लगातार सिरदर्द का कारण कहीं आपका हेयर स्टाइल तो नहीं? जानें कैसे हैं ये एक दूसरे से जुड़े हुए

सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, मगर क्या आपने सोचा है कि आपका हेयर स्टाइल भी सिरदर्द का कारण बन सकता है?
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लगातार सिरदर्द का कारण कहीं आपका हेयर स्टाइल तो नहीं? जानें कैसे हैं ये एक दूसरे से जुड़े हुए


क्या आपको भी अक्सर सिरदर्द की शिकायत रहती है? सिरदर्द इतनी कॉमन समस्या है कि हम इसके कारणों के बारे में सोचे-समझे बिना ही दर्दनिवारक (Pain Killers) दवा खा लेते हैं, जो दर्द को कुछ देर के लिए दबा देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार आपके सिरदर्द की वजह इतनी सामान्य हो सकती है कि आप इसपर ध्यान भी न दें? जैसे हेयर स्टाइल। जी हां, आपके बालों को बांधने का स्टाइल भी आपके सिरदर्द का कारण बन सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको इसी बारे में कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं।

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बालों के स्टाइल के कारण सिरदर्द

पोनीटेल लड़कियों द्वारा बनाई जाने वाली सबसे कॉमन हेयरस्टाइल है। पोनीटेल में आप अपने ज्यादातर बालों को पीछे की तरफ करके उन्हें रबड़ या गेटिस से बांध देती हैं, जिससे बाल इकट्ठा रहते हैं और काम के दौरान आपको तंग नहीं करते हैं। मगर पोनीटेल में अगर आप बालों को ज्यादा तेज बांधती हैं, तो ये कई बार आपके सिरदर्द का कारण बन सकता है। दरअसल बालों को खींचकर बांधने से स्कैल्प पर दबाव पड़ता है, जिससे आपके हेयर फॉलिकल्स खिंचते हैं। चूंकि हेयर फॉलिकल्स सीधे आपके नर्व्स से जुड़े होते हैं, जिनके सहारे आपके बालों के विकास के लिए जरूरी ऑक्सीजनयुक्त खून और न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं, इसलिए इससे परोक्ष रूप से आपके नर्व्स पर भी दबाव पड़ता है। यही कारण है कि बालों को बहुत टाइट बांधने वाली लड़कियों को दर्द की समस्या हो सकती है।

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माइग्रेन वालों को ज्यादा खतरा

जिन लोगों को माइग्रेन होता है, उन्हें इस तरह के सिरदर्द का ज्यादा खतरा होता है। इसका कारण यह है कि माइग्रेन के पीड़ितों के चेहरे और सिर के हिस्से की नर्व्स सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा संवेदनशील (Hypersensitive) होती हैं, जिसके कारण वो दबाव को नहीं झेल पाती हैं। इसलिए माइग्रेन के रोगियों को अपने बालों को ढीला बांधने की सलाह दी जाती है। ऐसे लोगों को उन्हीं हेयर स्टाइल्स में बाल बांधने की सलाह दी जाती है, जिनमें नर्व्स पर दबाव बिल्कुल न पड़े, यानी बाल जड़ों से ढीले रहें।

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मेडिकल साइंस में ऐसे दर्द की जगह

मेडिकल साइंस में इस तरह सेंसिटिव नर्व्स पर पड़ने वाले दबाव के कारण होने वाले दर्द को कटेनियस एलोडीनिया (Cutaneous allodynia) कहा जाता है। ये दर्द कई कारणों से हो सकता है, जैसे- बालों को टाइट बांधने, सिर मुंडाने, नहाते समय बालों को ज्यादा तेज रगड़ने आदि से। इसके अलावा चेहरे पर इस तरह के दर्द का कारण लंबे समय तक चश्मा पहनने के कारण या भारी ईयर रिंग्स पहनने के कारण भी हो सकता है।

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ऐसे दर्द से बचने के लिए क्या करें?

फैशन अपनी जगह है और आपका स्वास्थ्य अपनी जगह है। अगर स्टाइल के कारण आपके शरीर के किसी हिस्से पर अनावश्यक दबाव पड़ रहा है, तो आपको इसे छोड़ देना चाहिए। लगातार सिरदर्द से जूझ रहे हैं, तो-

  • अपने बालों को थोड़ा ढीला बांधें या किसी और तरह से बालों को बांधें, जैसे- जूड़ा आदि।
  • कानों में हल्की ईयर रिंग्स पहनें। सोते समय अपने गहने और मेकअप जरूर उतार दें।
  • सिर पर देर तक टोपी न पहने रहें। अगर पहनना जरूरी है तो टोपी बहुत टाइट नहीं होनी चाहिए।
  • अगर आप चश्मा पहनते हैं, तो हर 1-2 घंटे में 3 मिनट के लिए चश्मा उतारें और आंखों को हल्के हाथों से थपकी दें, जिससे उन्हें आराम मिले और ब्लड सर्कुलेशन बढ़े।
  • सिर पर भारी सामान न रखें।
  • अगर आप माइग्रेन के शिकार हैं, तो शीर्षासन जैसा योगासन करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
  • यदि आप लगातार सिरदर्द से जूझ रहे हैं, तो बेहतर है कि आप डॉक्टर के पास जाकर अपनी समस्या बताएं और सही इलाज करें, जिससे आपको बीमारी की जड़ का पता चल सके। दरअसल माइग्रेन सैकड़ों कारणों से हो सकता है, इसलिए इसके सही कारण का पता डॉक्टर ही जांच के बाद आपको बता पाएंगे।

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