कोरोना से बचाव के बदलते गाइडलाइन्स से हैं कंफ्यूज? आसान भाषा में जानें नए नियम

कोरोना के लगातार बदलते स्वरूप के कारण बदल गई हैं कोविड से बचाव की कई गाइडलाइन्स, आसान भाषा में जानें नए नियम।
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कोरोना से बचाव के बदलते गाइडलाइन्स से हैं कंफ्यूज? आसान भाषा में जानें नए नियम

कोरोनावायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर का कहर देश में लगातार जारी है। यह घातक संक्रमण लगातार अपना स्ट्रेन बदल रहा है। कोरोना महामारी से जुड़े रिसर्च में जुड़े एक्सपर्ट्स रोजाना इससे जुड़ी कुछ नयी बातें लोगों के सामने ला रहे हैं। ऐसे में इस वायरस से बचाव के लिए कौन सी बातें जरूरी हैं इसको लेकर भी लोगों में मन में भ्रम पैदा हो रहे हैं। सरकार ने इस वायरस से बचाव के लिए जो पहले दिशानिर्देश जारी किये थे उनमें समय-समय पर बदलाव किये जा रहे हैं।

इस महामारी से बचाव के तौर-तरीके और इस दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है इसको लेकर सरकार की तरफ से नयी गाइडलाइन (New Guidelines for Covid) जारी की गयी है। भारत सरकार की तरफ से कोरोना से बचाव के लिए एक और दिशानिर्देश जारी किया गया है जिसमें "मास्क, दूरी, स्वच्छता और वेंटिलेशन" के मुद्दे पर सलाह दी गयी है। रोजाना रंग बदलते कोरोनावायरस से बचाव के लिए अब तक सैकड़ों गाइडलाइन्स जारी की जा चुकी है, ऐसे में आपके मन में भ्रम की स्थिति भी पैदा हो सकती है कि किन बातों का पालन करना चाहिए? वर्तमान समय में सरकारी दिशानिर्देशों के मुताबिक कोरोना से बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है? देश में कोरोना की दूसरी लहर के कहर और तीसरी लहर की चेतावनी के बीच इससे बचाव के लिए क्या करना जरूरी है? और किन गलतियों से बचना चाहिए? आइये जानते हैं आसान भाषा में।

बिना लक्षण वाले लोग भी फैला सकते हैं कोरोना (People with No Symptoms Can Also Spread Covid)

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नयी गाइडलाइन में क्या है?

सरकार द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के मुताबिक कोरोनावायरस का संक्रमण छींक और सांस के माध्यम से हवा में फैल सकता है। स्टॉप द ट्रांसमिशन, क्रश द पैन्डेमिक नाम से जारी किये गए गाइडलाइन में केंद्र सरकार द्वारा कहा गया है कि बिना लक्षण वाले लोगों से भी शारीरिक दूरी बनाये रखना बेहद जरूरी है। कोरोना से बचाव के लिए यह जानना जरूरी है कि कुछ बिना लक्षण वाले लोग भी कोरोनावायरस से संक्रमित होते हैं, ऐसे मामलों को एसिम्‍पोमेटिक केस कहा जाता है।

पहले की गाइडलाइन में क्या था?

कोरोना से बचाव को लेकर पहले जारी किये गए दिशानिर्देशों में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने की बात तो कही गयी थी। लेकिन बिना लक्षण वाले व्यक्तियों से भी कोरोना का प्रसार हो सकता है ऐसी बातों का जिक्र नहीं किया गया था।

हवा में 10 मीटर तक फैल सकता है संक्रमण (Virus Can Spread Up to 10 Meters in the Air)

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शारीरिक दूरी के क्या हैं नए नियम?

सरकार द्वारा जारी नयी गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोनावायरस का संक्रमण मुख्य रूप से नाक और लार के जरिये लोगों फैलता है। संक्रमित लोगों की छींक, खांसी और बोलने से इस वायरस के कण हवा में 10 मीटर तक फैल सकते हैं। इसलिए अब इस वायरस से बचाव के लिए 10 मीटर की शारीरिक दूरी बना कर रखना जरूरी है। 

पहले की गाइडलाइन में क्या था?

कोरोनावायरस से बचाव के लिए पहले की जारी गाइडलाइन में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने की बात कही गयी थी, जो कि अभी भी लागू है। पहले की गाइडलाइन में शारीरिक दूरी 2 गज जरूरी थी लेकिन अब यह 10 मीटर हो गयी है। कोरोना से बचाव के लिए पहले 2 गज दूरी की तुलना में अब 10 मीटर की दूरी जरूरी है।

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एरोसोल और ड्रॉपलेट से फैलता है संक्रमण (Aerosol and Droplets Transmission) 

नयी गाइडलाइन में क्या है?

नयी गाइडलाइन के मुताबिक कोरोनावायरस के कण संक्रमित व्यक्ति के बोलने, छींकने, खांसने और गाने या हंसने से हवा में 2 से 10 मीटर तक ड्रॉप्लेट्स और एयरोसोल के रूप में फैल सकता है। छींकने, खांसने  या जोर से बोलने पर बूंदे सतह पर गिरती हैं और हवा के सहारे ड्रॉप्लेट्स या एयरोसोल के रूप में लोगों तक पहुंच सकती हैं। बातचीत करते वक्त या बाहर निकलने पर मास्क का पयोग करना जरूरी है। डबल लेयर मास्क पहनकर ही बाहर निकलना सही है।

पहले की गाइडलाइन में क्या था?

