फैट सुनते ही लोगों के दिमाग में मोटापा आता है। ज्यादातर लोग फैट को शरीर के लिए नुकसानदायक या यूं कहें कि बॉडी का दुश्मन मानते हैं। यहां सवाल ये उठता है कि क्या सच में फैट शरीर को नुकसान पहुंचाता है या हम सभी एक ऐसे मिथक को आंख बंद करके फॉलो कर रहे हैं, जिसका सच्चाई से कोई लेना-देना ही नहीं है? दरअसल, शरीर के लिए फैट यानी वसा की मात्रा का बढ़ना अच्छा नहीं होता है। इससे शरीर को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अब फैट शरीर का दुश्मन है या नहीं, इसका जवाब होम्योपैथ और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ स्मिता भोईर पाटिल ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर दिया है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या फैट शरीर का दुश्मन होता है?
जी नहीं, फैट शरीर का दुश्मन नहीं होता है। शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए फैट की सही मात्रा का होना बहुत जरूरी होता है। इससे सर्दियों में बॉडी का तापमान सही रहता है। इसके अलावा, बॉडी को एनर्जी मिलती है, विटामिन अच्छे से अब्सॉर्ब हो पाते हैं, दिल और दिमाग को फायदा हो सकता है। फैट्स की मदद से शरीर की कई अन्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि फैट्स का इन्टेक बंद करने से शरीर को कौन-सी समस्याएं हो सकती हैं।
दिमाग पर होता है बुरा असर
अगर आप फैट का इन्टेक बंद कर देते हैं, तो दिमाग पर बुरा असर होता है। दरअसल, हमारा दिमाग 60 परसेंट फैट से बना होता है। शरीर में हेल्दी फैट की मात्रा कम होने से इंसान को ब्रेन फॉग, मेमोरी लॉस, मूड स्विंग्स, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में शरीर के अंदर हेल्दी फैट की पर्याप्त मात्रा होनी जरूरी है।
स्किन को हो सकता है नुकसान
शरीर में फैट की कमी होने पर त्वचा का मॉइश्चर उड़ जाता है। ऐसे में आपको डलनेस, ड्राईनेस और ब्रेकआउट की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप स्किन को मॉइश्चराइज और हाइड्रेट रखना चाहते हैं, तो शरीर में गुड फैट की मात्रा होना जरूरी है।
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विटामिन नहीं हो पाएंगे अब्सॉर्ब
अगर शरीर में गुड़ फैट की मात्रा नहीं होती है, तो विटामिनों को पूरी तरह अब्सॉर्ब नहीं किया जा सकता है। इस स्थिति में बॉडी सही तरह से विटामिन-ए, डी, ई और के को अब्सॉर्ब नहीं कर पाती है। इन विटामिनों की कमी होने से इम्यूनिटी और कमजोर हो सकती हैं। साथ ही, स्किन और आंखों को भी नुकसान होता है।
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दिल की सेहत पर होगा बुरा असर
दिल की सेहत के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत जरूरी होता है। इससे सूजन को कम किया जा सकता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। यह हार्ट की कई गंभीर और जानलेवा बीमारियां होने के खतरे को कम करता है।
हार्मोनल इम्बैलेंस की समस्या
शरीर में गुड फैट की कमी के कारण हार्मोनल इम्बैलेंस की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति को लो महसूस होता है, पीरियड्स में अनियमितता आती है और मेटाबॉलिज्म भी स्लो हो सकता है। ऐसे में फैट का इन्टेक बंद नहीं करना चाहिए।
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कुल मिलाकर, आपको अपनी डेली डाइट में गुड फैट को शामिल करना चाहिए। इससे ऊपर बताई सभी समस्याओं से बचा जा सकता है। शरीर में गुड फैट की मात्रा बढ़ाने के लिए आप सोयाबीन, नट्स, एवोकाडो, केला आदि चीजों को अपनी डेली डाइट में शामिल कर सकते हैं।