
मानसून ने आखिरकार दस्तक दे दी है। गर्मियों की तपन और पसीने से अब जाकर राहत मिली है। यही वह समय है जब लोग साल के अपने पसंदीदा मौसम की ताजगी का आनंद लेना शुरू करते हैं। मानसून के दौरान बारिश की टिप-टिप करती बूंदों के साथ चाय-पकौड़े और ढेर सारी मौज-मस्ती की जुगलबंदी तो होती है, परंतु बहुत सारे संक्रमण भी हमले की फिराक में होते हैं। यही वजह है कि 'मानसून' को सर्दी-जुकाम का मौसम भी कहा जाता है। इसलिए, बारिश के साथ-साथ 'इलाज से बेहतर बचाव है' की कहावत पर अमल करने का वक्त भी आ गया है।
इस मौसम में कई रोग और संक्रमण हमें सताने के लिए कमर कसकर तैयार रहते हैं। उनमें से कुछ को बचाव के उपाय करके और सतर्क रहकर प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है, जबकि अन्य के लिए समुचित उपचार कराए जाने की जरूरत पड़ती है, अन्यथा वे गंभीर स्थिति पैदा कर सकते हैं।

वायरल बुखार
यह एक आम बीमारी है जो साल के किसी भी समय हो सकती है, लेकिन मानसून के दौरान सबसे ज्यादा होती है। बुखार के बाद तेज सर्दी और खांसी इसके आम लक्षण हैं। यह बुखार 3-7 दिनों तक रह सकता है। बहरहाल, इस बात की हमेशा सिफारिश की जाती है कि बीमारी के बारे में अपने मन से अनुमान लगाने के बजाय डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
रोकथाम के लिए क्या करें- इससे बचाव के लिए घर पर साफ-सफाई से बना भोजन करना और साफ पानी पीना एक बढ़िया विचार है। वायरस और बैक्टीरिया के संपर्क में आना इस बीमारी के उभरने में सहायक होता है। इसलिए समुचित खानपान और जीवनशैली के साथ ही पर्याप्त साफ-सफाई बनाए रखना इस रोग से बचाव की मुख्य कुंजी है।
इसे भी पढ़ें:- त्वचा पर दिखने वाले ये 6 निशान हो सकते हैं 'हार्ट अटैक' का पूर्व संकेत, 35+ उम्र वाले रहें सावधान
मलेरिया और डेंगू (विषाणु जनित रोग)
बारिश के कारण यहां-वहां पानी भरा रहता है, जिससे मच्छरों को प्रजनन प्रक्रिया के लिए जगह मिल जाती है। इसके चलते मानसून के दौरान डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़ जाते हैं।
रोकथाम के लिए क्या करें- इन रोगों को फैलने से रोकने के लिए यह सुनिश्चित करें कि पानी जमा होने वाली तमाम जगहें साफ हों। इसके अलावा, मॉस्कीटो रिपेलेंट्स और कीटों को भगाने वाले पौधों जैसे कि सिट्रोनेला, लेमन ग्रास, तुलसी, सब्जा आदि का उपयोग करें। ये आपके कार्यस्थल या घर में मच्छरों का प्रवेश रोकने में मददगार होते हैं। इसके साथ ही शरीर को पूरी तरह से ढंकने वाले कपड़े पहनना भी कारगर होगा। इंसेक्ट रिपेलेंट्स और मच्छरदानी के उपयोग को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
दूषित पानी और भोजन से बीमारियां (हेपेटाइटिस ए / ई, डायरिया, हैजा और गैस्ट्रो एंटेराइटिस)
दूषित खाद्य पदार्थों और पानी का सेवन इन रोगों का मुख्य कारण है। यदि आप सतर्क रहें, तो इन बीमारियों की रोकथाम और इनसे होने वाले नुकसान के पूरे उपचार की उम्मीद रहती है। ये रोग आमतौर पर हमारे लिवर को प्रभावित करते हैं और यही वजह है कि हमें उल्टी, दस्त और पेट दर्द होता है। बहरहाल, अगर समय पर इलाज नहीं कराया जाए, तो बुखार भी आ सकता है।
रोकथाम के लिए क्या करें- साफ और उबला हुआ पानी पीने, घर पर पकाया हुआ खाना खाने और पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्यवर्धक तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है। बाहर की गंदी चीजों के सेवन से बचें, खासकर सड़क किनारे के खोमचों से। ध्यान रहे, समुचित साफ-सफाई बनाए रखना इन बीमारियों से बचाव की एकमात्र कुंजी है।
इसे भी पढ़ें:- खून के कैंसर (Leukemia) का संकेत हैं शरीर में दिखने वाले ये 7 संकेत, न करें नजरअंदाज
मॉनसून के दौरान सड़क सुरक्षा
एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है जिस पर हमें मानसून के दौरान विचार करने की जरूरत होती है और वह है सड़क दुर्घटनाएं। मानसून में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ जाती है। इसलिए बारिश में वाहन चलाते समय आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। यहां मानसून के दौरान सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ निवारक उपाय दिए गए हैं।
- बहुत तेज गति से बचें और गाड़ी धीमे ही चलाएं
- कसकर ब्रेक लगाने की पूरी मनाही है!
- अपने आगे चल रहे वाहनों से उचित दूरी बनाए रखें
- बेहतर दृश्यता के लिए हेडलाइट्स चालू करें
लेख इनपुट्स- सुश्री कंचन नायकवाड़ी, प्रिवेंटिव हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट, इंडस हेल्थ प्लस
Read more articles on Other Diseases in Hindi
 
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
- Current Version