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फेस सीरम और फेस टोनर में क्या अंतर होता है? एक्सपर्ट से जानें

स्किन की देखभाल के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फेस सीरम और फेस टोनर के बीच के अंतर को समझना बेहद जरूरी है। आगे जानते हैं इसके बारे में
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फेस सीरम और फेस टोनर में क्या अंतर होता है? एक्सपर्ट से जानें


Face Serum Vs Face Tonerत्वचा की देखभाल के अधिकतर लोगों द्वारा आज के समय में फेस सीरम और टोनर का उपयोग किया जाता है। त्वचा की विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए आप इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे चेहरे की गंदगी को साफ करने और चेहरे की स्किन को चमकाने के लिए उपयोग किया जाता है। यही कारण है कि आज अधिकतर लोगों को द्वारा ब्यूटी किट में फेस टोनर और फेस सीरम को भी शामिल किया जाता है। ज्यादा लोगों द्वारा इसे एक ही मान लिया जाता है। लेकिन, सही मायने में यह दोनों अलग-अलग ब्यूटी प्रोडक्ट हैं। इस लेख में आगे श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजी डॉ विजय सिंघल से जानते हैं कि फेस सीरम और फेस टोनर में क्या अंतर हो सकता है? 

फेस सीरम और फेस टोनर में क्या अंतर होता है? - Difference Between Face Serum And Face Toner In Hindi 

फॉमूलेशन और बनावट में अंतर

  • फेस सीरम: फेस सीरम हल्के, सेंट्रल फॉर्मूलेशन हैं, जो त्वचा में गहराई से प्रवेश करने के लिए बनाए गए हैं। इनमें आम तौर पर जेल जैसी या पानी जैसी स्थिरता होती है, जो उन्हें एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और हाइलूरोनिक एसिड जैसे सक्रिय तत्व प्रभावी ढंग से त्वचा में समा जाते हैं। 
  • फेस टोनर: दूसरी ओर, टोनर बेहद ही पतला पानी की तरह लिक्विड होता है। दरअसल, टोनर अपने कसैले गुणों के लिए जाने जाते थे, जिनका उपयोग स्किन से एक्सट्रा ऑयल हटाने और रोम छिद्रों को कसने के लिए किया जाता था। हालांकि, आधुनिक टोनर में अक्सर त्वचा के पीएच स्तर को संतुलित करने के लिए हाइड्रेटिंग तत्व मौजूद होते हैं।

face serum vs face toner

दोनों का प्राथमिक कार्य

  • फेस सीरम: सीरम का प्राथमिक कार्य उम्र बढ़ने, हाइपरपिग्मेंटेशन या डिहाइड्रेशन जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करना है। सीरम सेलुलर स्तर पर समस्याओं को दूर करते हुए सीधे त्वचा में सक्रिय तत्व पहुंचाते हैं। वे त्वचा की बनावट में सुधार करने, कोलेजन उत्पादन को बढ़ाने और स्किन में चमक लाने में मदद कर सकते हैं।
  • फेस टोनर: टोनर मुख्य रूप से सफाई के बाद त्वचा के पीएच को संतुलित करने का काम करता है। इसक अलावा यह त्वचा की देखभाल के लिए तैयार किया जाता है। जबकि कुछ टोनर में हाइड्रेटिंग गुण होते हैं, जो रोम छिद्रों को कम करते हैं और एक्सट्रा पोषक तत्व प्रदान करते हैं। 

इस्तेमाल करने के तरीके में अंतर

  • फेस सीरम: फेस सीरम आमतौर पर क्लींजिंग और टोनिंग के बाद व मॉइस्चराइजिंग से पहले लगाया जाता है। थोड़ी सी मात्रा ऊपर की ओर सर्कुलर मोशन में त्वचा की मसाज की जाती है। इससे उत्पाद पूरी तरह अवशोषित हो जाता है। 
  • फेस टोनर: क्लींजिंग के तुरंत बाद टोनर लगाया जाता है। इन्हें कॉटन के टुकड़े का उपयोग करके या हथेलियों में थोड़ी मात्रा में टोनर डालकर त्वचा पर थपथपाते हुए लगाएं। त्वचा को अधिक रुखी होने से बचाने के लिए टोनर का प्रयोग कम से कम करना चाहिए।

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फेस सीरम और फेस टोनर दोनों का ही इस्तेमाल फेस पर किया जाता है। इससे स्किन की समस्याओं को दूरन करने में मदद मिलती है। सीरम में एंटीऑक्सिडेंट, रेटिनॉल आदि होते हैं। जबकि, टोनर में अक्सर पानी, वनस्पति अर्क व अल्कोहल हो सकता है। आज बाजार में बिना अल्कोहल वाले टोनर भी उपलब्ध है।

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