Difference Between Male And Female Hormone Cycle in Hindi: प्रजनन स्वास्थ्य से लेकर शरीर के बेहतर तरीके से काम करने तक, हमारे शरीर में हार्मोन्स का अहम महत्व होता है। हार्मोन्स हमारे शरीर में एक महत्वपूर्ण संदेशवाहक के रूप में काम करता है। यह शरीर के कई प्रक्रियाओं को कंट्रोल करते हैं, जिसमें प्रजनन स्वास्थ्य, शारीरिक विकास, मेटाबॉलिज्म आदि को बेहतर रखने में मदद मिलती है। लेकिन, महिला और पुरुष दोनों के हार्मोनल साइकिल में अंतर होता है। ऐसे में आइए क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट प्रतिमा नागराज से जानते हैं कि पुरुष और महिला के हार्मोन साइकिल में क्या अंतर है? (male vs female hormone cycle)
आदमी का हार्मोनल चक्र कैसे काम करता है? - How Does The Male Hormone Cycle Work in Hindi
पुरुषों का हार्मोनल चक्र 24 घंटे के लिए होता है, जैसे सूरज उगने से लेकर रात तक। पुरुषों में मुख्य हार्मोन टेस्टोस्टेरोन होता है, जो दिन भर में अलग-अलग समय पर बदलता रहता है। जैसे-
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सुबह
पुरुषों में सुबह के समय टेस्टोस्टेरोन का स्तर सबसे ज्यादा होता है, जिससे उनमें एनर्जी लेवल भी बहुत ज्यादा होता है। यह समय है जब पुरुष सबसे ज्यादा एक्टिव महसूस करते हैं और इस समय वे मानसिक और शारीरिक रूप से काफी सक्रिय रहते हैं।
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दोपहर
दोपहर में भी टेस्टोस्टेरोन का स्तर ज्यादा रहता है, जिससे उनमें एनर्जी लेवल बना रहता है। दोपहर के समय पुरुष अपने रूटीन को अच्छी तरह फॉलो कर पाते हैं, और किसी भी तरह की मुश्किल से निकल पाने के लिए तैयार है।
शाम
जैसे-जैसे दिन ढलता है, पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है। इसलिए, शाम को पुरुषों में कमजोरी या थकान महसूस होने लगती है और इस समय वे आराम करना चाहते हैं।
रात
रात के समय पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर सबसे कम होता है और इस समय पुरुषों का शरीर आराम करना पसंद करता है और इस समय उन्हें ज्यादा नींद आती है।
महिलाओं में हार्मोन साइकिल कैसे काम करता है? - How Does The Female Hormone Cycle Work in Hindi?
महिलाओं का हार्मोनल चक्र लगभग 28 दिनों का होता है, जो मून साइकिल की तरह होता है। महिलाओं में पीरियड साइकिल आमतौर पर 4 चरणों में बांटे हैं। जिसमें
1. फोलिक्युलर फेज
यह चरण पीरियड के पहले दिन से शुरू होता है। इस समय शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे एनर्जी, फोकस, और प्रोडक्टिविटी बढ़ जाती है। यह समय है जब महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से सबसे ज्यादा एक्टिव होती है।
2. ओव्यूलेटरी फेज
हार्मोनल साइकिल का महिलाओं में वह समय होता है, जब महिलाओं के हार्मोन्स सबसे ज्यादा पीक पर होते हैं। इस समय महिला का शरीर सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव, सोशल और एक्टिव महसूस करता है। यह चरण महिलाओं के लिए सोशल गतिविधियों और अन्य जरूरी कामों के लिए सबसे बेहतर होता है।
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3. ल्यूटियल फेज
ल्यूटियल फेज महिलाओं में ओव्यलेटरी चरण के बाद आता है, और इस समय महिलाओं में एस्ट्रोजेन हार्मोन का स्तर घटने लगता है, जबकि प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ता है। इस समय महिलाओं के शरीर में एनर्जी की कमी होती है और शरीर को ज्यादा आराम और देखभाल की जरूरत होती है। इस समय महिलाएं थोड़ा ज्यादा थका हुआ महसूस करती हैं।
4. पीरियड्स
पीरियड्स महिलाओं के हार्मोनल फेज का आखिरी चरण होता है, जिसमें सभी हार्मोन्स का स्तर समबसे ज्यादा कम होता है। शरीर को आराम और दोबारा चार्ज होने की जरूरत होती है। यह समय महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा सेंसिटिव होता है और उन्हें इस दौरान सबसे ज्यादा आराम की जरूरत होती है।
पुरुष और महिला के हार्मोनल साइकिल में अंतर - Difference Between Male And Female Hormone Cycle in Hindi
महिलाओं के हार्मोनल फेज की तुलना में पुरुषों का हार्मोनल फेज अलग होता है। पुरुषों के हार्मोन दिनभर बदलते रहते हैं, जबकि महिलाओं के हार्मोनल फेज महीने में अलग-अलग चरणों में बदलते हैं। पुरुषों में एक दिन का हार्मोनल फेज होता है, जबकि महिलाओं के लिए यह महीनों तक चलता है। ऐसे में महिलाओं के लिए यह समझना जरूरी है कि उनका हार्मोनल साइकिल हर महीने बदलता है और हर चरण के साथ उनकी एनर्जी, मेंटल हेल्थ और शारीरिक जरूरते भी बदलती हैं।
निष्कर्ष
पुरुष और महिला के हार्मोनल साइकिल में बहुत बड़ा अंतर होता है, और दोनों के शरीर के काम करने का तरीका भी अलग होता है। महिलाओं के हार्मोनल साइकल को समझना औऱ उसके अनुसार लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है।
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