डायबिटीज मरीजों में ज्यादा खर्राटे लेना स्वास्थ्य से जुड़े इन 5 बातों का हो सकता है संकेत

Diabetes and snoring: डायबिटीज के मरीज अगर ज्यादा खर्राटे ले रहे हैं तो भले ही ये आम बात लगे पर ये सेहत से जुड़े कुछ स्थितियों का संकेत हो सकते हैं। 
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डायबिटीज मरीजों में ज्यादा खर्राटे लेना स्वास्थ्य से जुड़े इन 5 बातों का हो सकता है संकेत

खर्राटे लेने (snoring) की आदत भले ही बहुत से लोगों को हो लेकिन, ये पूरी तरह से सेहतमंद होने का संकेत नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि खर्राटे लेना सिर्फ बेचैनी नहीं है। यह एक गंभीर नींद विकार है जो ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) का लक्षण हो सकता है। दरअसल, खर्राटे लेने वाला व्यक्ति  एक मिनट या उससे अधिक समय तक सोने के दौरान सांस लेने में रुकावट का महसूस करता है जो कि अच्छा नहीं है। इससे नींद बीच में ही टूटने लगती है और शरीर को पूरी नींद लेने का फायदा नहीं मिल पाता है। पर प्रश्न ये है कि खर्राटे लेना डायबिटीज के मरीजों के लिए  (diabetes and snoring) क्यों एक सही संकेत नहीं है?  दरअसल, डायबिटीज के मरीजों के लिए खर्राटा लेना कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का संकेत हो सकता है जो कि आगे चल कर गंभीर स्थितियां पैदा कर सकता है। 

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डायबिटीज और खर्राटे का संबंध-What is the connection between snoring and diabetes

Nfb.org के अनुसार आम लोगों की तुलना में डायबिटीज के मरीज नौ प्रतिशत ज्यादा खर्राटे लेते हैं। साथ ही अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी के एक अध्ययन के अनुसार, नियमित खर्राटे लेने वालों में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की संभावना गैर-खर्राटे लेने वालों की तुलना में दोगुनी होती है। दरअसल, खर्राटे और मधुमेह का संबंध मोटाप से पीड़ित लोगों में सबसे ज्यादा नजर आता है। इसके अलावा स्मोकिंग करने वालों में भी ये दोनों स्थितियां ज्यादा नजर आती है। दरअसल, होता ये है कि खर्राटों या स्लीप एपनिया के कारण होने वाली वायुमार्ग की रुकावट आपको ऑक्सीजन प्राप्त करने से रोकती है। जब आपके पास पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं होती है, तो शरीर कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन जारी करता है। तनाव इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाता है। इससे शरीर में इंसुलिन का प्रोडक्शन प्रभावित है और जिससे ब्लड शुगर बढ़ता है।

डायबिटीज मरीजों में ज्यादा खर्राटे लेना किन बातों का है संकेत 

1. नींद की कमी

जो लोग ज्यादा खर्राटे लेते हैं उनमें नींद की कमी ज्यादा देखी जा सकती है। दरअसल, बार-बार खर्राटे लेने से नींद टूटती है और शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने लगता है। इससे नींद का नैचुरल साइकिल पूरा नहीं होता और ये आपके ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर दोनों को प्रभावित करता है। इसलिए अगर डायबिटीज के मरीज ज्यादा खर्राटे लेने लगते हैं, तो उनका ब्लड शुगर भी बढ़ सकता है जो कि डायबिटीज के मरीजों के लिए सही नहीं है।

2. हाई ब्लड शुगर

खर्राटा लेना नींद की संरचना को नुकसान पहुंचाती है और गहरी नींद के चरण बदल जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप इंसुलिन सहित कुछ हार्मोन आवश्यक सीमा तक उत्पादित नहीं होते हैं। इसके कारण आपका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ने लगता है और आपको डायबिटीज असंतुलित हो सकता है। साथ ही किसी व्यक्ति को टाइप 1 डायबिटीज है, तो कोई भी नींद विकार उनके डायबिटीज मैनेजमेंट को खराब कर सकता है और टाइप 2 डायबिटीज के विकास में योगदान कर सकता है।

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3. लो ऑक्सीजन लेवल

खर्राटे या स्लीप एपनिया के कारण सांस से जुड़े नेजल पैसेज में रुकावट आने लगती है, जिससे ऑक्सीजन का सेवन कम हो जाता है। यह शरीर को कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन का उत्पादन करने का कारण बनता है, जिससे शरीर शुगर नहीं पचा पाता है। इससे आपका डायबिटीज मैनेजमेंट खराब हो सकता है। साथ ही कम ऑक्सीजन का स्तर हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। 

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4. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का

जो लोग हर रात छह घंटे से कम सोते थे, उनमें हृदय रोग विकसित होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। दरअसल, खर्राटे लेना इस बात का भी संकेत है कि आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं है या कहीं कुछ ठहर रहा है। ऐसे में खर्राटे को हमेशा से मोटापा और बैड कोलेस्ट्रॉल से जोड़ कर देखा गया है। यानी कि जितना आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होगा उतनी आपकी नींद प्रभावित हो सकती है। इसलिए खर्राटे को गुड कोलेस्ट्रॉल के निम्न स्तर से जोड़ कर देखा जाता है। 

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5. दिल की बीमारियों का संकेत

डायबिटीज का मरीज अगर ज्यादा खर्राटे ले रहा है तो उसे अपना एक बार पूरा हार्ट चेकअप करना चाहिए। क्योंकि खर्राटे लेना इस बात का संकेत हो सकता है कि शरीर में ऑक्सीजन का सप्लाई सही नहीं है। ये दिल की सेहत को प्रभावित कर सकता है जिससे आपको हाई बीपी की समस्या और हार्ट अटैक आने का खतरा हो सकता है। 

तो, अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और रात में बहुत ज्यादा खर्राटे लेते हैं तो, आपको एक बार अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। साथ ही हार्ट चेकअप करवाना चाहिए और एक अच्छी लाइफस्टाइल फॉलो करने के साथ प्राणायाम करना चाहिए।

all images credit: freepik

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