पहले की गाइडलाइन में भी छींकने या खांसने से कोरोना संक्रमण के फैलने की बात कही गयी थी। इससे पहले सरकार ने बचाव के लिए ट्रिपल लेयर मास्क पहनने का सुझाव दिया था लेकिन अब डबल मास्क पहनने की बात कही गयी है।

कोरोना से बचाव के लिए वेंटिलेशन है जरूरी (Ventilation and Covid Spread)

नयी गाइडलाइन में क्या है?

सरकार द्वारा कोरोना से बचाव के लिए जारी दिशानिर्देश में संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए वेंटिलेशन पर जोर दिया गया है। घरों, ऑफिस, मॉल या अस्पताल जैसे स्थानों पर वेंटिलेशन कैसा हो, इसकी सलाह भी नयी गाइडलाइन में दी गयी है। इन जगहों पर सही तरीके से वेंटिलेशन की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसमें कहा गया है कि ऐसी जगहों पर पंखे, खुली खिड़कियां और दरवाजे, यहां तक कि थोड़ी खुली खिड़कियां भी बाहर से हवा आने में मदद करती हैं और अंदर की हवा की गुणवत्ता में सुधार कर सकती हैं। कार्यालयों, सभागारों, शॉपिंग मॉल आदि में गैबल फैन सिस्टम और रूफ वेंटिलेटर के उपयोग की सिफारिश भी इस नए दिशानिर्देश में की गयी है।

पहले क्या थे नियम?

सरकार द्वारा कोरोना से बचाव के लिए पहले जारी दिशानिर्देश में भी सार्वजनिक स्थानों पर एयर कंडीशनर आदि चलाने से मना किया गया था। नए दिशानिर्देश में वेंटिलेशन पर जोर दिया गया है

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ग्रामीण इलाकों में कोरोना कंट्रोल के लिए जारी दिशानिर्देश (New Corona Guidelines for Rural Areas)

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कोरोनावायरस का संक्रमण अब ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से फैल रहा है, इसको ध्यान में रखते हुए गांव और आदिवासी इलाकों में कोरोना कंट्रोल के लिए सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश में इन बातों पर जो दिया गया है।

  • -  गावों में संक्रमण जनित बीमारियों की निगरानी पर जोर।
  • - रैपिड एंटीजन या आरटी पीसीआर टेस्ट पर जोर।
  • - संक्रमित मरीजों को टेली कंसलटेशन की व्यवस्था।
  • - स्वास्थ्य केंद्रों में प्लस ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर की पर्याप्त व्यवस्था।
  • - संक्रमित मरीजों को आइसोलेशन किट दी जाएगी।

वैक्सीन को लेकर बदले नियम (Covid 19 Vaccination Guidelines)

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राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की सलाह पर सरकार ने टीकाकरण को लेकर जारी किये नियमों में बदलाव किये हैं। नए नियमों के मुताबिक अब कोरोना से संक्रमित व्यक्ति पूरी तरह से रिकवर होने के 3 महीने बाद वैक्सीन लगवा सकते हैं। 

नयी गाइडलाइन में क्या है?

टीकाकरण को लेकर सरकार द्वारा जारी नयी गाइडलाइन की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं।  

  • - कोरोना से पूरी तरह ठीक होने के तीन महीने बाद लगेगी वैक्सीन। 
  • - स्तनपान कराने वाली महिलाऐं भी लगवा सकती हैं टीका। 
  • - प्लाज्मा थेरेपी लेने वाली मरीजों को डिस्चार्ज होने के 3 महीने बाद लगेगी वैक्सीन। 
  • - गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग ठीक होने के 4 से 8 हफ्ते बाद लगवा सकते हैं टीका।
  • - वैक्सीन के दोनों डोज के बीच का समय 3 महीने तक होगा।

पहले क्या थे नियम?

इससे पहले सरकार द्वारा टीकाकरण के लिए जारी नियमों में संक्रमित व्यक्तियों को ठीक होने के 4 से 6 हफ्ते में वैक्सीन लगवाने की बात कही गयी थी। प्लाज्मा थेरेपी लेने वाले मरीजों का भी ठीक होने के 4-6 हफ़्तों के बीच वैक्सीनेशन किया जा रहा था। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन लगवाने से रोका गया था और वैक्सीन के दोनों डोज के बीच का समय 28 दिन का ही था।

सरकार द्वारा जारी की गयी गाइडलाइन की कुछ प्रमुख बातें (Salient features of the Guidelines)

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  • - सार्वजनिक स्थलों, अस्पताल या मॉल और घरों में वेंटिलेशन बेहद जरूरी।
  • - घर, मॉल, अस्पताल और ऑफिस या अन्य स्थानों पर लगे पंखे की हवा से संक्रमण न फैले इसका ध्यान रखना जरूरी।
  • - यदि किसी कमरे की खिड़कियां और दरवाजे बंद हैं, तो एग्जॉस्ट फैन चलते रहने चाहिए। हवा का सही तरीके से आवागमन जरूरी।
  • - एयर-कंडीशनर के साथ खिड़कियां और दरवाजे खुले रखें ताकि स्वच्छ हवा अंदर आ सके। बंद जगहों पर हवा को बाहर निकलने के लिए पंखा लगा सकते हैं।
  • - बिना लक्षण वाले व्यक्तियों से भी फैल सकता है कोरोना।
  • - एयरोसोल और ड्रॉप्लेट्स के माध्यम से हवा में 10 मीटर तक फैल सकते हैं कोरोना के कण।
  • - दो गज की जगह 10 मीटर की शारीरिक दूरी जरूरी।
  • - डबल लेयर मास्क या N95 मास्क पहनना जरूरी

इस तरह सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन कर आप कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव कर सकते हैं। सरकार ने लोगों से टीकाकरण के लिए बढ़-चढ़कर आगे आने की बात कही है। कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना बेहद जरूरी है।

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