Difference Between Chronological And Biological Age: समय के साथ हर व्यक्ति की उम्र में बढ़ोतरी होती है। उम्र का बढ़ना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। लेकिन, कई बार डॉक्टर को आपकी मौजूदा आयु पता होने के बाद भी वह बायोलॉजिकल उम्र के बारे में बताते हैं। इस दौरान आपको कई बार इस बात को समझना मुश्किल हो जाता है कि मौजूदा आयु और बायोलॉजिकल आयु में किस तरह से अंतर हो सकता है। डॉक्टर बताते हैं कि आमतौर पर, व्यक्ति की उम्र को वर्षों में गिनी जाती हैं, लेकिन यह केवल एक संख्या होती है। वास्तविकता में, दो प्रकार की उम्र होती हैं जिसमें कालानुक्रमिक (Chronological Age) और जैविक (Biological Age) को शामिल किया जाता है। इस लेख में यशोदा सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल के प्रिंसिपल डायरेक्टर इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर विजय अरोड़ा (Dr Vijay Arora, Principal Director- Internal Medicine. Yashoda Super Speciality Hospital Kaushambi) से जानते हैं कि क्रोनोलॉजिकल और बायोलॉजिकल उम्र में क्या अंतर होता है?
क्रोनोलॉजिकल और बायोलॉजिकल एज क्या होती है? - What is Chronological And Biological Age In Hindi
डॉक्टर व मेडिकल फिल्ड में व्यक्ति के जन्म की तारीख से बढ़ते सालों को आप क्रोनोलॉजिकल आयु में शामिल करते हैं। यह बताता है कि व्यक्ति का जन्म किस वर्ष में हुआ है। सामान्य रूप से कार्यालय ऑफिस और स्कूल आदि में इसी उम्र का जिक्र किया जाता है।
वहीं, बायोल़ॉजिकल उम्र यह बताती है कि आपके शरीर वास्तव में कितना स्वस्थ और युवा है। आपकी जीवनशैली, डाइट, एक्सरसाइज, स्ट्रेस का स्तर और नींद की क्वालिटी और आनुवांशिक स्थितियां प्रभावितक कर सकती हैं।
क्रोनोलॉजिकल और बायोलॉजिकल उम्र में क्या अंतर होता है? - Chronological vs. Biological Age: What's the Difference?
- क्रोनोलॉजिकल उम्र व्यक्ति के जन्म के वर्षों से गिनी जाती है। जबकि, बायोलॉजिकल उम्र को व्यक्ति के शरीर के अंगों की हेल्थ के अनुसार गणना की जाती है।
- व्यक्ति की क्रोनोलॉजिकल उम्र एक निश्चित समय के आधार पर बढ़ती है। जबकि, बायोलॉजिकल उम्र एक निश्चित पैर्टन में नहीं बढ़ती है। जीवनशैली और आदतों को बदलकर इसे प्रभावित किया जा सकता है।
- क्रोनोलॉजिकल उम्र का सीधा प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर नहीं पड़ता है। लेकिन, बायोलॉजिकल उम्र का सीधा संबंध आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है।
- व्यक्ति की क्रोनोलॉजिकल उम्र को आप कम नहीं कर सकते हैं। जबकि, बायोलॉजिकल आयु को हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज आदि से कम किया जा सकता है।
स्वस्थ रहने के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करें?
डॉक्टर्स के अनुसार आप लाइफस्टाइल में बदलाव कर बायोलॉजिकल उम्र को कम या ज्यादा कर सकते हैं। बायोलॉजिकल उम्र के लिए आप आगे बताई आदतों में बदलाव कर सकते हैं।
- डाइट - हेल्दी डाइट जैसे फल, सब्जियां और संतुलित आहार लेने से आप बायोलॉजिकल उम्र को कम कर सकते हैं।
- नियमित व्यायाम करें – योग, ध्यान, कार्डियो और वेट ट्रेनिंग जैसी गतिविधियां शरीर को युवा बनाए रखती हैं।
- तनाव को कम करें – अत्यधिक तनाव आपकी बायोलॉजिकल उम्र को बढ़ा सकता है, इसलिए मेडिटेशन और अन्य तकनीक को अपनाकर आप स्ट्रेस को नियंत्रित कर सकते हैं।
- पर्याप्त नींद - रोजाना कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेना शुरू करें। नींद की कमी आपके स्ट्रेस को बढ़ा सकती है, जो आपकी बायोलॉजिकल एज को बढ़ा सकती है।
- शराब और सिगरेट से बनाएं दूरी - ज्यादा शराब व सिगरेट पीना भी बायोलॉजिकल उम्र को बढ़ा सकता है। ऐसे में डॉक्टर्स बताते हैं कि आपको शराब व सिगरेट से दूरी बनाना चीहए।
इसे भी पढ़ें : खुश रहने से आपकी सेहत पर क्या-क्या पॉजिटिव प्रभाव पड़ते हैं? बता रहे हैं डॉक्टर
Chronological vs. Biological Age: What's the Difference?: हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल से आप कई तरह की समस्याओं से खुद का बचाव कर सकते हैं। ज्यादातर व्यक्तियों को क्रोनोलॉजिकल और बायोलॉजिकल उम्र में बदलाव हो सकता है। लेकिन, हेल्दी लाइफस्टाइल से आप बायोलॉजिकल उम्र को कम कर सकते हैं।