भारत में 25 से 35 साल की उम्र के अनेक युवा ऐन्किलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (एसए) की समस्या से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, आम तौर पर यह अवस्था किसी को भी प्रभावित कर सकती है, लेकिन किशोरावस्था या 20 से 30 वर्ष के नौजवानों में यह सबसे आम है। मुंबई स्थित क्वेस्ट क्लिनिक के कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ. सुशांत शिंदे के अनुसार ऐन्किलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस रोग आम तौर पर युवा पुरुषों को होता है और इसके अधिकांश मरीज 40 साल से कम उम्र के हैं। पीठ के निचले भाग में दर्द इसका सबसे आम लक्षण है। आराम या सोने के समय यह दर्द बढ़ जाता है और काम-काज या व्यायाम करने पर कम हो जाता है।
पैदा हो जाती हैं गंभीर जटिलताएं
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे रोग आगे बढ़ता है, पीठ के ऊपरी भाग और गर्दन में कड़ेपन की आशंका बढ़ जाती हैऐन्किलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस रीढ़ के जोड़ों में दीर्घकालीन क्षति हो होने के कारण आगे गंभीर जटिलताएं पैदा हो जाती हैं ऐन्किलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस जब पीठ का लोच समाप्त हो जाता है तो कुछ मामलों में मरीज व्हीलचेयर पर आश्रित हो जाता है।
इसे भी पढ़ें : जानें क्या है स्पाइनल रुमेटॉइड अर्थराइटिस? बहुत सामान्य होते हैं इसके लक्षण
क्या कहते हैं रूमेटालॉजिस्ट
नोएडा स्थित फोर्टिस अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट (रूमेटालॉजिस्ट) डॉ. बिमलेश धर पाण्डेय ने कहा कि चिकित्सक द्वारा लिखी गई आम दर्दनाशक दवाओं से दर्द कम करने और राहत मिलने में आसानी होती है, हालांकि यह थोड़े समय के लिए ही होता है। उन्होंने कहा, 'बायोलॉजिक्स जैसी नई और ज्यादा कारगर औषधियां इस रोग के उपचार में प्रभावकारी पाई गई हैं और रोग और आगे नहीं बढ़ाती है। बायोलॉजिक्स से दुनिया भर में एएस से पीड़ित लाखों लोगों के जीवन में चमत्कारिक बदलाव आया है और अब यह औषधि भारत में भी मिल रही है।'
इसे भी पढ़ें : घर के लिए कितना कामयाब है एयर प्यूरीफायर? जानें डॉक्टर की राय
शारीरिक मुद्रा सही रखना बेहद जरूरी
डॉ. बिमलेश ने कहा कि इसके अतिरिक्त, मरीजों को जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए फिजियोथेरेपी, हाइड्रोथेरेपी, व्यायाम और शारीरिक मुद्रा में सुधार करने की सलाह दी जाती है। मरीजों को अपने जोड़ों को बोझ और तनाव से बचाने के लिए शरीर का वजन संतुलित रखना चाहिए। इसके अलावा, एएस के मरीजों में जलन और दर्द का वेग कम करने के लिए शारीरिक मुद्रा सही रखना बेहद जरूरी है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Other Diseases In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version