बाहर ही नहीं, घर के अंदर का प्रदूषण भी आपको बना सकता है COPD रोग का शिकार, जानें बचाव के लिए जरूरी सावधानियां

सीओपीडी की मुख्य दो स्थितियाँ हैं क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस एवं एम्फिसेमा। वैसे तो ब्रॉन्काइटिस एवं एम्फिसेमा दोनों एक साथ ही होती हैं। जब कोई व्यक्ति समय समय तक ऐसे चीजों के संपर्क में रहता है जिससे फेफड़ों को नुकसान होता है।
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बाहर ही नहीं, घर के अंदर का प्रदूषण भी आपको बना सकता है COPD रोग का शिकार, जानें बचाव के लिए जरूरी सावधानियां


सीओपीडी का अर्थ है क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज। बढ़ते प्रदूषण के कारण जहरीले तत्व फेफड़ों और श्वांस प्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसकी वजह से सीओपीडी के मामले बढ़ रहे हैं। यह एक ऐसी गंभीर बीमारी  है जिसमें श्वसन प्रक्रिया बाधित होती है और सांस लेने में तकलीफ होती है। ये समस्या धूम्रपान के कारण होती है। सीओपीडी की मुख्य दो स्थितियाँ हैं क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस एवं एम्फिसेमा। कुछ लोगों को ब्रॉन्काइटिस एवं एम्फिसेमा एक साथ होते हैं। जब कोई व्यक्ति समय समय तक ऐसे चीजों के संपर्क में रहता है (धूम्रपान से निकलने वाले धूएं) जिससे फेफड़ों को नुकसान होता है। ऐसे में व्यक्ति को सीओपीडी समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है।

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इनडोर पॉल्यूशन के कारण होती है सीओपीडी की समस्या:

धूम्रपान, सेकंडहैंड स्मोक या पैसिव स्मोकिंग भी इनडोर पॉल्यूशन में आता है। इसका सीधा मतलब ये है कि सिर्फ बाहर का प्रदूषण ही सीओपीडी का कारण नहीं है बल्कि इनडोर पॉल्यूशन भी सीओपीडी का कारण होता है। कई बार घर के अन्दर का प्रदूषण बाहर के प्रदूषण से ज्यादा खतरनाक होता है। कई घरों में आज  भी खाना पकाने के लिए गैस  के स्थान पर कोयला जैसे ईधन का प्रयोग किया जाता है इनसे निकलने वाला धुआं भी हानिकारक होता है। कई बार हम एयर क्लीनर्स का प्रयोग करते हैं लेकिन इससे हानिकारक ओजोन गैस उत्पन्न होती है। इसलिए बिना जानकारी के एयर क्लीनर्स अपने घर न लेकर आयें।

सीओपीडी  से होने वाली तकलीफ:

  • 1. सीओपीडी  के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होती है, जो कई बार जानलेवा साबित हो सकती है।
  • 2.इनडोर पॉल्यूशन के कारण व्यक्ति अस्थमा का शिकार भी हो सकता है।
  • 3.इनडोर पॉल्यूशन फेफड़ों को कमजोर कर सकता है।

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सीओपीडी के लक्षण :

  • वजन घटना
  • तनाव रहना
  • फेफड़ों का कैंसर
  • पैरों में सूजन
  • खांसी-जुकाम 
  • सांस लेने में तकलीफ

इनडोर पॉल्यूशन को कैसे किया जाये नियंत्रित:

कई प्रकार से इनडोर पॉल्यूशन  को रोका जा सकता है जैसे:

  • 1.धूम्रपान न करें, ये इनडोर पॉल्यूशन का सबसे बड़ा कारण है।
  • 2.खाना पकाने के लिए ऐसे उपकरणों का प्रयोग करें जो धुआं न छोड़ते हों।
  • 3.घर में एग्जॉस्ट फैन जरुर होना चाहिए ताकि घर के अंदर का धुआं बाहर निकल सके।
  • 4.कीटनाशकों का इस्तेमाल घर में करना चाहिए जिससे मच्छर, मक्खी पर काबू पाया जा सके।

इस तरह से इनडोर पॉल्यूशन को रोका जा सकता सकता है। इनडोर पॉल्यूशन को नियंत्रित करना बहुत जरुरी है  नहीं तो बड़ी बीमारियों का खतरा हो सकता है। इसके लिए आप कई हतियाती कदम उठा सकते हैं। घर के अंदर धुंआ फैलाने वाले स्रोतों का कम से कम इस्तेमाल करें।

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इनडोर पॉल्यूशन हो या आउटडोर पॉल्यूशन दोनों ही फेंफडों को हानी पहुंचाते हैं और इससे कई सांस की बीमारियाँ उत्पन्न होती है। बाहर के पॉल्यूशन  को रोकना तो हमारे हाथ में नहीं है क्योंकि इसमें कई सारे तरह के पॉल्यूशन शामिल है जैसे फ्रेक्ट्री से निकलने वाला धुआं, गाड़ियों से निकलने वाला धुआं इत्यादि, लेकिन इनडोर पॉल्यूशन को हम नियंत्रित कर सकते हैं। इनडोर पॉल्यूशन को रोकने के लिए वह करें जो हमारे हाथ में है। ऐसा करने से हम स्वयं की और अपने परिवार की सीओपीडी  से सुरक्षा कर पाएंगे। 

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