
यह एक लोकप्रिय मान्यता है कि जब एक बच्चा गर्भ में रहता है, तो वह अपनी मां से बहुत कुछ सीखता है। हमें नहीं पता कि यह सच है या नहीं लेकिन हम आपको यह जरूर बता सकते हैं कि माँ की आदतें, गतिविधियाँ और उसके स्वास्थ्य में होने वाले बदलाव, होने वाले बच्चे पर एक गहरा प्रभाव डाल सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नौ महीने, जब बच्चा गर्भ में होता है, वह एक लंबी अवधि होती है। इस दौरान यह भी निश्चित है कि माँ के स्वास्थ्य में बहुत सारे बदलाव आते हैं और बच्चा उसका हिस्सा बन जाता है, जिससे कि बच्चे पर भी उसका प्रभाव पड़ता है। आइए यहां इस लेख में जानें कि कैसे एक गर्भवती महिला से उसके गर्भ में पल रहा बच्चा प्रभावित होता है।
यहां कुछ आदते और गतिविधियां हैं, जो एक गर्भवती महिला से उसके होने वाले बच्चे में असर डालती हैं:
तनाव लेना
यह बहुत आम बात है कि यदि आप गर्भावस्था में तनाव लेते हैं, तो इसका असर उसके होने वाले बच्चे पर भी पड़ता है। गर्भावस्था में तनाव कुछ गर्भवती महिलाओं जीवन का एक हिस्सा बन जाता है क्योंकि वे गर्भ और बर्थिंग के बारे में चिंता करती हैं। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान तनाव लेने की यह आदत बच्चे पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है। तनाव बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर असर डाल सकता है। जिससे कि एक बच्चा कमजोर और कम दिमाग वाला हो सकता है। इसलिए तनाव से बचने की कोशिश करें और खुश रहें।
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मटरेल ओबेसिटी
एक महिला का गर्भावस्था से पहले या दौरान अधिक वजन होना, उसके होने बच्चे के स्वास्थ्य में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ध्यान दिया जाता है कि मटरेल ओबेसिटी यानि गर्भावस्था के दौरान मोटापे से जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, जो नवजात शिशु में अस्थमा जैसी स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना को और बढ़ा देता है। इसलिए, महिलाओं को एक सही गर्भधारण और स्वस्थ बच्चे के लिए गर्भावस्था से पहले अतिरिक्त वजन को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा, गर्भावस्था में मां का मोटापा बच्चे के IQ लेवल पर असर डाल सकता है।
स्मोकिंग और सेकंड हैंड स्मोकिंग
गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करना खतरनाक तो है ही, लेकिन अगर कोई अन्य व्यक्ति भी आपके आसपास धूम्रपान करता है, तो यह खतरनाक भी हो सकता है। जी हां, स्मोकिंग और सेकंड हैंड स्मोकिंग दोनों ही शिशु पर बुरा असर डालती हैं। इससे शिशु को अस्थमा और सांस लेने में तकलीफ आदि समस्याएं हो सकती है।
कॉफी का अधिक सेवन
प्रेगनेंसी में चाय या कॉफी पीना कितना सेहतमंद है? इस बार में हेल्थ एक्सपर्ट और कई शोधकर्ताओं का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान बड़ी मात्रा में कैफीन का सेवन एक अजन्मे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन और गायनोकोलॉजिस्ट के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को एक दिन में 200 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए। यह 2 कप कॉफी के बराबर है। शोध के अनुसार, बहुत अधिक मात्रा में कैफीन वाले पेय पदार्थ पीने से बच्चा कमजोर हो सकता है।
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मां का र्प्याप्त मात्रा में विटामिन डी न लेना
यदि गर्भावस्था के दौरान, एक महिला धूप में कम समय बिताती है, तो उसमें संभवत: विटामिन डी की कमी हो सकती है। विटामिन डी महिला के साथ-साथ उसके अजन्में बच्चे के लिए भी बेहद जरूरी है। क्योंकि बच्चे के विकास में विटामिन डी की एक बड़ी भूमिका होती है। इस विटामिन की मदद से शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने का काम संभव होता है। विटामिन डी और कैल्शियम हमारी हड्डियों के लिए भी बेहद जरूरी माना जाता है। इसलिए अगर महिलाएं गर्भावस्था के दौरान थोड़ी देर धूप में रहती हैं, तो यह उनके और होने वाले बच्चे के लिए फायदेमंद होता है।
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