
बाढ़ आने के बाद दिल्ली में कुछ बीमारियों के मामले बढ़े हैं। इसके साथ ही स्किन एलर्जी, कंजंक्टिवाइटिस, चिकनगुनिया और डेंगू-मलेरिया आदि का खतरा काफी बढ़ गया है। इसे लेकर स्वास्थ्य एजेंसियां, प्रशासन, मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री सक्रिय हैं। दरअसल, दिल्ली में आई भारी बारिश और बाढ़ के चलते यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिसके बाद आस-पास के कुछ इलाकों में रह रहे लोगों को खाली कराकर राहत शिविर में भेजा गया है। इन शिविरों में कुछ लोगों में आंखों और स्किन से जुड़ी समस्या देखी जा रही है।
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स्वास्थ्य मंत्री ने किया ट्वीट
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राहत शिविरों का दौरा किया, जिसमें उन्हें कंजंक्टिवाइटिस और स्किन एलर्जी के मामले देखने को मिले हैं। भारद्वाज ने रिपोर्टर्स के साथ हुई बात-चीत में इस बात का खुलासा किया। उनके मुताबिक इन समस्याओं को लेकर काफी एहतियात भी बरते जा रहे हैं। राहत शिविरों के बाहर मेडिकल स्टाफ को भी तैनात किया गया है। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि बाढ़ के कारण कहीं शिविरों में महामारी तो नहीं फैल रही है। इसे लेकर सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। बीमारी का कोई ट्रेंड दिखते ही उसपर सख्ती से एक्शन लिया जाएगा।

डेंगू-मलेरिया का भी बढ़ा खतरा
बाढ़ और बारिश के चलते न सिर्फ स्किन एलर्जी बल्कि डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया का भी खतरा बढ़ गया है। ऐसे में जगह-जगह पर इकट्ठे हुए गंदे पानी की वजह से मच्छर पनपने लगे हैं, जिससे बीमारी का खतरा बढ़ गया है। शिविर में कुछ लोगों में बुखार जैसी समस्या भी देखी गई है। हालांकि इनके उपचार के लिए सरकार द्वारा तैयारियों की व्यवस्था की गई हैं। मच्छरों की निगरानी करने के लिए ड्रोन की व्यवस्था भी की जाएगी।
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बनाया गया डिजास्टर मैनेजमेंट वार्ड
भारद्वाज के मुताबिक वेक्टर जनित बीमारियों से निपटने के लिए दिलशाद गार्डन के स्वामी दयानंद अस्पताल में डिजास्टर मैनेजमेंट वार्ड भी बनाए गए हैं। शिविर में मौजूद मरीजों को इसमें भर्ती कराकर उनका उपचार किया जा सकेगा। ऐसे में इन अस्पताल प्रशासनों को भी सक्रिय रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा आग्रह करने के बाद भी कुछ लोग अपनी सामुदायिक केंद्रों पर स्थानांत्रित नहीं ले जा रहे हैं, जबकि ऐसे लोगों को पानी, बिजली और भोजन आदि की मुफ्त सुविधा भी दी जाएगी।
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