कोविड के अलावा किन बीमारियों में मरीजों को घर में रखना चाहिए पल्स ऑक्सीमीटर?

ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल इन दिनों काफी ज्यादा होने लगा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कोरोना मरीजों के अलावा और किन मरीजों होती है इसकी जरूरत?
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कोविड के अलावा किन बीमारियों में मरीजों को घर में रखना चाहिए पल्स ऑक्सीमीटर?

इन दिनों कोरोना से संक्रमित लोगों को अपने घर में ऑक्सीमीटर रखने की सलाह दी जा रही है। पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल ब्लड में ऑक्सीजन का स्तर मापने के लिए किया जाता है। कोरोनाकाल में इसके इस्तेमाल पर काफी जोर दिया जा रहा है। ताकि मरीज का सही समय पर इलाज हो सके। लेकिन क्या आपने कोरोनाकाल से पहले इसका इस्तेमाल होते देखा है? क्या आपको पता है कि कोरोना के मरीजों के अलावा किन लोगों को ऑक्सीमीटर की जरूरत होती है? अगर नहीं, तो मेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टर अरविंद कुमार से जानते हैं इस बारे में विस्तार से-

डॉक्टर अरविंद कुमार का रहना है कि ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल कोरोना के मरीजों के अलावा लंग्स की बीमारी से जूझ रहे मरीजों पर किया जाता है। लेकिन इन दिनों ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल अधिक बढ़ा है। पहले सिर्फ डॉक्टर्स द्वारा इसका अधिक इस्तेमाल होता है। लेकिन अब कोरोना के मामले बढ़ने की वजह से कई लोग इसे घर में रखने लगे हैं। डॉक्टर अधिकतर इसका इस्तेमाल लंग्स कैंसर, सीओपीडी और लंग्स में फाइब्रोसिस इत्यादि बीमारी होने पर करते हैं। डॉक्टर का कहना है कि जब मरीज का लंग्स वीक हो जाता है, तो इससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में मॉनिटरिंग के लिए ऑक्सीमीटर की आवश्यकता होती है। आइए डॉक्टर से जानते हैं कुछ जरूरी सवालों के जबाव-

निमोनिया और अस्थमा रोगियों को क्या है ऑक्सीमीटर की जरूरत?

इस बारे में मेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि निमोनिया और अस्थमा रोगियों को ऑक्सीमीटर रखने की जरूरत नहीं होती है। दरअसल, ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल ब्लड में ऑक्सीजन का स्तर मापने के लिए किया जाता है। लेकिन अस्थमा रोगियों के ब्लड में ऑक्सीजन का स्तर कम नहीं होता, बल्कि उन्हें दम घुटने जैसी समस्या होती है। दम घुटना और ब्लड में शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होना दोनों ही अलग बाते हैं। निमोनिया और अस्थमा रोगियों को ऑक्सीमीटर घर में रखने की आवश्यकता नहीं होती है।

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सबसे ज्यादा कब होता है ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल?

इन दिनों कोरोना के मरीजों को ऑक्सीमीटर घर में रखने की सलाह दी जा रही है। लेकिन पहले ऑक्सीमीटर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल लंग्स सर्जरी के बाद किया जाता है। डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि लंग्स सर्जरी होने के बाद जब मरीज रिकवरी हो रहे होते हैं, तो 5 से 6 दिनों तक ऑक्सीमीटर से मरीज के शरीर का ऑक्सीजन मॉनीटर किया जाता है। यह ऑक्सीजन मॉनीटर डॉक्टर्स द्वारा होता है। 

क्या लंग्स कैंसर रोगियों को भी ऑक्सीमीटर को घर में रखने की है जरूरत? 

डॉक्टर अरविंद कुमार कहना है कि ऐसा नहीं है। लंग्स कैंसर रोगियों को ऑक्सीमीटर घर में रखने की जरूरत नहीं होती है। इस तरह के रोगियों का जब लंग्स ऑपरेट होता है, तो इस दौरान कुछ दिनों के लिए डॉक्टर ऑक्सीजन मॉनिटर करते हैं, लेकिन इसकी रीडिंग डॉक्टर द्वारा ली जाती है। इसके लिए रुटीन मॉनिटरिंग की आवश्यकता नहीं होती है।

किन बीमारियों में घर पर ऑक्सीमीटर रखने की है जरूरत?

डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि ऑक्सीमीटर को घर में रखने की जरूरत सीओपीडी (Chronic obstructive pulmonary disease) और आईएलडी (Interstitial lung disease) रोगियों को होती है। इन दोनों बीमारियों में मरीज के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। इन मरीजों को अपने घर में ऑक्सीमीटर रखने के लिए कहा जाता है, क्योंकि इन्हें रुटीन ऑक्सीजन मॉनिटरिंग की आवश्यकता होती है। बाकि अन्य रोगियों को सिर्फ हॉस्पिटल में या फिर सर्जरी के दो-चार दिन ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग की जाती है।

COPD और ILD के मरीजों को लाइफ-लॉन्ग ऑक्सीमीटर यूज करने की आवश्यकता होती है। क्योंकि उनके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर ऊपर-नीचे होता रहता है। ऐसे में विपरीत परिस्थिति होने पर वह ऑक्सीजन लेवल चेक कर सकें और समय रहते हॉस्पिटल पहुंचकर अपना इलाज करवा सकें।

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कैसे इस्तेमाल किया जाता है ऑक्सीमीटर?

अगर आप पल्स ऑक्सीमीटर को घर में रख रहे हैं, तो इसका सही इस्तेमाल भी करना जरूरी है। आइए जानते हैं कैसे करें पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल-

  • ध्यान रखें कि आपके हाथ साफ रहें और गीला न हो। 
  • नाखून में नेल पेंट या फिर कोई अन्य चीजें न लगी हो।
  • इसके बाद सबसे पहले आप बैठ जाएं।
  • उंगली में ऑक्सीमीटर लगाते समय अपने हाथों को ढीला छोड़ें। 
  • ऑक्सीमीटर को कपड़ों के पिन की सहायता से खोलें। लेकिन इसपर ज्यादा प्रेशर न दें। 
  • अब अपनी तर्जनी उंगली में इसे लगा लें और पल्स रेट चेक करें। 
  • तर्जनी उंगली पर ऑक्सीमीटर लगाते ही वह अपने आप रीडिंग लेना शुरू कर देगा। रीडिंग पूरा होने के बाद ऑक्सीमीटर अपने आप बंद हो जाएगा।
  • रीडिंग लेने में करीब 1 मिनट तक का समय लग सकता है। 

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