Difference between Gond and Gond katira: भारतीय घरों में कई तरह की चीजों का इस्तेमाल होता है। कुछ चीजों को सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए खाया जाता है, तो वहीं, कुछ चीजों ऐसी हैं, जिनकी तासीर ठंडी होती है और इसे सिर्फ गर्मियों में खाया जाता है। हमारे भारत में चीजों में इतनी वैरायटी है कि लोग चीजों को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। ऐसी ही दो चीजें हैं, जिसे लोग एक ही समझते हैं। पहली गोंद और दूसरा गोंद कतीरा।
मैं लंबे समय तक गोंद और गोंद कतीरे को एक ही समझती थी, लेकिन डिलीवरी के बाद जब मेरी मॉम ने मुझको स्पेशल गोंद के लड्डू खिलाएं तब मुझको पता चला कि गोंद और गोंद कतीरा एक दूसरे से बहुत अलग होते हैं।खास बात तो यह है कि इन दोनों के पोषक तत्व भी अलग-अलग हैं। माधवबाग के सीईओ और आयुर्वेदिक डॉक्टर रोहित साने से जानेंगे गोंद और गोंद कतीरा में अंतर और इसके सेवन का तरीका।
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क्या होता है गोंद?- What is Gond in Hindi
गोंद का इस्तेमाल सर्दियों के मौसम में किया जाता है। गोंद की तासीर गर्म होती है। गोंद मुख्य रूप से हार्ड होता है। इसको खाने में पीसकर इस्तेमाल किया जाता है। डॉ. रोहित साने कहना है कि गोंद में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। सर्दियों के मौसम में गोंद और गोंद से बनी चीजों का सेवन करने से सर्दी, खांसी, बुखार और वायरल इन्फेक्शन जैसी समस्या नहीं होती है। इसका सेवन करने से इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है और बीमारियों कम होती है। डिलीवरी के बाद जब महिला गोंद के लड्डूओं का सेवन करती है, तो इससे कब्ज, पेट में दर्द की समस्या नहीं होती है। साथ ही यह ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाता है।
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क्या है गोंद कतीरा- What is Gond katira
वहीं, गोंद कतीरा गोंद के लिक्विड को सुखाकर बनाया जाता है। गोंद कतीरा को पानी और दूध में मिलाकर सेवन किया जाता है। गोंद कतीरा में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिस वजह से यह पाचन के बहुत फायदेमंद होता है। गोंद कतीरा में मौजूद फाइबर मल को मुलायम बनाकर, मल त्याग की प्रक्रिया को भी आसान बनाता है। इसका सेवन करने से पेट में दर्द, कब्ज और गैस की समस्या नहीं होती है। गोंद कतीरा का सेवन गर्म जगहों पर रहने वाले लोग करते हैं। क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है।
गोंद कतीरा का सेवन करने से शरीर में कोलेजन का प्रोडक्शन बढ़ता है, जिससे स्किन और बाल खूबसूरत बनते हैं। गोंद कतीरा में प्रोटीन और फोलिक एसिड भरपूर पाया जाता है। इसके सेवन से शरीर को ताकत मिलती है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि रोजाना थोड़ी मात्रा में गोंद कतीरा का सेवन किया जाए, तो यह शारीरिक कमजोरी को दूर करता है।
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क्या है गोंद कतीरा और गोंद में अंतर
गोंद एक प्रकार का प्राकृतिक रेजिन होता है, जो विशेषकर बबूल (Acacia) या अन्य वृक्षों से निकलता है। जब पेड़ की छाल में कटाव होता है, तो उससे गाढ़ा रस रिसता है जो सूखने पर गोंद के रूप में बदल जाता है। वहीं, गोंद कतीरा भी एक प्राकृतिक गोंद है, लेकिन यह विशेष रूप से Astragalus नामक पौधे की प्रजातियों से प्राप्त होता है। यह विशेष रूप से पश्चिमी एशिया और मध्यपूर्व में पाया जाता है।
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गोंद का इस्तेमाल लड्डूओं और मिठाई के तौर पर किया जाता है। वहीं, गोंद कतीरा को पानी में मिलाकर पिया जाता है। इसे अक्सर गर्म जगह में रहने वाले लोग सेवन करते हैं। डॉ. रोहित साने के अनुसार, दिखने में गोंद और गोंद कतीरा एक जैसे लगते हैं, लेकिन जब इन दोनों को दूध और घी में डाला जाता है, तो यह अपना स्वरूप बदल लेते हैं।
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