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9 Months Pregnant: प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में हो सकती हैं ये 5 समस्याएं, सही नहीं है लापरवाही

प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में महिलाओं को नींद न आना, थकान और पेट में स्ट्रेच मार्क्स होने जैसी कुछ समस्याएं हो सकती हैं।
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9 Months Pregnant: प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में हो सकती हैं ये 5 समस्याएं, सही नहीं है लापरवाही


Common Health Problems In Ninth Month Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई सारी स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं। खासकर, प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में महिला को शरीर में हो रहे बदलाव के कारण उल्टी, मतली, चक्कर आना जैसी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। इस पूरे सफर के दौरान महिला को थकान और कमजोरी तो होती ही है। इसके अलावा, मूड स्विंग, बहुत ज्यादा नींद आना और खाने की क्रेविंग जैसी भी कई चीजें होती हैं। एक्सपर्ट्स की मानें, तो जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी का समय बढ़ता जाता है, प्रेग्नेंट महिला की समस्या में कमी आने लगती है। लेकिन, नौवें महीने में भी महिलाओं को कई तरह की हेल्थ इश्यूज (Ninth Month Pregnancy Symptoms) हो सकती हैं। डॉक्टर से जानें, कौन-सी हैं वे समस्याएं।

प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में होने वाली समस्याएं- Health Problems In Ninth Month Pregnancy In Hindi

सोने में दिक्कत होना- Trouble Sleeping

Trouble Sleeping

वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता के अनुसार, "नौवें महीने तक गर्भ में पल रहे शिशु का भार काफी बढ़ जाता है। इसका वजन महिला के पेट के निचले हिस्से में होता है। इस दौरान महिला पीठ के बल लेटती है या फिर दाएं-बाएं करवट लेकर सोती है। वह पेट के बल नहीं लेट पाती है। यहां तक कि इस दौरान उसे टेढ़े-मेढ़े होकर सोने की इजाजत भी नहीं होती है। इसलिए, उसे कई बार सोने के बावजूद खुद को थका हुआ महसूस (Fatigue In Pregnancy) करती हैं। यही नहीं, कभी-कभी शारीरिक समस्याओं की वजह से नौवें महीने में महिला को सोने में भी दिक्कत आती है।"

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बार-बार पेशाब आना- Trouble Holding Urine

डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, "जैसा कि पहले ही जिक्र किया गया है कि नौवें महीने तक गर्भ में पल रहे शिशु का वजन काफी बढ़ जाता है। शिशु का दबाव पेट के निचले हिस्से में ज्यादा पड़ता है। इस कारण, उसके लिए पेशाब कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि बार-बार पेशाब के लिए भी (Frequent Urination In Pregnancy)  जाना पड़ता है। महिलाओं के लिए यह स्थिति काफी कष्टकर हो जाती है।"

पेट में स्ट्रेच मार्क्स का होना- Stretch Marks

डॉ. शोभा गुप्ता की मानें, तो प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में अक्सर महिला के पेट में स्ट्रेच मार्क्स के निशान बनने लगते हैं। हालांकि, कुछ क्रीम मौजूद हैं, जिनकी मदद से स्ट्रेच मार्क्स को कम किया जा सकता है। लेकिन, कुछ महिलाओं में स्ट्रेच मार्क्स (Stretch Mark In Pregnancy) काफी ज्यादा दिखते हैं। आपको बता दें कि आमतौर पर स्ट्रेच मार्क्स को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है।

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थकान महसूस होना- Fatigue

डॉ. शोभा गुप्ता के अनुसार, "प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। हार्मोनल चेंजेस भी बहुत ज्यादा होते हैं। यही कारण है कि थोड़ा-बहुत काम करने के बाद ही महिला थकान महसूस करने लगती है। वहीं, नौवें महीने में थकान ज्यादा बढ़ने लगती है, क्योंकि महिला कई तरह की एक्टिविटी नहीं कर पाती और रात के समय अच्छी तरह सो भी नहीं पाती है। यहां तक कि बार-बार पेशाब की अर्ज के कारण लंबे समय तक रेस्ट करने में भी दिक्कत आती है। इन्हीं सब कारणों से प्रेग्नेंट महिला काफी थकान से भरी रहती है।"

वेरीकोज वेंस होना- Varicose Veins

प्रेग्नेंसी में वेरीकोज वेंस का होना भी सामान्य है। हालांकि, इसका बच्चे की हेल्थ पर किसी तरह का बुरा असर नहीं पड़ता है। वेरीकोज वेंस तब होते हैं, जब यूटेरस बड़ी नस पर दबाव डालता है, जो आपके पैरों और पैरों से दिल तक ब्लड को वापिस ले जाता है। वैरिकोज वेंज होने पर महिला को खुजली हो सकती है और यह दर्दनाक भी हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल- Frequently Asked Question

प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में क्या लक्षण होते हैं?

प्रेग्नेंसी के आखिरी समय में महिला को कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं, जैसे पीठ में दर्द होना, संकुचन महसूस होना, वजाइनल ब्लीडिंग होना आदि।

9 महीने की गर्भवती होने पर कैसा महसूस होता है?

नौ महीने की गर्भवती होने पर महिला को कई तरह की समस्यएं हो सकती हैं, जैसे पेट पर काफी दबाव बनता है, नींद नहीं आती है, अक्सर थकान महससू होती है, पेट में स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं, वगैरह।

9 महीना लगने के कितने दिन बाद डिलीवरी होती है?

आमतौर पर नौवा महीना लगने के बाद शिशु की डिलीवरी कभी भी हो सकती है। कभी-कभी प्रीमैच्योर डिलीवरी भी होती है। यह महिला की हेल्थ कंडीशन पर निर्भर करता है।

Image Credit: Freepik

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