कमजोर लिवर को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाता है करी पत्ता, जानें जबरदस्त फॉर्मूला

देश और विशेषकर ठंडी जगहों पर पाया जाने वाला छोटा सा पौधा करी पत्ता जिसे मीठा नीम भी कहते हैं अत्यन्त गुणकारी है। 
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कमजोर लिवर को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाता है करी पत्ता, जानें जबरदस्त फॉर्मूला


देश और विशेषकर ठंडी जगहों पर पाया जाने वाला छोटा सा पौधा करी पत्ता जिसे मीठा नीम भी कहते हैं अत्यन्त गुणकारी है। दातारपुर, कमाही देवी, अमरोह आदि में पाए जाने वाले करी पत्ते को यहां स्थानीय बोली में गांदला कहते हैं। आयुर्वेद के ज्ञाता कहते हैं कि करी पत्ते का इस्तेमाल मुख्य रूप से किसी भी व्यंजन का स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए किया जाता है। परन्तु करी पत्ते में मौजूद पोषक तत्व कई लिहाज से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। शुगर को कंट्रोल में रखकर यह वजन भी बढ़ने नहीं देता। इसे त्वचा और बालों के लिए भी अच्छा माना जाता है। आपको बता दें कि करी पत्ते में विटामिन-ए और सी होता है, जो लिवर को तंदुरुस्ती के लिए बहुत जरूरी है। यानि कि इसका नियमित सेवन करने से लिवर बहुत मजबूत और फिट होता है। जो लोग अधिक मात्रा में स्मोकिंग करते हैं या शराब पीते हैं उनका लिवर कमजोर हो जाता है। इस स्थिति में करी पत्ता खाना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। 

करी पत्ता कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मददगार होता है। यह ब्लड में गुड कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ाकर दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है। करी पत्ते में कार्मिनटिव नामक तत्व होता है जो कब्ज जैसी समस्याओं को दूर रखता है। इससे पेट की अन्य समस्याओं में भी आराम मिलता है। यह एंटी बैक्टीरियल की तरह भी काम करता है, जिसकी वजह से यह पेट से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद माना जाता है। हर रोज सुबह खाली पेट 10-12 पत्ते करी पत्ता के चबाकर खाने से यूरिक एसिड भी कंट्रोल हो जाता है। करी पत्ते को पत्ते सब्जी अथवा दाल में भी डालकर इस्तेमाल किये जा सकते हैं।

करी पत्ते में भरपूर मात्रा में आयरन और फॉलिक एसिड होता है। आयरन जहां शरीर के लिए एक प्रमुख पोषक तत्व है, वहीं फॉलिक एसिड इसके अवशोषण में सहायक होता है। इस वजह से यह खून की कमी से बचाव करने में कारगर है। किसी भी वजह से अगर लिवर कमजोर हो गया हो, तो कढ़ी पत्ता बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन ए और सी लीवर को दुरुस्त करने में मदद करते हैं। इसके पत्ते ब्लड-शुगर लेवल को भी कम करते हैं। साथ ही यह पाचन क्रिया को भी सही रखता है, जिससे मोटापा होने का खतरा कम हो जाता है।

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बालों को बनाता है मजबूत

ज़रूरत से ज्यादा केमिकल का इस्तेमाल और प्रदूषण की वजह से बालों को काफी नुक्सान होता है। करी पत्ते में वो सारे पोषण तत्व पाये जाते हैं, जो बालों को स्वस्थ रखते हैं। करी पत्तों को पीस कर इसका लेप बना लें फिर इसे सीधे बालों की जड़ों में लगाएं या आप करी पत्ते को खा भी सकते हैं, अगर आपको इसके कड़वे स्वाद से कोई परेशानी नहीं है। इससे आपके बाल काले, लंबे और घने हो जाएंगें साथी ही बालों की जड़ें भी मज़बूत होंगी।

करी पत्ते का तेल

करी पत्ते का एक गुच्छा ले कर उसे साफ पानी से धो लें और सूरज की धूप में तब तक सुखा लें, जब तक कि यह सूख कर कड़ा न हो जाए। फिर इसे पाउडर के रूप में पीस लें अब 200 एम एल नारियल के तेल में या फिर जैतून के तेल में लगभग 4 से 5 चम्मच कड़ी पत्ती मिक्स कर के उबाल लें। दो मिनट के बाद आंच बंद कर के तेल को ठंडा होने के लिए रख दें। तेल को छान कर किसी एयर टाइट शीशी में भर कर रख लें।

करी पत्‍ते के अन्य औषधीय गुण 

  • करी पत्तों को नारियल के तेल में काला होने तक गर्म करें। इस तेल को बालों की जड़ों में लगाने से बाल मुलायम और चमकीले होंगे।
  • डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए सुबह दस ताजे करी पत्तों का सेवन नियमित रूप से तीन महीने तक करें।

  • बाल झड़ रहे हों या अचानक सफेद होने लगें तो करी पत्ता खाएं। आप उसका चूर्ण भी खा सकते हैं।
  • करी पत्ता हमारी आंखों की ज्योति बढ़ाने में फायदेमंद है। साथ ही कैटरैक्ट यानी मोतियाबिंद जैसी बीमारी को भी दूर करती है।
  • उल्टी और अपच में करी पत्ते को नींबू के रस और चीनी के साथ लेना फायदेमंद होता है।
  • पेट में गड़बड़ी होने पर करी पत्ते को पीस छाछ में मिलाकर खाली पेट लेने पर आराम मिलता है।
  • अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं और कोई उपाय नहीं सूझ रहा है, तो रोज करी पत्ते की कुछ पत्तियां चबाएं।
  • दस्त, पेचिश और बवासीर में नरम करी पत्तियों को शहद के साथ लेने पर आराम मिलता है।
  • करी पत्ते की जड़ में भी औषधीय गुण होते हैं। यह किडनी के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है।
  • जलने और घाव में भी करी पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है।

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