धूप की यूवी किरणों और प्रदूषण की वजह से स्किन पर कई तरह की समस्याएं हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को रैशेज, खुजली, एक्ने और सोरायसिस आदि समस्या होने की संभावना अधिक होती है। एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों की मानें तो स्किन से जुड़ी समस्याओं को अनदेखा नहीं करना चाहिए। इम्यून सिस्टम जब सही तरह से कार्य नहीं करता है, तो आपको सोरायसिस की समस्या हो सकती है। त्वचा में लगातार पुरानी कोशिकाएं हटती है और इनकी जगह पर नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया में लगभग 28 दिनों का समय लगता है। मगर, सोरायसिस होने की स्थिति में व्यक्ति के शरीर में मात्र 5 दिनों में ही नई कोशिकाओं का निर्माण होने लगता है। इससे कोशिकाओं के बनने और डेड होने की प्रक्रिया बाधित होती है। जिसके चलते त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते, रुखापन और खुजली की वजह से पैच्स बनने लगते हैं। वैसे, तो सोरायसिस प्लाक शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकते हैं। लेकिन, डॉक्टर्स के मुताबिक यह शरीर के कुछ खास हिस्सों में नजर आते हैं। इस लेख में मनिपाल अस्पताल गुरुग्राम के कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजी डॉ. एश्वर्या देवराज से जानते हैं शरीर के किन हिस्सों में सोरायसिस होने की संभावना अधिक होती है।
शरीर के किन हिस्सों में सोरायसिस होने की संभावना अधिक होती है?
कोहनी
कोहनी पर सोरायसिस होने की संभावना सबसे अधिक होती है। सोरायसिस की समस्या शरीर के उन हिस्सों में होने की संभावना अधिक होती है, जहां कि त्वचा मोटी और खुरदही होती है। कोहनी में सोरायसिस से बचने के लिए आप नियमित रूप से मॉइस्चराइजिंग क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
खोपड़ी
कोहनी के बाद अधिकतर लोगों की स्कैल्प में सोरायसिस के लक्षण देखने को मिलते हैं। स्कैल्प में सोरायसिस होने पर अक्सर सिर में खुजली और बाल झड़ने की समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए आप माइल्ड शैंपू का इस्तेमाल कर सकते हैं।
घुटने
घुटने पर भी सोरायसिस के लक्षण देखने को मिलते हैं। कोहनी के बाद घुटने की त्वचा मोटी और खुरदरी होती है। सोरायसिस होने पर चलने के दौरान घुटनों को मोड़ने में परेशानी होती है। साथ ही, घुटनों में जलन होती है।
पीठ का निचला हिस्सा
पीठ के निचले हिस्साे में भी सोरायसिस प्लाक के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इस हिस्से में सोरायसिस अक्सर बड़े पैच्स बनते हैं। यह समस्या खुजली और दर्द का कारण बन सकता है। इसमें डॉक्टर फोटोथेरेपी का उपयोग कर सकते हैं।
हाथ-पैर और चेहरे पर सोरायसिस होना
हाथों-पैरों पर भी सोरायसिस होना एक आम समस्या मानी जाती है। इसमें हथेलियों और पैरों को तलवों की त्वचा पर रैशेज बनते हैं। ऐसे में व्यक्ति को चलने और अन्य काम को करने में परेशानी होती है।
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सोरायसिस का इलाज में इसके लक्षणों को कम करने पर ध्यान दिया जाता है। साथ ही, डॉक्टर कई तरह की सावधानियां बरतने की सलाह दे सकते हैं। इस दौरान व्यक्ति को स्किन में दर्द और जलन महसूस हो सकती है। ऐसे में आप धूप में निकलने से बचें।