धूल, धूप, प्रदूषण और पोषण की कमी आपकी त्वचा को खराब करने का काम कर सकती हैं। सूर्य की यूवी किरणों के संपर्क में ज्यादा रहने से पिगमेंटेशन, झुर्रियां और झाइंयों की समस्या हो सकती है। हालांकि, इन समस्याओं को दूर करने के लिए बाजार में कई तरह से ब्यूटी प्रोडक्टस मौजूद हैं। वहीं, दूसरी ओर एंजिग के लक्षणों को दूर करने के लिए कॉस्मेटिक तकनीक भी उपलब्ध है। इस लेख में इंदिरापुरम के बर्कोविट कॉस्मैटिक क्लीनिक की डर्मेटालॉजिस्ट रेनू शाह ने बताया कि आज के समय में एंजिंग से बचने के लिए डर्माफिलर और बोटॉक्स का सहारा लिया जा रहा है। आगे जानते हैं इन दोनों के बीच में क्या अंतर होता है।
एंटी एजिंग डर्मल फिलर और बोटॉक्स में क्या अंतर हैं? - Difference Between Anti-ageing Dermal Fillers and Botox In Hindi
डर्मल फिलर और बोटॉक्स को समझें
डर्मल फिलर
डर्मल फिलर मुख्य रूप से हयालूरोनिक एसिड से बने होते हैं, जो शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है। यह त्वचा को इलास्टिसिटी प्रदान करता है। जब इसे इंजेक्ट किया जाता है, तो डर्मल फिलर फाइन लाइन्स, झुर्रियों और चेहरे की खोई हुई रंगत को वापस प्रदान करने में सहायक होता है।
बोटोक्स (बोटुलिनम टॉक्सिन)
दूसरी ओर, बोटोक्स झुर्रियों और फाइन लाइन्स पैदा करने के लिए जिम्मेदार मांसपेशियों को कुछ समय के लिए टम्परेरी बेस पर रिलेक्स करता है। बोटोक्स मांसपेशियों में नर्वस सिग्नलस को रोकता है और उन्हें सिकुड़ने से रोकता है। मांसपेशियों की गतिविधि में यह कमी व्यक्ति की स्किन को साफ और झुर्रियों को दूर करने में सहायक होती है।
कैसे किया जाता है इलाज
डर्मल फिलर
डर्मल फिलर कई तरह से फायदेमंद होता है। इसका उपयोग अन्य काम के लिए भी किया जा सकता है। यह तकनीक चेहरे की बनावट में भी सुधार कर सकती है। इसके इस्तेमाल से एजिंग के लक्षण दूर हो सकते हैं।
बोटोक्स
बोटोक्स का उपयोग मुख्य रूप से एक्टिव रिंकल्स के लिए किया जाता है, जो बार-बार मांसपेशियों के सक्रिय के कारण हो सकते हैं। सामान्य उपचार में माथे की रेखाएं, आंखों के आसपास और भौंहों के बीच में किया जाता है। बोटोक्स उन क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रभावी है जहां मांसपेशियों के कॉन्ट्रैक्शन एंजिंग के लक्षणों में सहायक होते हैं।
इन दोनों तकनीक के रिजल्ट में क्या अंतर होता है?
डर्मल फिलर
डर्मल फिलर के परिणाम आमतौर पर उपचार के तुरंत बाद दिखाई देते हैं। जिन हिस्सों पर ट्रीटमेंट होता है, उनमें छह महीने से दो साल तक प्रभाव रह सकता है। समय के साथ, शरीर धीरे-धीरे फिलर को अवशोषित कर लेता है, जिससे दोबारा ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है।
बोटोक्स
बोटोक्स के परिणाम दिखने में आम तौर पर कुछ दिन लगते हैं, और पूरा प्रभाव दो सप्ताह तक दिखाई देता है। बोटोक्स के रिजल्ट की टाइम अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर इसका प्रभाव तीन से छह महीने तक रहता है। प्रभाव को बनाए रखने के लिए नियमित उपचार की आवश्यकता होती है, क्योंकि बोटोक्स की टेम्परेरी होने का कारण है कि समय के साथ शरीर में बदलाव होते रहते हैं।
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एंटी एजिंग के लिए डर्मल फिलर और बोटोक्स के बीच का चुनाव व्यक्ति की आवश्यक और प्राथमिकता के आधार पर किया जा सकता है। डर्मल फिलर और बोटोक्स दोनों के ट्रीटमेंट का असर कुछ समय के लिए ही रहता है।