दालों में ढेर सारे प्रोटीन्स और मिनरल्स होते हैं जो हमारे शरीर को पोषण के साथ-साथ एनर्जी देते हैं। अलग-अलग दालों से कई तरह की स्वादिष्ट और पौष्टिक डिशेज बनाई जाती हैं। मुंगौड़े, दही-बड़े, डोसा, घुघनी, सांभर आदि कई तरह के खाद्य पदार्थों का स्वाद दालों के बिना अधूरा है। दालों से कई तरह की मिठाइयां भी बनाई जाती हैं। ये मिठाइयां दूध और खोए से बनी मिठाइयों की अपेक्षा ज्यादा स्वादिष्ट, ज्यादा पौष्टिक होती हैं और इनमें कैलोरी भी बहुत कम होती है। इसलिए इन मिठाइयों को खाने से वजन बढ़ने की चिंता भी नहीं रहती है। आइये आपको बताते हैं कि दालों से आप कौन-कौन सी हेल्दी स्वीट डिश बना सकते हैं।
रसा मूंगा
ओडिशा की खास मिठाई 'रसा बड़ा' मूंग की दाल से बनती है। इसमें इलायची भी डालते हैं, ताकि लोग उंगलियां चाट-चाटकर इसे खाएं। यह स्वादिष्ट तो होती ही है, और इसमें मूंग दाल के सारे गुण भी मौजूद हैं, जैसे- प्रोटीन, आयरन और फाइबर। सिर्फ यही नहीं, पीली मूंग दाल में पोटैशियम, कैल्शियम और विटामिन बी कॉम्पलेक्स भी होता है।
इसे भी पढ़ें:- पेक्टिन फाइबर और लो शुगर के कारण जूस पीने से ज्यादा फायदेमंद है फल खाना
मूंग दाल की बर्फी
उत्तर भारत में मूंग दाल का हलवा ही नहीं, मूंग दाल की बर्फी भी बड़े चाव से खाई जाती है। बादाम, पिस्ते और शुद्ध देसी घी में बनी दाल की यह मिठाई इतनी स्वाद होती है कि हमारे मीठे खाने की क्रेविंग को और बढ़ा देती है। आपको बता दें कि इस दाल में फैट बिल्कुल भी नहीं होता।
उड़द की पिन्नी
उड़द की दाल भी मिठाईयां बनाने में यूज़ होती है और इसके भी कई फायदे हैं। इसमें आयरन की भरपूर मात्रा होती है। ऐसे में इसे खाने से बॉडी की इम्यूनिटी भी बढ़ती है। सिर्फ यही नहीं, यह दिल के मरीज़ों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। पंजाबी उड़द की दाल की पिन्नी बहुत पसंद करते हैं। वइ इसमें ढेर सारा मावा, देसी घी, काजू और बादाम डालकर इसे बनाते हैं। इस दाल से मोटी जलेबी, यानी इमरती भी तैयार की जाती है।
इसे भी पढ़ें:- चुकंदर खाने से शरीर को तुरंत मिलते हैं ये 7 फायदे
चने की बर्फी
चने की दाल की बर्फी भी बड़ी स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है। इसमें गुड़ और नारियल डालकर बनाते हैं। केसर, काजू और इलायची का स्वाद इसे और भी लाजवाब बना देता है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं और मेहमानों को सर्व भी कर सकते हैं। इसमें चने की दाल के सारे गुण मौजूद होते हैं, जैसे प्रोटीन, फाइबर। इससे डाइजेशन में भी मदद मिलती है। बूंदी के लड्डू भी चने की दाल से तैयार किए जाते हैं। बूंदी की शुरुआत राजस्थान से हुई थी। यह चने के आटे को फ्राई करके चाशनी में पकाई जाती है। उत्तर भारत के मंदिरों में इसका बहुत महत्व है। मंगलवार के दिन यह प्रसाद के रूप में हनुमानजी को चढ़ाई जाती है। धीरे-धीरे, इसी बूंदी के लड्डू भी बनने लगे। बूंदी के लड्डू के बाद, मोतीचूर के लड्डू भी बनने लगे।
बेसन के लड्डू
चने की दाल से बने बेसन से भी कई मिठाईयां तैयार की जाती हैं। बेसन का लड्डू उसमें से एक है, जिसे बच्चे भी बहुत पसंद करते हैं। बेसन की बर्फी और बेसन का हलवा भी बनता है। यहां तक की कर्नाटक की मशहूर मिठाई- मैसूर पाक भी एक तरह की बेसन की बर्फी है, जिसे चीनी और देसी घी में बनाया जाता है। चने की दाल और चाशनी से तैयार पुरन पोली दिवाली के त्योहार पर बड़े ही चाव से खाई जाती है। बेसन और मैदे से तैयार जलेबी और इमरती भी लोगों को बहुत पसंद आती है। लोग इसे शाम को चाय के साथ खाते हैं।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Healthy Eating In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version