण हैं। किसी भी महिला के लिए गर्भपात एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हैं। लेकिन गर्भपात क्यों होता है और महिलाओं को किस बात का खतरा होता है? क्या एक गर्भपात किसी व्यक्ति को दूसरे गर्भपात के खतरे में डाल सकता है, इन सभी विषयों पर आज इस लेख में चर्चा करेंगे।

गर्भपात क्यों होता है? - Why does miscarriage happen?

गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल का कहना है कि लगभग 80% गर्भपात पहली तिमाही के दौरान होते हैं। कुछ मामलों में, महिलाओं को बार-बार गर्भपात का अनुभव भी हो सकता है, जिसमें लगातार दो या अधिक गर्भपात शामिल हैं। गर्भपात के लिए विभिन्न कारक जिम्मेदार हो सकते हैं।

असामान्य गुणसूत्र: गर्भपात मुख्य रूप से पहली तिमाही में 12 सप्ताह के भीतर होता है। आधे से ज़्यादा मामलों में ये बच्चे के गुणसूत्रों में समस्याओं के कारण होते हैं।

चिकित्सा स्थितियां: संक्रमण या ऑटोइम्यून विकार जैसी पहले से मौजूद चिकित्सा स्थितियों के कारण भी गर्भपात को खतरा होता है।

पर्यावरणीय कारक: फल और सब्जियों में कीटनाशकों का छिड़काव, खाने की चीजों में केमिकल्स की मिलावट और वायु प्रदूषण के कारण भी गर्भपात होता है।

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क्या एक गर्भपात के बाद दूसरे का खतरा बढ़ता है?- Does Having One Miscarriage Put You at risk for another

डॉ. आस्था दयाल का कहना है कि "एक बार गर्भपात होने से महिला को दूसरे गर्भपात का खतरा ज्यादा नहीं होता है। एक गर्भपात के बाद भविष्य की गर्भावस्था में गर्भपात का जोखिम लगभग 20% होता है। लगातार दो गर्भपात के बाद, तीसरे गर्भपात का जोखिम लगभग 25% तक बढ़ जाता है। लगातार तीन या उससे ज्यादा गर्भपात का खतरा लगभग 30-40% होता है।" अगर किसी महिला को पहली बार गर्भपात हुआ और उसे ऐसा लगता है कि वह दूसरी बार भी गर्भपात का शिकार हो सकती है, तो गर्भधारण का पता चलते ही डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर के अनुसार, जिन महिलाओं को बार-बार गर्भपात होता है, उन्हें इस विषय पर स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए। विशेषज्ञ बार-बार गर्भपात क्यों हो रहा है, इसके क्या कारण हैं और इससे बचने के लिए जीवनशैली और खानपान में क्या-क्या बदलाव करने चाहिए इसके बारे में उन्हें बताएंगे।

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गर्भपात के जोखिम को कैसे कम करें - How To Mitigate The Risk Of Miscarriage

अगर आप गर्भपात से बचना चाहती हैं, तो नीचे बताए गए टिप्स को फॉलो कर सकती हैं :

  • गर्भधारण से पहले जांच कराएं
  • गर्भधारण के बाद जांच जरूर करवाएं, ताकि किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके।
  • रोजाना डॉक्टर द्वारा सुझाए गए मल्टीविटामिन लें।
  • कैफीन की मात्रा सीमित करें।
  • स्वस्थ, संतुलित आहार लें।
  • कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें बैक्टीरिया हो सकते हैं।

All Image Credit: Freepik.com

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