
एक नए अध्ययन में पाया गया कि गहरी नींद लेने से दिमाग का विकास होता है। वैज्ञानिक यह पहले भी बता चुके हैं कि सोते समय जीन सक्रिय हो जाते हैं जबकि जागते समय ये सुप्त अवस्था में चले जाते हैं।

जब कोई व्यक्ति सोता है तो उसके दिमाग में कुछ जीन जागृत हो जाते हैं। दिमाग की कोशिकाओं (सेल्स) के विकास के लिए जीन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों का मानना है कि पर्याप्त नींद से मस्तिष्क की विशिष्ट कोशिकाओं का निर्माण तेजी से होता है। इन कोशिकाओं को ओलिगोडेंड्रोसाइट्स कहा जाता है, ये मस्तिष्क के चारों तरफ सुरक्षा कवच तैयार करती हैं।
स्वस्थ मस्तिष्क में ओलिगोडेंड्रोसाइट्स माइलीन सुरक्षात्मक कवच का निर्माण करती हैं। माइलीन विद्युत संवेगों को त्वरित रूप से एक कोशिका से दूसरी कोशिका में पहुंचने में मदद करता है। साइंस डेली के अनुसार 'द जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस' में प्रकाशित जानवरों पर हुए एक अध्ययन के अनुसार ये परिणाम मस्तिष्क की मरम्मत व विकास में नींद की भूमिका के संबंध में वैज्ञानिकों को नई जानकारी हासिल करने में मदद करेंगे।
अध्ययन को विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय की काइरा सिर्ली व उनके साथियों ने किया। अध्ययनकर्ताओं ने सोते हुए और जागने वाले चूहों में ओलिगोडेंड्रोसाइट्स जीनों की सक्रियता मापी। उन्होंने पाया कि चूहों में नींद के दौरान माइलीन निर्माण से जुड़े जीन सक्रिय हो गए। वहीं इसके उलट कोशिकीय तनाव प्रक्रिया की ओर इशारा करने वाले जीन जानवरों में जागने के दौरान जागृत हुए।
स्विटजरलैंड के लॉसेन विश्वविद्यालय में निद्रा अध्ययनकर्ता मेहदी ताफ्ती ने कहा कि ये परिणाम इशारा करते हैं कि नींद व अनिद्रा मस्तिष्क की किस तरह मरम्मत करते हैं या उसे नुकसान पहुंचाते हैं।
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