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लोबर निमोनिया क्या है? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज

लोबर निमोनिया का संक्रमण फेफड़ों के एक या एक से अधिक भाग को संक्रमित कर सकता है, जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में।
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लोबर निमोनिया क्या है? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज


निमोनिया फेफड़ों से जुड़ा एक गंभीर संक्रमण है जो बच्चों और बुजुर्गों में सबसे ज्यादा देखा जाता है। निमोनिया का संक्रमण होने पर नाक, फेफड़े और गले में इन्फेक्शन फैलता है जिसके चलते मरीज को सांस लेने में दिक्कत समेत कई अन्य समस्याओं से जूझना पड़ता है। निमोनिया होने पर आपके फेफ्सों में लिक्विड या मवाद भी भर जाता है जिसकी वजह से खांसी, कफ और सांस लेने में तकलीफ होनी शुरू होती है। निमोनिया का संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस और कवक आदि से फैल सकता है। शुरुआत में इस बीमारी का अधिक जोखिम नहीं रहता है लेकिन सही समय पर इलाज न होने की वजह से यह समस्या गंभीर हो सकती है। निमोनिया की समस्या कई तरह की होती है जिसमें लोबर निमोनिया बहुत अहम है। लोबर निमोनिया दरअसल ऐसी समस्या है जिसमें आपके फेफड़ों के एक या इससे अधिक भागों में संक्रमण फैल सकता है। आमतौर पर यह न्यूमोकोकाई बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से होता है। आइये विस्तार से जानते हैं लोबर निमोनिया के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।

लोबर निमोनिया के लक्षण (Lobar Pneumonia Symptoms in Hindi)

लोबर निमोनिया किसी भी उम्र में हो सकती है। शुरुआत में लोबर निमोनिया से संक्रमित होने पर हल्के लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन धीरे-धीरे ये लक्षण गंभीर हो सकते हैं। अवध हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शेख जफर लोबर निमोनिया की समस्या में दिखने वाले लक्षण उसके कारण पर भी निर्भर करते हैं। लोबर निमोनिया की समस्या में दिखाई देने वाले शुरुआती लक्षण ज्यादातर मामलों में सर्दी-जुकाम में दिखाई देने वाले लक्षणों की तरह ही होते हैं। लेकिन जब इस समस्या का समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो ये लक्षण गंभीर हो सकते हैं। लोबर निमोनिया में दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।

  • अत्यधिक खांसी।
  • सीने में दर्द।
  • सांस लेने में तकलीफ।
  • कफ और खांसी।
  • मानसिक संतुलन बिगड़ना।
  • बुखार और तेज पसीना।
  • उल्टी, दस्त और मतली।
  • पेट में गड़बड़ी।

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लोबर निमोनिया के कारण (Lobar Pneumonia Causes in Hindi)

लोबर निमोनिया दरअसल निमोनिया का एक प्रकार है। इस समस्या को न्यूमोकोकल निमोनिया एवं प्राइमरी निमोनिया के नाम से भी जाना जाता है। ज्यादातर मामलों में फेफड़ों में सूजन और इन्फेक्शन देखने को मिलता है। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में लोबर निमोनिया की समस्या हो सकती है। कई तरह के वायरस और कीटाणु लोबर निमोनिया का कारण हो सकते हैं। संक्रमित हवा में सांस लेने से भी यह संक्रमण आपको हो सकता है। लोबर निमोनिया के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।

  • कम्युनिटी स्प्रेड के कारण लोबर निमोनिया का संक्रमण।
  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण।
  • फेफड़ों से जुड़ी सर्जरी के बाद लोबर निमोनिया।
  • धूम्रपान और अल्कोहल का अत्यधिक सेवन करने की वजह से।
  • ब्लड में इन्फेक्शन होने के कारण।

लोबर निमोनिया का इलाज और बचाव (Lobar Pneumonia Treatment and Prevention in Hindi)

लोबर निमोनिया की समस्या बहुत ज्यादा संक्रामक नहीं मानी जाती है लेकिन अगर आप सही समय पर इसका इलाज नहीं कराते हैं तो इसकी वजह से आपको कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए लोबर निमोनिया के लक्षण दिखने पर सबसे पहले आपको डॉक्टर के सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर जांच के बाद फेफड़ों से इन्फेक्शन दूर करने के लिए इलाज करते हैं। सही समय पर लक्षणों को पहचानकर जरूरी कदम उठाने से आप इस समस्या से बच सकते हैं। लोबर निमोनिया की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेकर इससे बचाव के लिए लगने वाले टीके जरूरी लेने चाहिए। इसके अलावा 2 साल से 5 साल की उम्र में बच्चों को निमोनिया का टीका लगवाने से बच्चों का न्यूमोकोकल बीमारी से बचाव होता है। निमोनिया के संक्रमण से बचने के लिए आपको समय-समय पर अपने हाथ साफ करते रहना चाहिए। इसके अलावा धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन न करने से भी इससे बचाव होता है।

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लेबर निमोनिया के लक्षण दिखने पर सबसे पहले आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस समस्या में दिखने वाले शुरूआती लक्षण सर्दी और जुकाम के लक्षण से मिलते-जुलते हैं। इसलिए आपको इसे सामान्य सर्दी-जुकाम समझकर नजरअंदाज बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। नियमित रूप से पौष्टिक डाइट और पर्याप्त नींद लेने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर की इम्यूनिटी ठीक होने पर निमोनिया का खतरा कम रहता है।

(All Image Source - Freepik.com)

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