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Priyanka Chopra और Nick Jonas ने शुरू किया Type 1 Diabetes के खिलाफ अभियान, जानें क्यों गंभीर है ये बीमारी

एक्ट्रेस Priyanka Chopra के पति Nick Jonas मात्र 13 साल की उम्र से ही टाइप 1 डायबिटीज के शिकार रहे हैं। हाल ही में उन्होंने भारत में इस बीमारी के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए अभियान की शुरुआत की है। 
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Priyanka Chopra और Nick Jonas ने शुरू किया Type 1 Diabetes के खिलाफ अभियान, जानें क्यों गंभीर है ये बीमारी

भारत में एक बड़ी आबादी डायबिटीज की शिकार है। ये लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी लोगों में किसी महामारी की तरह फैल रही है। ऐसे में जरूरी है कि लोगों के बीच इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैले और लोग अपनी लाइफस्टाइल को सही करके इस बीमारी से बच सकें। डायबिटीज दो प्रकार की होती है एक टाइप-1 डायबिटीज और दूसरी टाइप-2 डायबिटीज। बात टाइप-2 डायबिटीज की करें तो आमतौर पर ये खराब लाइफस्टाइल और डाइट की वजह से होती है जिसमें कि शरीर इंसुलिन का प्रोडक्शन कम कर देता है और शरीर में बनने वाला शुगर सीधे खून में मिलने लगता है। इससे शुगर स्पाइक बढ़ता है और डायबिटीज-2 कंट्रोल से बाहर होने लगता है लेकिन टाइप-1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है और ये बेहद गंभीर स्थिति है। एक्ट्रेस Priyanka Chopra के पति Nick Jonas टाइप-1 डायबिटीज के शिकार हैं वो भी मात्र 13 साल की उम्र से। कपल ने हाल ही में इस बीमारी को लेकर भारत में एक जागरूकता अभियान (type 1 diabetes priyanka chopra nick jonas campaign) की शुरुआत की है जिसका नाम है #TheBeyondType


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भारत में Type 1 Diabetes के खिलाफ है ये अभियान

निक जोनास द्वारा सह-स्थापित और प्रियंका चोपड़ा जोनास द्वारा समर्थित वैश्विक गैर-लाभकारी संस्था 'बियॉन्ड टाइप 1' ने भारत में अपना पहला अभियान #TheBeyondType शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य टाइप 1 मधुमेह (T1D) के बारे में जागरूकता बढ़ाना, इससे जुड़े भ्रामकों को दूर करना और देश भर में लोगों को इस बीमारी के प्रति शुरुआत से ही जागरूक बनाना है। इस अभियान के तहत प्रियंका चोपड़ा जोनास ने अधिक वास्तविक कहानियों को सामने लाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने इसे लेकर एक इंटरव्यू में कहा, ''भारत में टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित असाधारण लोग हैं, फिर भी उनकी कहानियां शायद ही कभी सुनी जाती हैं। मैंने अपने पति निक के माध्यम से इस समुदाय को और गहराई से समझा है, और मैंने स्वयं टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित कई लोगों के हर दिन के साहस और दृढ़ संकल्प को देखा है। 'बियॉन्ड टाइप' इनमें से कुछ कहानियों को सामने लाता है और दिखाता है कि उचित देखभाल और सुविधाओं के साथ, डायबिटीज उनके जीवन को परिभाषित नहीं करता या उनकी उपलब्धियों को सीमित नहीं करता''

 

 

 

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भारत में अन्य किसी भी देश की तुलना में टाइप 1 मधुमेह (Type 1 Diabetes) से पीड़ित युवाओं की संख्या अधिक है फिर भी इस बीमारी के बारे में जागरूकता सीमित है। इसलिए हमने डॉ. साकेत कांत, सीनियर कंसल्टेंट - एंडॉक्रिनलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट, दिल्ली से बात की है और जाना है कि क्यों गंभीर है ये बीमारी?

डॉक्टर ने बताया क्यों गंभीर है ये बीमारी?

डॉ. साकेत कांत, बताते हैं कि टाइप-1 डायबिटीज असल में एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर अपनी ही इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा देता है, इसलिए इसे ऑटोइम्यून बीमारी कहा जाता है। जब इंसुलिन नहीं बन पाता, तो खून में मौजूद शुगर एनर्जी बनने के लिए शरीर की कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाती और शुगर तेजी से बढ़ने लगती है। यह बीमारी ज्यादातर बच्चों और युवाओं में दिखती है और इनके लिए आजीवन इंसुलिन लेना जरूरी हो सकता है। इसके कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की गड़बड़ी, जेनेटिक कारण और कभी-कभी वायरल संक्रमण भूमिका निभाते हैं। भारत में लोगों को इसके बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी है, क्योंकि अधिकतर लोग डायबिटीज को केवल उम्र या लाइफस्टाइल से जोड़ते हैं जबकि टाइप-1 इससे बिल्कुल अलग है।

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बच्चों और युवाओं में टाइप 1 डायबिटीज के लक्षणों पर ध्यान दें

अगर बच्चे या युवा अचानक बहुत प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, बिना वजह वजन घटना, थकान या भूख बढ़ना जैसे लक्षण बताएं, तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। दरअसल, अगर आपने इस बीमारी के लक्षणों को नजरअंदाज किया तो बीमारी तेजी से बढ़ सकती है और इसके लक्षण और गंभीर रूप ले सकते हैं। इतना ही नहीं, इस बीमारी में शुगर बैलेंस न रखना जानलेवा स्थिति में भी आपको डाल सकता है।

ध्यान दें कि सही समय पर पहचान, नियमित इंसुलिन, और परिवार-स्कूल-समाज का सपोर्ट मिलकर इन बच्चों को पूरी तरह सामान्य और सक्रिय जीवन जीने में मदद कर सकता है लेकिन सबसे पहले जागरूकता जरूरी है।

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FAQ

  • टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज में कौन ज्यादा खतरनाक है?

    टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज में ज्यादा खतरनाक है डायबिटीज टाइप-1 जो ऑटोइम्यून बीमारी है और इसे मैनेज करना आसान नहीं होता।
  • क्या टाइप 1 डायबिटीज ठीक हो सकती है?

    टाइप 1 डायबिटीज ठीक नहीं हो सकती है। आप इसे बस कंट्रोल कर सकते हैं। दरअसल, ये ऑटोइम्यून बीमारी और कई बार ये जेनेटिक होती है और जल्दी ठीक नहीं होती।
  • टाइप 1 डायबिटीज में क्या खाना चाहिए?

    टाइप 1 डायबिटीज में आपको हर कैलोरी और कार्ब्स गिनकर खाना होता है। इसके अलावा डॉक्टर के बताए हाई प्रोटीन और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों का सेवन करें जो कि शुगर स्पाइक कंट्रोल करने में मदद करे।

 

 

 

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  • Dec 11, 2025 14:13 IST

    Published By : Pallavi Kumari

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