गर्मी का मौसम आते ही तापमान बढ़ने के साथ-साथ लोगों को ज्यादा प्यास भी लगने लगती है और ऐसे में लोग ठंडी चीजों का सेवन करना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में लोग ताजगी और राहत पाने के लिए ठंडी ड्रिंक्स का सहारा लेते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली चीज है कोल्ड ड्रिंक। बाजार में उपलब्ध कोला, ऑरेंज सोडा, लेमन फ्लेवर और अन्य कार्बोनेटेड ड्रिंक्स गर्मी से राहत तो तुरंत देती हैं, लेकिन इनका लंबे समय तक सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। खासतौर पर हड्डियों की सेहत पर इसका गहरा असर देखा गया है। बच्चे, युवा, यहां तक कि कई बुज़ुर्ग भी रोजाना कोल्ड ड्रिंक का सेवन करते हैं कभी स्वाद के लिए, कभी प्यास बुझाने के लिए, तो कभी लोगों को इसकी लत भी लग जाती है और खाने के साथ भी कई लोग रोजाना कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करना शुरू कर देते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह ड्रिंक्स सिर्फ ठंडक ही दे रहे हैं या चुपचाप हमारी हड्डियों को कमजोर भी बना रही हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने आकाश हेल्थ केयर के डायरेक्टर, आर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट के हेड और प्रमुख डॉ.आशीष चौधरी (Dr. Aashish Chaudhry,Director & Head, Department of Orthopaedics & Joint Replacement, Aakash Healthcare) से बात की-
क्या कोल्ड ड्रिंक हड्डियों को कमजोर करती है? - Do Soft Drinks Affect Bones
डॉक्टर आशीष चौधरी बताते हैं कि कोल्ड ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन शरीर की हड्डियों को कमजोर कर सकता है। कोल्ड ड्रिंक्स में फॉस्फोरिक एसिड, कैफीन (Caffeine), शुगर, कृत्रिम रंग और फ्लेवर के साथ कई केमिकल तत्व होते हैं, जिनका शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन विशेष रूप से हड्डियों की मजबूती और घनत्व (Bone Density) पर इसका प्रभाव अब कई रिसर्च से सिद्ध हो चुका है।
इसे भी पढ़ें: हड्डियों को कमजोर होने से बचाने के लिए खाएं खसखस, मिलेंगे जबरदस्त फायदे
रिसर्च क्या कहती है?
National Center for Biotechnology Information (NCBI) द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, 'जो लोग नियमित रूप से कोल्ड ड्रिंक का सेवन करते हैं, उनमें फ्रैक्चर (हड्डी टूटने) का खतरा दोगुना होता है। यह खतरा केवल सामाजिक या खान-पान से संबंधित नहीं है, बल्कि कोल्ड ड्रिंक के अत्यधिक सेवन से सीधा जुड़ा है।' इस अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि डेली कोल्ड ड्रिंक पीने वालों में फ्रैक्चर का जोखिम दोगुना हो सकता है, भले ही उनकी उम्र, खानपान या लाइफस्टाइल कैसी भी हो।
1. फॉस्फोरिक एसिड का असर
फॉस्फोरिक एसिड का अत्यधिक सेवन शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को रोकता है। जब कैल्शियम शरीर में पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता, तो शरीर हड्डियों से कैल्शियम निकालकर जरूरतों को पूरा करता है, जिससे हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं। यह प्रक्रिया लंबी अवधि तक चले तो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।
इसे भी पढ़ें: ऑस्टियोपोरोसिस से बचाएंगे ये 5 फूड्स, 30+ उम्र में हड्डियों को कमजोर होने से बचाने के लिए जरूर करें सेवन
2. कैफीन का प्रभाव
