घर पर बनाएं लौंग का आयुर्वेदिक तेल, कैविटी के साथ मुंह की बदबू भी होगी दूर

दांतों में कैविटी होना एक बड़ी समस्या है। कैविटी का अर्थ होता है, दांतों में छेद होना जिसे विज्ञान की भाषा में दन्त क्षय या कैविटी कहा जाता है।
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घर पर बनाएं लौंग का आयुर्वेदिक तेल, कैविटी के साथ मुंह की बदबू भी होगी दूर


दांतों में कैविटी होना एक बड़ी समस्या है। कैविटी का अर्थ होता है, दांतों में छेद होना जिसे विज्ञान की भाषा में दन्त क्षय या कैविटी कहा जाता है। मुंह में मौजूद अम्ल के कारण दांतों के इनेमल खोखले होने लगते हैं। यानि कि अम्ल दांतों के इनेमल को प्रभावित करने लगता है जिसके कारण डेंटल केरीज या कैविटीज का निर्माण होता है। मुंह में मौजूद रहने वाले बैक्‍टीरिया दांतों कि सतह पर जमा होने लगते हैं जिसे पट्टिका (प्लाक) कहा जाता है। प्‍लेक में मौजूद बैक्‍टीरिया आपके खाने में मौजूद शुगर एवं कार्बोहाइडेट को अम्ल में परिवर्तित कर देता है इसी अम्ल के कारण दांत खोखले होने लगते हैं, फलत: कैविटी का निर्माण होता है। संभवतः बैक्‍टीरिया की वजह से दांत की जड़ों में या मसूड़ों में जो सूजन आ जाती है, या दांतों का जड़ खुलने के कारण वह अम्ल इत्यादि के संपर्क में आने लगता है, उसी के कारण पीड़ा होती है।

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कैविटी के लिए लौंग का तेल

लौंग कैविटी के साथ-साथ किसी भी प्रकार की दांतों से जुडी समस्‍याओं के लिए रामबाण होता है। एंटी-इंफ्लेमेंटरी, एनाल्‍जेसिक और एंटी-बैक्‍ट‍ीरियल गुणों के कारण लौंग दर्द को कम करने और कैविटी को फैलने से रोकता है। समस्‍या होने पर 1/4 चम्‍मच तिल के तेल में 2 से 3 बूंदें लौंग के तेल की मिलाकर लें। इस मिश्रण को रात को सोने से पहले कॉटन बॉल में लेकर प्रभावित दांत में लगाये। इससे कैविटी दूर होने के साथ ही मुंह की बदबू से भी छुटकारा मिलेगा।

मुलेठी भी है लाभकारी

अमेरिकन केमिकल सोसायटी के जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मुलेठी की जड़ दांतों को स्‍वस्‍थ रखने में मदद करती है। मुलेठी में मौजूद एंटी-बैक्‍टीरियल गुण बैक्‍टीरिया के कारण होने वाली कैविटी के विकास को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा यह जडी-बूटी प्‍लॉक को कम करने में भी मदद करती है। नियमित रूप से दांतों में ब्रश करने के लिए मुलेठी की जड़ के पाउडर का प्रयोग करें। इसके अलावा आप टूशब्रश करने के लिए मुलेठी की स्‍टीक का इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

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आॅयल पुलिंग

ऑयल पुलिंग बहुत ही पुराना नुस्‍खा है जो कैविटी को कम करने के साथ-साथ मसूढ़ों से खून बहना और सांस की बदबू को भी दूर करता है। साथ ही यह दंत समस्याओं के विभिन्न प्रकारों के लिए जिम्मेदार हानिकारक बैक्‍टीरिया को मुंह से साफ करने में मदद करता है। इसके लिए तिल के तेल की एक चम्‍मच को मुंह में रखें। फिर इससे 20 मिनट तक मुंह में रखकर थूक दें। लेकिन इसे निगलने से बचें। फिर अपने मुंह को गुनगुने पानी से धो लें। रोगाणुरोधी लाभ पाने के लिए नमक के पानी का प्रयोग करें। फिर हमेशा की तरह अपने दांतों को ब्रश करें। इस उपाय को रोजाना सुबह खाली पेट करें। यह उपाय सूरजमुखी या नारियल के तेल के साथ भी किया जा सकता है।

3 तरह की होती है कैविटी

  • इस तरह की कैविटी दांतों के शीर्ष पर या दांतों के बीच में पाए जातें हैं। बच्चों या वयस्कों में आमतौर पर पाई जाती है।
  • ज्यों-ज्यों उम्र बढती है त्यों-त्यों दांतों के जड़ से मसूड़े हटने लगते हैं जिसके कारण दांतों की जड़ में मौजूद बैक्‍टीरिया, खाद्य कणों के संपर्क में आने लगता है और चूंकि दांतों के जड़ में इनेमल नहीं होता अतः ये जल्दी सड़ने लगते हैं।
  • दांतों के जिन भागों में फिलिंग की जाती है या क्राउनिंग किया गया होता है उनके आस-पास प्‍लेक जमने लगता है जिसकी वजह से दांतों में बार-बार खराबी उत्पन्न होती रहती है।

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