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पल्मोनरी एडिमा और निमोनिया में क्या अंतर है? जानें लक्षण और बचाव

Pulmonary Edema and Pneumonia: पल्मोनरी एडिमा और निमोनिया दोनों ही फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियां हैं, जानें इनमें प्रमुख अंतर।
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पल्मोनरी एडिमा और निमोनिया में क्या अंतर है? जानें लक्षण और बचाव


Difference Between Pulmonary Edema and Pneumonia: बढ़ते प्रदूषण, असंतुलित जीवनशैली और स्वास्थ्य से जुड़े कारणों की वजह से फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए खानपान, लाइफस्टाइल और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। निमोनिया और पल्मोनरी एडिमा (Pulmonary Edema) भी फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियां हैं। इन बीमारियों के लक्षण लगभग एक जसे होते हैं, जिसकी वजह से अक्सर लोग इनको लेकर कन्फ्यूज रहते हैं। फेफड़ों में लिक्विड जमा होने की वजह से सूजन हो जाती है और इसी स्थिति को पल्मोनरी एडिमा कहते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, पल्मोनरी एडिमा और निमोनिया में क्या अंतर है और इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए?

पल्मोनरी एडिमा और निमोनिया में मुख्य अंतर- Difference Between Pulmonary Edema And Pnuemonia in Hindi

बाबू ईश्वर शरण अस्पताल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर के मुताबिक पल्मोनरी एडिमा और निमोनिया में मुख्य अंतर इस तरह से हैं-

1. पल्मोनरी एडिमा या फेफड़ों की सूजन मुख्य रूप से दिल की समस्याओं के कारण होती है, जबकि निमोनिया एक संक्रामक रोग है जो बैक्टीरिया, वायरस, या फंगस के कारण होता है।

2. दोनों स्थितियों में सांस की तकलीफ होती है, लेकिन निमोनिया में बुखार और खांसी प्रमुख होते हैं, जबकि पल्मोनरी एडिमा में छाती में दर्द और ठंडे पसीने ज्यादा होते हैं।

3. पल्मोनरी एडिमा का इलाज मुख्य रूप से हार्ट की हेल्थ को ठीक करने पर फोकस करने में होता है, जबकि निमोनिया का इलाज एंटीबायोटिक्स या एंटीवायरल दवाओं से किया जाता है।

4. पल्मोनरी एडिमा की रोकथाम दिल की सेहत से जुड़ी होती है, जबकि निमोनिया की रोकथाम संक्रमण से बचाव और टीकाकरण पर निर्भर करती है।

Difference Between Pulmonary Edema and Pneumonia

पल्मोनरी एडिमा या फेफड़ों की सूजन- What is Pulmonary Edema in Hindi

पल्मोनरी एडिमा या फेफड़ों में सूजन की समस्या लिक्विड जमा होने के कारण होती है। फेफड़ों की झिल्लियों को नुकसान पहुंचने के कारण तरल पदार्थ या लिक्विड फेफड़ों में जमा हो जाता है। आमतौर पर पल्मोनरी एडिमा की समस्या हार्ट से जुड़ी स्थितियों के कारण होती है, लेकिन इसके अलग कारण भी हो सकते हैं।

पल्मोनरी एडिमा के लक्षण- Pulmonary Edema Symptoms in Hindi

फेफड़ों में सूजन होने पर ये लक्षण दिखते हैं-

  • सांस की तकलीफ
  • छाती में दर्द
  • तेज और उथली सांस
  • खांसी, खासकर रात में
  • थकान
  • बेचैनी
  • ठंडे और चिपचिपे पसीने

पल्मोनरी एडिमा के कारण- What Causes Pulmonary Edema in Hindi

  • हार्ट डिजीज
  • फेफड़ों की बीमारी
  • बहुत ज्यादा ऊंचाई पर जाना
  • कुछ दवाओं का सेवन
  • फेफड़ों का संक्रमण

पल्मोनरी एडिमा से बचाव के उपाय

1. दिल की सेहत का ध्यान रखें: हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए नियमित जांच और इलाज लें।

2. धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान फेफड़ों की सेहत के लिए हानिकारक है और इसे तुरंत छोड़ना चाहिए।

3. संतुलित आहार: स्वस्थ और संतुलित आहार दिल और फेफड़ों दोनों की सेहत के लिए जरूरी है।

4. नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।

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निमोनिया क्या है?- What is Pneumonia in Hindi

निमोनिया एक संक्रमण है जो फेफड़ों के एयर सैक (एल्वियोली) को प्रभावित करता है। इसमें एल्वियोली में मवाद या अन्य तरल पदार्थ भर जाते हैं, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।

निमोनिया के लक्षण- Pneumonia Symptoms in Hindi

निमोनिया के लक्षण इस तरह से हैं-

  • तेज बुखार और ठंड लगना
  • खांसी, जिसमें मवाद या ब्लड आ सकता है
  • सांस लेने में दिक्कत
  • छाती में दर्द जो खांसी या सांस लेने पर बढ़ जाता है
  • थकान और कमजोरी
  • भूख में कमी

निमोनिया के कारण- What Causes Pneumonia in Hindi

निमोनिया के मुख्य कारण इस तरह से हैं-

  • बैक्टीरिया (जैसे स्टैफिलोकोकस निमोनिया)
  • वायरस (जैसे इंफ्लुएंजा वायरस)
  • फंगस (जैसे कैंडिडा)
  • केमिकल के संपर्क में आना
  • फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां
  • स्मोकिंग

निमोनिया से बचाव कैसे करें?

1. टीकाकरण: निमोनिया से बचाव के लिए कई तरह के टीके उपलब्ध हैं, जैसे न्यूमोकोकल वैक्सीन और फ्लू शॉट्स।

2. स्वच्छता बनाए रखें: नियमित रूप से हाथ धोना और हाइजीन बनाए रखना संक्रमण से बचाने में मदद करता है।

3. धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान फेफड़ों की प्रतिरक्षा को कमजोर करता है और संक्रमण का जोखिम बढ़ाता है।

4. स्वस्थ आहार और व्यायाम: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।

5. बीमार लोगों से दूरी: यदि किसी को निमोनिया है, तो उससे दूरी बनाए रखें और संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

फेफड़ों की सूजन और निमोनिया दोनों ही गंभीर स्थितियां हैं। दोनों स्थितियों की पहचान, उनके कारणों और लक्षणों के बारे में सही समय पर समझकर उचित इलाज लेना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और टीकाकरण से इन स्थितियों से बचाव संभव है।

(Image Courtesy: freepik.com)

 

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