कैफीन एक स्टिमुलेंट होता है, जो न केवल नींद और मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि यह भी माना गया है कि कैफीन कैल्शियम के उत्सर्जन को तेज करता है। यानी जितना ज्यादा कैफीन, उतना ज्यादा कैल्शियम पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है। यह भी हड्डियों के लिए नुकसानदायक है।
3. शुगर का असर
ज्यादा मात्रा में शुगर न केवल मोटापे का कारण बनती है, बल्कि यह शरीर की पोषण अवशोषण क्षमता को भी प्रभावित करती है। जब शरीर में शुगर का लेवल अधिक होता है, तो यह कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों के संतुलन को बिगाड़ता है, जिससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।
हड्डियों को मजबूत रखने के उपाय
- दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स का सेवन करें।
- धूप में कुछ समय बिताएं, जिससे विटामिन D शरीर को मिल सके।
- हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक, बथुआ और मेथी का सेवन करें
- नट्स और बीज, जैसे बादाम, तिल और अलसी भी हड्डियों के लिए फायदेमंद हैं।
- एक्सरसाइज करें विशेषकर वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज दौड़ना, तेज चलना, सीढ़ियां चढ़ना आदि हड्डियों को मजबूत बनाती हैं।
निष्कर्ष
कोल्ड ड्रिंक्स तुरंत भले ही आपको राहत और ठंडक दें, लेकिन लंबे समय से ये आपके शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। इनमें मौजूद तत्व शरीर से कैल्शियम की मात्रा को कम करते हैं और हड्डियों को धीरे-धीरे कमजोर बना सकते हैं। इसलिए यदि आप अपने और अपने परिवार की सेहत के प्रति सजग हैं, तो कोल्ड ड्रिंक्स की आदत को सीमित करें या पूरी तरह छोड़ दें और उसकी जगह हेल्दी ड्रिंक्स जैसे नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी या फल का ताजा जूस पिएं।
All Images Credit- Freepik
FAQ
कोल्ड ड्रिंक क्यों नहीं पीना चाहिए?
कोल्ड ड्रिंक में फॉस्फोरिक एसिड, कैफीन और ज्यादा शुगर होती है, जो शरीर के लिए हानिकारक होती है। यह हड्डियों से कैल्शियम को कम कर उन्हें कमजोर बनाती है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ाती है। शुगर के कारण मोटापा, डायबिटीज और दांतों की समस्या हो सकती है। कोल्ड ड्रिंक्स पेट की एसिडिटी, खराब पाचन और भूख में कमी का कारण बन सकती हैं, इसलिए कोल्ड ड्रिंक से बचना ही बेहतर होता है।हड्डियों के कमजोर होने के क्या लक्षण हैं?
हड्डियों के कमजोर होने के शुरुआती लक्षण अक्सर साफ नजर नहीं आते हैं, लेकिन समय के साथ कुछ संकेत दिखाई देने लगते हैं। इनमें पीठ या कमर में लगातार दर्द, बार-बार हड्डी टूटना या फ्रैक्चर होना, झुक कर चलना और कमजोरी या थकान महसूस होना शामिल हैं। हड्डियां कमजोर होने पर मामूली चोट या गिरने से भी फ्रैक्चर हो सकता है। जोड़ों में जकड़न या हल्का दर्द भी संकेत हो सकता है। अगर ये लक्षण दिखें, तो हड्डी की जांच कराएं और डॉक्टर से सलाह लें।हड्डियों की कमजोरी को कैसे दूर करें?
हड्डियों की कमजोरी दूर करने के लिए सबसे जरूरी है बैलेंस डाइट जिसमें कैल्शियम, विटामिन D, प्रोटीन और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में हों। दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स और सीड्स शामिल करें। रोजाना धूप में 15-20 मिनट बिताएं ताकि विटामिन D बन सके। नियमित एक्सरसाइज, खासकर वेट एक्सरसाइज जैसे तेज चलना, दौड़ना और योग करें। कोल्ड ड्रिंक और धूम्रपान से बचें। अगर डॉक्टर की सलाह हो तो कैल्शियम और विटामिन D के सप्लीमेंट लें।