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World Diabetes Day 2025: टाइप 2 डायबिटीज एक तरह की मेडिकल कंडीशन है, जिसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है या इंसुलिन का सही यूज नहीं कर पाता है। ऐसे में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) का स्तर बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंसुलिन रेजिस्टेंस की दिक्कत हो जाती है। नतीजतन, बॉडी शुगर का इस्तेमाल ऊर्जा के लिए नहीं कर पाती है, जो कि धीरे-धीरे ब्लड में चला जाता है। आपको बता दें कि डायबिटीज का यह सबसे आम रूप है। विशेषज्ञों की मानें, तो खराब लाइफस्टाइल, मोटापा और अनहेल्दी फूड हैबिट्स इसका मुख्य कारण हैं। ऐसे में यह सवाल भी दिमाग में आता है कि क्या टाइप 2 डायबिटीज जींस से जुड़ी बीमारी भी है? आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
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क्या टाइप 2 डायबिटीज जेनेटिक है?- Is Type 2 Diabetes Genetic

आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि ज्यादातर मामलों में बच्चों को अपने माता-पिता दोनों से टाइप 2 डायबिटीज होने का रिस्क विरासत में मिलता है। इस बात की पुष्टि American Diabetes Association में एक लेख से होती है। इसी लेख में यह कहा गया है, ‘वैसे यह जरूरी नहीं है कि जिनके परिवार में टाइप 2 डायबिटीज के केसेज मौजूद हैं, उनकी भावी पीढ़ी को निश्चित रूप से यह समस्या हो। असल में, विशेषज्ञ इस बात की भी पुष्टि करते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज के पीछे जींस और लाइफस्टाइल फैक्टर्स दोनों जिम्मेदार होते हैं। वहीं, अगर परिवार में मोटापे की टेंडेंसी है, तो भी टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम भविष्य में बढ़ जाता है।"
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किन बच्चों में होता है टाइप 1 डायबिटीज का रिस्क अधिक?
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन की इसी रिपोर्ट को विस्तार से समझें, तो इसमें कहा गया है, "अगर किसी पुरुष को टाइप 1 डायबिटीज है, तो उनके बच्चों को डयबिटीज होने का रिस्क 17 में से 1 है। वहीं, अगर किसी महिला को टाइप 1 डायबिटीज है और बच्चे का जन्म 25 वर्ष की आयु से पहले हुआ है, तो उनके बच्चे में डायबिटीज का जोखिम 25 में से 1 होता है। इसके उलट, आपके किसी महिला ने 25 वर्ष की आयु के बाद अपने बच्चे को जन्म दिया है, तो उनमें मधुमेह का रिस्क 100 में से 1 है।"
किन बच्चों में होता है टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क अधिक?
वहीं अगर हम टाइप 2 डायबिटीज के रिस्क की बात करें, तो इसी रिपोर्ट से यह भी पता चलता है, "टाइप 2 डायबिटीज परिवार में मौजूद रहने वाली बीमरी है। कुछ हद तक, इसका कारण बच्चों द्वारा अपनाई गई बुरी आदतें भी जिम्मेदार हैं, जैसे हमेशा खराब खानपान और एक्सरसाइज न करना। हालांकि, इसका एक आनुवंशिक आधार भी है।’ हालांकि, इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि एक्सेप्शन यानी अपवाद हर जगह होते हैं। जो बात रिपोर्ट में सामने आई है, जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति पर वही बात सही साबित हो।
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टाइप 2 डायबिटीज के रिस्क को बढ़ाने वाले लाइफस्टाइल फैक्टर्स
डाइटः अगर परिवार में पहले से टाइप 2 डायबिटीज है, तो ऐसे लोगों को खराब डाइट नहीं फॉलो करनी चाहिए। प्रोसेस्ड, जंक फूड आदि टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकता है।
एक्सरसाइजः किसी भी तरह के डायबिटीज से बचाव करना है, तो जरूरी है कि आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। जो लोग एक्सरसाइज नहीं करते हैं, उन्हें टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम भी बढ़ जाता है।
मोटापाः यह लाइफस्टाइल से जुड़ी एक बीमारी है जो कि कई अन्य बीमारियों का कारण बनती है। इसलिए, अगर कोई मोटापे का शिकार है, तो उन्हें अपने वजन को कंट्रोल करना चाहिए, ताकि इसके रिस्क को कम किया जा सके।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि टाइप 2 डायबिटीज जींस से जुड़ी बीमारी है। इसलिए, अगर परिवार में किसी को यह समस्या है, तो उन्हें अपनी लाइफस्टाइल को हेल्दी रखना चाहिए। अनहेल्दी डाइट नहीं लेनी चाहिए, रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए ताकि इसके जोखिम को कम किया जा सके। बहरहाल, इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर कोई मोटापे का शिकार है, तो उनमें टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम और बढ़ जाता है, इसलिए अपने वजन को संतुलित रखने की कोशिश करनी चाहिए।
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Nov 13, 2025 16:10 IST
Published By : Meera Tagore