आप अपने स्वास्थ्य का बहुत खयाल रखते हैं। रोजाना हेल्दी चीजें खाते-पीते हैं और अपने दिन की शुरुआत ताजे फलों के जूस से करते हैं तो ये अच्छी बात है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि फलों का जूस पीने और फलों को समूचा खाने में कौन सा ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक है? नहीं? तो आइये हम आपको बताते हैं कि समूचे फलों को खाना, फलों का जूस पीने से ज्यादा फायदेमंद क्यों है।
फलों में होता है ज्यादा फाइबर
फलों में भरपूर फाइबर होता है जबकि फलों के जूस में फाइबर नहीं होता है या बहुत कम होता है। इसलिए फलों का जूस पीने से कहीं ज्यादा अच्छा है कि आप फल ही खाएं। समूचा फल खाना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है क्योंकि इसमें पेक्टिन फाइबर होता है। फल को खाने में जूस पीने से ज्यादा समय लगता है इसलिए ये हमारी स्वाद ग्रंथियों को ज्यादा तृप्त कर पाता है। फलों में मौजूद घुलनशील फाइबर के कारण शरीर का वजन घटता है। इसके अलावा फाइबर के सेवन से मल मुलायम होता है और पेट अच्छी तरह साफ होता है।
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जूस में होता है ज्यादा शुगर
फल के जूस में फल की अपेक्षा शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। कई फलों में तो ये अंतर दोगुना तक हो सकता है। इसलिए फलों के जूस के ज्यादा सेवन से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है। जबकि फलों के सेवन से डायबिटीज कंट्रोल होता है। पैकेट बंद जूस में तो शुगर की मात्रा और ज्यादा होती है क्योंकि इन्हें स्वादिष्ट और मीठा बनाने के लिए इनमें शुगर मिलाया जाता है और खराब होने से बचाने के लिए प्रिजर्वेटिव्स भी मिलाए जाते हैं।
वजन बढ़ाता है जूस
फलों के जूस में फलों की अपेक्षा ज्यादा शुगर और कैलोरीज होती हैं इसलिए अगर आप जूस का ज्यादा सेवन करते हैं तो इससे वजन भी बढ़ सकता है। एक संतरे में 62.9 कैलोरीज होती हैं जबकि एक संतरे के जूस में 110 कैलोरीज होती हैं। अगर आप फलों को खाना पसंद नहीं करते हैं या फलों को खाने में अक्षम हैं तभी आपको जूस पीना चाहिए अन्यथा फल खाने से आपके शरीर को ज्यादा स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
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जल्दी पच जाता है जूस
जूस को हमारा शरीर तेजी से पचाता है इसलिए इससे एनर्जी और विटामिन्स तो शरीर को जल्दी मिल जाते हैं मगर इससे भूख शांत नहीं होती है। अगर किसी की पाचन क्षमता बहुत कमजोर है तब जूस का सेवन ठीक है। दरअसल जूस में फल की तरह फाइबर नहीं होता है इसलिए ये पेट को नहीं भर पाता है। जबकि फलों में रेशे होते हैं जिन्हें फाइबर कहा जाता है। इस फाइबर को पचाने के लिए लिवर को मेहनत करनी पड़ती है और इससे आपको पेट देर तक भरा हुआ महसूस होता है।
पैकेटबंद जूस है खतरनाक
अगर आप ताजे फलों की जगह पैकेटबंद जूस का सेवन करते हैं तो इससे आपको ज्यादा स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलते हैं। जूस बेचने वाली कई कंपनियां मार्केटिंग बढ़ाने के लिए डिब्बे पर बड़े अक्षरों में '100% रियल फ्रूट जूस' या '100% नैचुरल जूस' लिखती हैं। ये जूस तो नैचुरल हो सकते हैं मगर इनकी मैन्युफैक्चरिंग अननैचुरल ही होती है। इसके अलावा इस तरह के जूस को लंबे समय तक रखने से इसका टेस्ट और फ्लेवर खत्म हो जाता है इसलिए इसमें टेस्ट और फ्लेवर के लिए बाहर से कुछ पदार्थ मिलाया जाता है। इसके साथ ही इन्हें लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए पैकेटंबद जूस से कहीं अच्छा है कि आप ताजे फलों का जूस पियें और उससे भी अच्छा है अगर आप ताजे फल ही खा लें।
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