खानपान ही नहीं, ये चीज भी खराब कर रही है आपका लिवर

खुद की केयर करने से कई तरह की संक्रामक बीमारियां नही होती हैं। इसलिए जरूरी है कि नियमित रूप से अपने शरीर का ध्‍यान रखें। खुद को स्‍वस्‍थ रखने का ये एक मूल मंत्र है।जानिए कैसे रख सकते हैं, पर्सनल हाइजीन का ध्यान।
  • SHARE
  • FOLLOW
खानपान ही नहीं, ये चीज भी खराब कर रही है आपका लिवर


मौसम बदलने के बाद पर्सनल हाइजीन की ओर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है क्योंकि पसीने और भीगने के कारण संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। खुद की केयर करने से कई तरह की संक्रामक बीमारियां नही होती हैं। इसलिए जरूरी है कि नियमित रूप से अपने शरीर का ध्‍यान रखें। खुद को स्‍वस्‍थ रखने का ये एक मूल मंत्र है।जानिए कैसे रख सकते हैं, पर्सनल हाइजीन का ध्यान।

जरूरी बातें

  • प्राइवेट पार्ट्स को हमेशा साफ रखें।
  • अगर आपकी स्किन सेंसिटिव हो तो बेबी वाइप्स का इस्तेमाल करें, ये न सिर्फ त्वचा को साफ रखने में मदद करेंगे बल्कि दुर्गंध से भी बचाएंगे।
  • 100% कॉटन इनरवेयर और अंडरवेयर को पहनने से जलन का एहसास नहीं होगा।

गलतियां न करें

  • स्ट्रॉन्ग और हार्श साबुन का इस्तेमाल अपने प्राइवेट हिस्से पर न करें। इसमें मौज़ूद अल्काइन पीएच होने की वजह से इसका एसिडिक रिएक्शन हो सकता है,
  • जिस कारण प्राइवेट हिस्से में अत्यधिक रूखापन, स्मेल आना, इचिंग और इरिटेशन महसूस होने जैसी समस्याएं हो जाती हैं।
  • पीरियड्स के दौरान दिन में दो बार शॉवर लें। इसके अतिरिक्त सैनिटरी नैपकिन को समय-समय पर बदलते रहें।
  • टाइट-फिटिंग वाले पैन्ट्स, जींस, लेगिंग्स न पहनें। इस तरह के कपड़े पहनने से शरीर में हवा नहीं लगती, जिससे ज्य़ादा पसीना आने की वजह से गुप्तांगों पर सूजन व खुजली शुरू हो जाती है।
  • हमेशा कॉटन के ही अंडरवेयर पहनें और दिन में कम से कम दो बार उन्हें ज़रूर बदलें।
  • गीले कपड़े तुरंत बदलें, जिनमें स्विमसूट और व्यायाम के कपड़े शामिल होते हैं।
  • गर्म पानी से न नहाएं क्योंकि वजाइना इन्फेक्शन गर्म और गीले स्थानों पर जल्दी और तेज़ी से वृद्धि करता है।

इसे भी पढ़ें: सेहतमंद रहना है तो खाना खाने के बाद कभी न करें ये 5 काम

रखें हाइजीन का ध्यान

  • वजाइनल इन्फेक्शन होना कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन यह गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
  • हर स्त्री को कम से कम एक बार इस इन्फेक्शन से गुज़रना ही पड़ता है।
  • इचिंग होने पर अकसर एंटी-फंगल क्रीम लगाने से भी नुकसान के चांसेज़ बढ़ जाते हैं।
  • यह दो तरह के संक्रमण होते हैं, बैक्टीरियल वेजीनोसिस (बीवी), इसमें वजाइना में बैक्टीरिया काफी हद तक बढ़ जाते हैं।
  • दूसरा इन्फेक्शन ट्रिकोमोनिसाइसिस है, जिसमें अत्यधिक खुजली महसूस होती है, इसको नज़रअंदाज़ करना गंभीर समस्या पैदा कर सकता है।

इसे भी पढ़ें: नो स्मोकिंग डे: सेकंड हैंड स्मोकिंग से बच्चों और गर्भवती स्त्रियों को होते हैं ये 5 खतरे

ज़रूरी है जानकारी

इंटिमेट एरिया में लैक्टिक एसिड के स्वाभाविक उत्पादन के लिए पीएच 3.5 से 4.5 तक बनाए रखना होता है। इंटीमेट एरिया में मौज़ूद लैक्टिक एसिड बैड बैक्टीरिया के उलट एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। पानी और साबुन का ज्य़ादा इस्तेमाल आपको नुकसान पहुंचाने के साथ ही वजाइना का सतुंलित पीएच बैलेंस नष्ट करता है, जिस कारण बैक्टीरिया के चांसेज़ बढ़ जाते हैं। ध्यान रखें, अपने इंटीमेट एरिया को लैक्टिक एसिड से साफ करना चाहिए ताकि पीएच वैल्यू संतुलित रहे।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Healthy Living  In Hindi

 

Read Next

टॉयलेट को साफ करेगी ये सस्ती टेक्नीक, 99.9% कीटाणुओं का होगा खात्मा

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version