Curd and Milk: दूध और दही में कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए जरूरी होते हैं। दही में कैल्शियम, विटामिन बी12, विटामिन बी2, मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है। वही दूध में प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन, विटामिन ए, विटामिन डी, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और आयोडीन समेत कई तत्व पाए जाते हैं। लेकिन कई लोगों को लगता है कि दूध या दही शरीर में एसिडिटी का कारण बनते हैं। इनके सेवन से पेट दर्द, उल्टी जैसा महसूस होता है। तो क्या सच में दही और दूध शरीर में एसिडिटी बनाते हैं? इस बारे में हमने राम हंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा (Shrey Sharma, Ayurvedacharya of Ram Hans Charitable Hospital) से विस्तार में जाना।
क्या दही से गैस बनती है? (Does curd cause acidity)
डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि दही सूर्यास्त होने से पहले खाना चाहिए। रात को दही के सेवन से परहेज करें। ताजे दही की तासीर ठंडी होती है और खट्टी दही की तासीर गर्म होती है। गलत समय और तरीके से दही खाने पर बदहजमी की समस्या हो सकती है। लेकिन अगर सही समय पर दही खाया जाए, तो यह नुकसानदायक नहीं होता है। दही खाने से गैस या एसिडिटी नहीं बनती है।
दही खाने का करने का सही समय (dahi ko kaise khaye)
दही हमेशा मलाई निकालकर ही खानी चाहिए। क्योंकि इससे दही को आसानी से पचाया जा सकता है। कोलेस्ट्रोल बढ़ने पर या हृदय रोगियों को मलाई निकालकर ही दही खाने की सलाह दी जाती। इसके अलावा जिन लोगों को डाइजेशन की समस्या है, उन्हें भी बिना मलाई वाली दही खानी चाहिए। अगर आप वर्कआउट नहीं करते हैं, तो मलाई वाली दही खाने से बचें। वरना इससे आपको बदहजमी की समस्या हो सकती है। आसानी से पचाने के लिए सुबह और दोपहर के समय दही का सेवन करें।
डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि आजकल शारीरिक श्रम काफी कम हो गया है। इसलिए दही को हमेशा मलाई निकालकर खाना ही फायदेमंद होता है। रात के समय दही खाने से परहेज करें। अधिक मात्रा में दही के सेवन से बचें।
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दूध पीने का सही समय और तरीका (milk right time to drink)
डॉक्टर श्रेय बताते हैं कि दूध की तासीर ठंडी होती है। पाचन में आसान बनाने के लिए इसमें छोटी इलायची डाली जा सकती है। छोटे बच्चे, शारीरिक रूप से सक्रिय रहने वाले लोगों को ही रात के समय दूध लेना चाहिए। 40 साल के बाद रात में दूध लेने से परहेज करना चाहिए। अगर आपकी उम्र अधिक है, तो आप शाम को 4-5 बजे के बीच में दूध पी सकते हैं। दूध के बाद फलों, मछली से परहेज करें।
क्या दही और दूध एसिडिटी का कारण बनते हैं? (Does curd milk cause acidity)
डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि दही और दूध कभी भी एसिडिटी नहीं बनाते हैं। दरअसल, कई लोग बदहजमी को भी एसिडिटी समझ लेते हैं। समय पर भोजन न करना, फलों-सलाद का सेवन न करना, घी का सेवन न करना बदहजमी का कारण बनते हैं। जब किसी व्यक्ति को बदहजमी होती है तो उसे कम मात्रा में दही खानी चाहिए। लेकिन दही का सेवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि इससे एसिडिटी नहीं बनती है।
इसे एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं। अगर कोई व्यक्ति ओवरइटिंग करता है, साथ में दही या दूध लेता है तो इससे उसे बदहजमी हो सकती है। लेकिन लोग समझते हैं कि दही या दूध लेने से उन्हें एसिडिटी बन रही है। अगर आपकी लाइफस्टाइल, खान-पान बिल्कुल ठीक है, तो दही और दूध कभी भी एसिडिटी नहीं बनाते हैं।
दही और दूध साथ में लेने के नुकसान (Harmful curd combination)
दही और दूध दोनों सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इन दोनों में पोषक तत्व भरपूर होते हैं। लेकिन दूध और दही दोनों का एक साथ सेवन कभी नहीं करना चाहिए। इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। दूध और दही साथ में लेना इनडाइजेशन का कारण बन सकता है। ऐसा करने से गैस, एसिडिटी, बदहजमी और उल्टी की समस्या हो सकती है। अगर आप इन दोनों का सेवन साथ में करते हैं, तो ऐसा करना आज ही बंद कर दें।
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गैस और एसिडिटी के कारण (gas and acidity causes)
डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि दूध और दही खुद एसिडिटी नहीं बनाते हैं। गैस और एसिडिटी के कई कारण हैं-
- 1.इनएक्टिव लाइफस्टाइल
- 2.ओवरइटिंग
- 3.समय पर भोजन न करना
- 4.भोजन के साथ पानी पीना
डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार आप सही डाइट के साथ दही और दूध का सेवन आसानी से कर सकते हैं। अगर दूध और दही सही तरीके से खाए, तो इनसे कोई नुकसान नहीं होता है। गैस और एसिडिटी से बचने के लिए समय पर भोजन करें। खुद को एक्टिव रखें। अगर आपको सही समय और सही तरीके से दूध-दही लेने पर भी एसिडिटी बने, तो अपने चिकित्सक से संपर्क करें।