इन 5 आसान तरीकों से घर पर जांचें तेल, मसालों, दूध और अन्य खाद्य पदार्थों की क्वालिटी

मिलावटी खाद्य पदार्थों की वजह से सबसे ज्यादा खतरा नवजात और छोटे बच्चों को होता है। मिलावटी चीजों के सेवन से लोगों में पथरी, किडनी फेल्योर, फैटी लिवर, कैंसर, स्किन एलर्जी, और ब्लड प्रेशर जैसे गंभीर और जानलेवा रोग भी शामिल हैं।
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इन 5 आसान तरीकों से घर पर जांचें तेल, मसालों, दूध और अन्य खाद्य पदार्थों की क्वालिटी

दूध, चायपत्ती, हल्दी, सरसों का तेल, लाल मिर्च और शहद जैसी कई चीजों में मिलावटखोरी के मामले आए दिन अखबारों और समाचार में देखने सुनने को मिलते हैं। क्या आपको पता है ये मिलावट आपके लिए कितनी खतरनाक हो सकती है? तेल, मसाले और दूध आदि चीजें हर घर में इस्तेमाल होती हैं। ऐसे में इन मिलावटी खाद्य पदार्थों की वजह से सबसे ज्यादा खतरा नवजात और छोटे बच्चों को होता है। मिलावटी चीजों के सेवन से लोगों में पथरी, किडनी फेल्योर, फैटी लिवर, कैंसर, स्किन एलर्जी, और ब्लड प्रेशर जैसे गंभीर और जानलेवा रोग भी शामिल हैं। ऐसे में अगर आप थोड़ा सा सतर्क नहीं रहेंगे और इन्हीं मिलावटी आहारों का सेवन करते रहेंगे, तो आपको भी इन गंभीर रोगों का सामना करना पड़ सकता है।

आपको बता दें कि अगर आप किसी खाद्य पदार्थ में मिलावट पाते हैं, तो इसकी शिकायत कंज्यूमर फोरम में करने पर फूड सेफ्टी कानून के तहत मिलावटी सामान बेचने वाली कंपनी या दुकानदार को जुर्माना और जेल दोनों हो सकते हैं। इसलिए आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसे उपाय, जिनसे आप घर पर ही मिलावटी चीजों में मिलावट का स्तर जान सकते हैं।

दूध में मिलावट

दूधवाले आपको इसमें न केवल दूध में पानी मिलाकर मूर्ख बनाते हैं, बल्कि डिटर्जेंट और सिंथेटिक मिल्‍क की भी इसमें मिलावट की जाती है। दूध में मिलावट की जांच करने के लिए 10 मिलीलीटर दूध को उतने ही पानी के साथ मिलाएं। अगर झाग निकलता है तो उसमें डिटरजेंट हो सकता है। अगर असली दूध को उबालें तो इसका रंग नहीं बदलता, वहीं नकली दूध उबालने पर पीले रंग का हो जाता है। असली दूध को हाथों के बीच रगड़ने पर कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती. वहीं, नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे तो आपको डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी।

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हल्दी में मिलावट

खाने में हल्‍दी का इस्‍तेमाल लगभग सभी करते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि हल्दी को ज्यादा चमकीला और अच्छी क्वालिटी का दिखाने के लिए लेड क्रोमेट की मिलावट करते है। इससे कैंसर, शरीर में जहर बनना, हृदय विकार और त्वचा संबंधी रोग हो सकते है। इसमें मिलावट की जांच करने के लिए हल्दी पाउडर में पांच बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) और पांच बूंद पानी डालकर कर सकते हैं। अगर सैंपल बैंगनी या गुलाबी हो जाए, तो हल्दी मिलावटी है।

लाल मिर्च में मिलावट

खाने का तीखा स्‍वाद देने वाली लाल मिर्च पाउडर में ईंट के पाउडर का प्रयोग किया जाता है। इसमें मिलावट की जांच करने के लिए पानी में लाल मिर्च पाउडर के सैंपल को डालें। अगर पाउडर पानी के ऊपर ही तैरता है तो उसमें किसी प्रकार की मिलावट नहीं होती है। और अगर ईंट का पाउडर पानी में डूब गया तो समझ लीजिये कि लाल मिर्च पाउडर मिलावटी है।

चायपत्ती में मिलावट

सुबह के समय चाय की चुस्‍की भला किसे पसंद नहीं होती, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि जो चाय आप पीते हैं वह सीधे असम के खेतों से नहीं आती। इसलिए चाय में मिलावट की जांच करना बहुत जरूरी होता है। चायपत्ती ठंडे पानी में डालने पर अगर पानी भूरे रंग में बदल जाये तो आपकी चाय मिलावटी है।

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सरसों के तेल में मिलावट

सरसों या दूसरे खाद्य तेलों में आर्जीमोन, मोबिल, खनिज, अरंडी, कास्टर, सायनाइड आदि तेलों की मिलावट की जाती है। इस तरह के मिलावटी तेल से खाना बनाने पर आपको आंत का रोग, ड्राप्सी, हार्ट अटैक, सांस का रोग, लिवर फेल्योर, कैंसर, लकवा आदि का खतरा होता है।

तेल के तीन मिलीलीटर नमूने में नाइट्रिक एसिड की बीस बूंद मिलाकर स्प्रिट लैंप में तीन मिनट गर्म करने पर रंग लाल हो जाए तो आर्जीमोन की मिलावट की पुष्टि होती है। बीस बूंद नमूने में दस बूंद पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) मिलाकर पांच मिनट गर्म करने पर तेल गाढ़ा हो जाए तो मोबिल की मिलावट है। पेट्रोलियम ईथर डालकर बर्फ में ठंडा करने पर तेल सफेद गंदा हो जाए तो अंरडी या कास्टर तेल की मिलावट है। तेल में दस बूंद एल्कोहलिक पोटाश मिलाने पर रंग नीला हो जाए तो सायनाइड की मिलावट है।

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