कोलोरेक्टल दो शब्दों से मिलकर बना है, कोलोन और रेक्टल। ऐसे में कोलोरेक्टल कैंसर के नाम से ही पता चलता है कि यह कोलोन और रेक्टल में होने वाली कैंसर की समस्या है। यानी किसी व्यक्ति को अगर एक साथ आंत और मलाशयम में कैंसर हो जाए, तो इसे कोलोरेक्टल कैंसर कहते हैं। शुरुआती अवस्था में कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण काफी सामान्य जैसे- बार-बार पेशाब आना, दस्त, कब्ज, पेट दर्द, उल्टी इत्यादि नजर आती हैं। ऐसे में लोगों को लगता है कि यह एक सामान्य समस्या है। हालांकि, इस तरह के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, बल्कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता होती है। कोलोरेक्टल कैंसर किन कारणों से होता है, इस पर पूरी तरह से कुछ भी कहना संभव नहीं है। हालांकि, कुछ ऐसे विशेष कारण होते हैं, जिसकी वजह से कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना बढ़ती है। आइए जानते हैं उन वजहों के बारे में-
किन कारणों से हो सकता है कोलोरेक्टल कैंसर (colorectal cancer Causes)
1. डायबिटीज
डायबिटीज के बाद कई तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। इन्हीं बीमारियों में कोलोरेक्टल कैंसर भी शामिल है। डायबिटीज होने पर कोलोरेक्टल कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। खासतौर पर टाइप-2 डायबिटीज के मीरजों को कैंसर होने की संभावना अधिक है। इसलिए डायबिटीज मरीजों को अपना नियमित चेकअप जरूर कराना चाहिए।
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2. अल्सरेटिव कोलाइटिस
अल्सरेटिव कोलाइटिस से ग्रसित लोगों को भी कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में अगर आपको अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण दिखे तो तुरंत अपना इलाज कराएं। ताकि आगे होने वाली समस्याओं को कम किया जा सके।
3. शराब का अधिक सेवन
शराब का सेवन स्वास्थ्य पर कई विपरीत प्रभाव डाल सकता है। इस बात से हर कोई अच्छी तरह से वाकिफ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब का सेवन करने से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा भी बढ़ता है। जी हां, अगर आप शराब का सेवन कर रहे हैं, तो इसे त्याग दें। वरना आपको भी कोलोरेक्टल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।
4. रेड मीट का सेवन
रेड मीट का अधिक मात्रा में सेवन करने से भी कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसलिए ध्यान रखें कि अपने डाइट को हमेशा संतुलित रखें। नॉनवेज फूड्स के साथ-साथ वेज फूड्स भी शामिल करें। ताकि गंभीर समस्याएं होने की संभावना को कम किया जा सके।
5. इम्यूनोसप्रेसिव दवाइयों का सेवन
इम्यूनोसप्रेसिव दवाइयों का अधिक सेवन करने से भी कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ता है। ऐसा देखा गया है कि जो लोग ऑर्गन ट्रांसप्लांट करवाते हैं, वे लंबे समय तक इस तरह की दवाओं का सेवन करते हैं। ऐसी स्थिति में कोलोरेक्टल कैंसर के बढ़ने की संभावना अधिक होती है।
6. मोटापा
मोटापे से ग्रसित लोगों को भी कोलोरेक्टल कैंसर होने की आशंका अधिक रहती है। ऐसे में अपने शरीर के वजन को संतुलित रखने की कोशिश करें।
कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण (colorectal cancer symptoms)
कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण शुरुआती अवस्था (early symptoms of colon cancer) में काफी कम नजर आते हैं। हालांकि, अगर आपको कुछ सामान्य लक्षण नजर आ रहे हैं, तो तुरंत अपना चेकअप कराएं। जैसे-
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- दस्त और कब्ज की शिकायत बने रहनाष
- मल त्यागने के बाद भी दोबारा टॉयलेट जाने की इच्छा होना।
- पेट में दर्द और ऐंठन जैसा महसूस होना।
- थकान और उल्टी होना।
- शरीर का वजन काफी तेजी से बढ़ना।
- पेट फूलना
- मल से खून आना इत्यादि।
कोलोरेक्टल कैंसर से बचाव के टिप्स ( Colorectal cancer Prevention )
कोलोरेक्टल कैंसर से बचने के लिए अपने लाइफस्टाइल और खानपान पर विशेष ध्यान दें। ताकि शरीर में किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके। आइए जानते हैं कुछ बचाव के टिप्स -
- उम्र के साथ-साथ कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ता है। ऐसे में 40 के पार अपने शरीर का नियमित रूप से चेकअप जरूर करें।
- हमेशा अपने आहार में संतुलित डाइट को जरूर शामिल करें।
- अपने शरीर को शिथिल न रखें। रोजाना हल्के-फुल्के एक्सरसाइज डेली रुटीन में जरूर शामिल करें।
- शरीर का वजन संतुलित रखें।
- अगर आप पहले से किसी तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, तो नियमित रूप से अपना चेकअप कराना न भूलें।
कोलोरेक्टल कैंसर की परेशानी काफी गंभीर हो सकती है। ऐसे में अपने शरीर का ध्यान रखना आपकी जिम्मेदारी है। किसी भी बीमारी के खतरे से बचने के लिए अपने लाइफस्टाइल को बेहतर करें। ताकि आपका शरीर लंबे समय तक स्वस्थ रहे।