आज के दौर में अनियमित दिनचर्या और खानपान की गलत आदतों के कारण लोग बड़ी संख्या में डायबिटीज टाइप टू का शिकार हो रहे हैं, जिसके कारण उन्हें और भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह बीमारी शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों को भी प्रभावित कर रही है। ऐसे में हमने डॉ. आशुतोष गोयल, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, पारस हॉस्पिटल, गुडगांव से बात की और जाना कि शरीर के ऐसे कौन से अंग हैं जिन पर इस बीमारी का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही हमने जाना कि उन समस्याओं से बचा जाए? आज हम आपको इस लेख के माध्यम से उन समस्याओं से रूबरू कराएंगे। पढ़ते हैं आगे...
किडनी की समस्या
किडनी हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह ब्लड को फिल्टर करने का काम करती है। लेकिन डायबिटीज के मरीजों में ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है जो धीरे धीरे किडनी की नाजुक रक्त वाहिका नालियों को क्षति पहुंचाना शुरू कर देती है। इससे किडनी की कार्य क्षमता में रुकावट आती है इस समस्या को एक्सपर्ट डायबिटीज नेफ्रोपैथी कहते हैं। अगर इस तरह की समस्या किसी को हो तो उस व्यक्ति के शरीर में सूजन आना शुरू हो जाती है। इसके अलावा यूरिन बाहर निकालने के दौरान शरीर से महत्वपूर्ण प्रोटीन क्रेटोनिक और एल्ब्यूमिन बाहर निकल जाते हैं। अगर उपचार सही समय पर नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति जानलेवा साबित होती है।
एक्सपर्ट से जानें क्या करें
डायबिटीज के मरीज अगर अपनी किडनी को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो वे शुरुआत में ही शुगर लेवल की जांच नियमित रूप से करवाएं। इसके अलावा एक्सपर्ट किडनी इंफेक्शन टेस्ट की भी जांच करवाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा वे नेफ्रोलॉजिस्ट एक्सपर्ट की सलाह समय समय पर लेते रहें। इस तरह की परेशानी का पता शुरुआत में ही लग जाए तो किडनी को काफी हद तक बचाया जा सकता है।
आंखों के लिए खतरनाक
चूंकि शुगर में ब्लड लेवल बढ़ जाता है ऐसे में बारीक रक्त नलिकाएं जो आंखों की रेटिना तक ब्लड पहुंचाने का काम करती हैं, वे धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं। परिणाम स्वरूप व्यक्ति वस्तु की इमेज सही ढंग से नहीं देख पाता और उसे धुंधला नजर आने लगता है। साथ ही उसकी दृष्टि भी कमजोर हो जाती है। एक्सपर्ट इस परिस्थिति को डायबिटिक रेटिनोपैथी का नाम देते हैं। इसके लक्षणों में लगातार नंबर का बढ़ना, सुबह उठने के बाद धुंधला दिखना, सिर दर्द, आंखों में लाल रंग की रेखाएं आदि आते हैं।
एक्सपर्ट से जानें क्या करें
जब व्यक्ति को पता चल जाए कि वह डायबिटीज से ग्रस्त है तो उसी समय से ही वह खानपान के माध्यम से ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखें। थोड़े-थोड़े समय पर आंखों की जांच करवाते रहें और अगर किसी तरह की समस्या नजर आए तो उपचार करने में देरी ना करें।
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मानसिक तौर पर परेशानी
डायबिटीज के मरीजों में ब्रेन की नर्वस में ब्लॉकेज की संभावना बढ़ जाती है इसी कारण व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा रहता है। इससे शरीर के कई हिस्से प्रभावित होते हैं और वे अपना काम करना बंद कर देते हैं इसके अलावा याददाश्त कमजोर जैसी समस्याएं भी नजर आने लगती हैं। इसके अलावा कई बार परिस्थिति ऐसी बन जाती है कि मरीज काफी समय तक कुछ नहीं खा पाता और खाली पेट के कारण उसका शुगर लेवल अचानक से कम हो जाता है, जिसके कारण उसे चक्कर आ सकते हैं और आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है। जब शुगर लेवल लो हो जाता है तो मरीज कोमा में जा सकता है और कई बार इस तरह की स्थिति जानलेवा साबित होती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ ऐसे मरीजों को भी अल्जाइमर की परेशानी होने लगती है।
एक्सपर्ट से जानें क्या करें
जिस तरह आप नियमित रूप से शुगर लेवल की जांच करवाते हैं उसी तरह आपका फर्ज बनता है कि इसका स्तर संतुलित रहे। ऐसे में आप अपने पास ग्लाइको मीटर रखें। और जरूरत महसूस होने पर स्तर को चेक करते रहें। अगर लेवल बॉर्डर लाइन से ऊपर जा रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा अपने साथ ग्लूकोस बिस्किट का पैकेट रखें। अगर कभी भी लो शुगर के लक्षण नजर आए तो तुरंत कुछ मीठा खाएं, जिससे शुगर लेवल सामान्य रहे यदि आपको मेमोरी लॉस की समस्या हो रही है तू न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
दिल की धड़कन की सेहत
डायबिटीज के मरीजों को हाई कोलेस्ट्रॉल ब्लड प्रेशर ओबेसिटी की समस्या भी होती है यही कारण होता है कि उनके दिल की रक्त वाहिका नलियों के अंदर वाली दीवारों में कोलेस्ट्रोल जमने लगता है। ऐसा होने से ब्लड प्रेशर में रुकावट आने लगती है और शरीर के कुछ हिस्सों में ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त को भेजने में दिल को काफी जोर लगाना पड़ता है, जिसके कारण अरिदमिया, आर्टरी ब्लॉकेज, हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या नजर आने लगती है।
एक्सपर्ट से जानें क्या करें
इसके लिए एक्सपर्ट नियमित एक्सरसाइज और वॉक करने की सलाह देते हैं। इसके माध्यम से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा अपनी डाइट में जंक फूड, मीठी चीजें, मक्खन, घी, तेल आदि निकाल दें। हर 6 महीने में अपना चेकअप करवाएं। कई बार आर्टिरीज में ब्लॉकेज की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है, जिसके कारण डॉक्टर एनजिओप्लास्टी करवाने की सलाह देते हैं। अगर आप दिल से संबंधित किसी भी तरह की जांच करवा रहे हैं तो बाद में उनके दिए निर्देशों का पालन जरूर करें।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना
डायबिटीज से पीड़ित लोगों की हीलिंग देरी से होती है। जिसके कारण श्वेत रक्त कोशिकाएं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करती हैं उन में रुकावट आने लगती है और उनकी संख्या भी कम होने लगती हैं इसलिए सर्जरी से पहले डॉक्टर शुगर लेवल की जांच करवाने के लिए कहते हैं।
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एक्सपर्ट से जानें क्या करें
- नियमित जांच करवाएं,
- संतुलित आहार लें,
- शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए एक्सरसाइज करें,
- शरीर में चोट खरोच आदि से बचें,
- दांतो की सफाई का ध्यान रखें। 6 महीने में एक बार डेंटल चेकअप करवाएं क्योंकि डायबिटीज के मरीजों को दातों में इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है।
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