तापमान का पारा बढ़ने के साथ गर्मी को मात देने के लिए लोगों ने अपने एयर कंडीशनर, कूलर और पंखे पर स्विच करना शुरू कर दिया है। लेकिन चल रहे COVID-19 महामारी को देखते हुए, कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने AC और कूलर के इस्तेमाल पर चिंता जताई है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि उच्च तापमान COVID-19 की कम घटनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। वायरस के संचरण पर तापमान और आर्द्रता के प्रभावों को देखने के लिए, एक अध्ययन ने 20 जनवरी से 29 फरवरी के बीच चीन में 80,981 COVID-19 मामलों का मूल्यांकन किया। यह पाया गया कि वायरस संचरण के लिए इष्टतम तापमान 10˚C है और यह कम या उच्च तापमान इसे दबाता है।
वहीं हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चीन और उष्णकटिबंधीय लोगों के ठंडे और शुष्क प्रांतों के बीच संचरण दरों में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं पाया। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि उच्च तापमान और आर्द्रता से जरूरी नहीं कि मामले की गिनती में गिरावट आए। जैसा कि अब तक के साक्ष्य संघर्ष कर रहे हैं, COVID-19 पर मौसम का प्रभाव एक बहस का विषय बना हुआ है। इस बीच, भारत सरकार ने 18 पन्नों की एक गाइडलाइन जारी की, जिसमें सलाह दी गई है कि कोरोनोवायरस प्रकोप के बीच एसी और कूलर का सही तापमान क्या होना चाहिए।
कोरोना वायरस के बारे में कितना जानते हैं आप? खेलें ये क्विज:
इसे भी पढ़ें : काम से घर वापिस आने के बाद स्वास्थ्यकर्मी बरते यें खास सावधानियां, जानें N-95 मास्क पहनना क्यों जरूरी है
एसी और कूलर को लेकर भारत सरकार की गाइडलाइन
एयर कंडिशनर (Air Conditioners)
घर में चलने वाले एसी का तापमान एडवाइजरी के अनुसार 24-30 डिग्री सेल्सियस और आर्द्रता 40-70 प्रतिशत के बीच होना चाहिए। इसके साथ ही कमरे के एयर कंडीशनर द्वारा ठंडी हवा का पुनर्सक्रियन, बाहरी खुली हवा के साथ थोड़ी खुली खिड़कियों और प्राकृतिक निकास द्वारा निकास का घरों में पर्याप्त उपाय होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत अधिक नमी धूल के कण और संक्रमण की घटना को बढ़ा सकती है। ये इनडोर एलर्जी पीड़ितों के लिए भी एक मुख्य कारण बन सकता है। मोल्ड और फंग्स (Mold and fungi) अस्थमा जैसी श्वसन स्थितियों को भी खराब कर सकते हैं। सरकारी दिशानिर्देशों में यह भी सुझाव दिया गया है कि जब एसी नहीं चल रहे हों तब भी कमरों को हवादार रखें और अपने एयर कंडीशनर की सर्विसिंग की आवृत्ति बढ़ाएं।
वाणिज्यिक या औद्योगिक सुविधाएं (Commercial Or Industrial Facilities)
सरकार ने वाणिज्यिक या औद्योगिक सुविधाओं में यथासंभव बाहरी हवा के साथ वेंटिलेशन का सुझाव दिया है। इस गाइडलाइन्स में बताया गया है कि यांत्रिक निकास हवा में वातावरण में आवश्यक सकारात्मक दबाव बनाए रखने के लिए 70-80 प्रतिशत ताजा हवा की मात्रा शामिल होगी।
इसे भी पढ़ें : किराने की दुकान हो या शॉपिंग मॉल ! खरीदारी करते वक्त पहने हैं ग्लव्स तो जानें ये 4 जरूरी बातें, रहेंगे सेफ
कूलर (Coolers)
सरकार की सलाह है कि सबसे पहले तो कूलर की टंकियों को साफ और कीटाणुरहित रखें नहीं तो ये संक्रमण पैदा कर सकता है। पानी को सूखा और बार-बार रिफिल किया जाना चाहिए। इसके अलावा उन पोर्टेबल कूलर का उपयोग नहीं करने की सिफारिश की गई है, जो बाहरी हवा को नहीं खींच पाते हैं। कुल मिला कर हमें ये ध्यान रखना है कि कूलर अच्छा वेंटिलेशन करता हो और बाहर से हवा खींचता रहे। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि अधिकांश बाष्पीकरणीय कूलर में एयर फिल्टर नहीं होते हैं। कूलर में एयर फिल्टर लगाने से धूल के प्रवेश को रोकने और स्वच्छता को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
पंखे (Electric Fans)
बिजली के पंखे का उपयोग करते समय, खिड़कियों को आंशिक रूप से खुला रखें। इसके अलावा अगर एक निकास पंखा (exhaust) लगा है, तो ठीक है क्योंकि इसे बेहतर वेंटिलेशन करेगा।
Read more articles on Miscellaneous in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version