Chhath Puja 2020: छठ के दिन सूर्य की किरणों से मिलते हैं कई स्वास्थ्य लाभ, दूर होते हैं कई रोग

छठ पूजा के दौरान सूरज का बड़ा महत्व है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो इस दिन पूजा करने से शरीर को सूरज की रौशनी से कई लाभ मिलते हैं।
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Chhath Puja 2020: छठ के दिन सूर्य की किरणों से मिलते हैं कई स्वास्थ्य लाभ, दूर होते हैं कई रोग


हिंदू धर्म अपने अंदर समेटे हुए विभिन्न त्यौहारों से जाना जाता है। होली, दिवाली की तरह ही तरह ही छठ पूजा भी हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। उत्तर प्रदेश और बिहार में इस खास त्यौहार को काफी लोकप्रियता प्राप्त है। इस त्यौहार में कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को होने वाली सूर्यदेव की पूजा व अर्घ्य देने की परंपरा है जिसकी वजह से इसे छठ पूजा का नाम दिया गया है। वैसे तो यह पर्व वर्ष में दो बार चैत्र और कार्तिक मास में मनाया जाता है। पर इनमें तुलनात्मक रूप से अधिक प्रसिद्धि कार्तिक मास के छठ की ही है। इस चार दिवसीय पर्व का आगाज ‘नहाय खाय’ से होता है। इसके दूसरे दिन खरना, फिर सांझ की अर्घ्य व अंततः भोर की अर्घ्य के साथ इस पर्व का समापन होता है।

क्या होता है इस दिन?

छठ पूजा के दिन भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा के चार दिनों के दौरान सूर्य और छठी माता की पूजा करने वाले लोगों की हर परेशानी दूर होती है जबकि मनोकामनाएं पूरी होती हैं। छठ पूजा के व्रत से कई प्रकार के रोगों का भी सफाया होता है। स्किन प्रॉब्लम और आंखों के विकार के लिए यह पर्व खासकर बहुत लाभदायक होता है।

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स्किन को होता है लाभ

वैज्ञानिकों का दावा है कि छठ वाले दिन सूर्य को अर्घ्य देने से स्किन की बीमारियां दूर हो सकती हैं। सर्दियां आते ही सूर्य का ताप कम होने लगता है, ऐसे में धूप से शरीर को सीधे तौर पर विटामिन डी तो मिलता ही है साथ स्किन की कई बीमारियां भी दूर होती हैं। छठ के दिन सूरज की पराबैगनी किरणें अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में जमीन पर आती हैं। सूर्य की ये किरणें गठिया, ब्लड की कमी, जोड़ों का दर्द, स्किन प्रॉब्लम और हार्ट डिजीज में बहुत फायदेमंद होती हैं। ये किरणें शरीर को गर्म रखने में मदद भी करती हैं। साथ ही सूर्य की रोशनी शरीर में संचित हो जाती है जो जरूरत पड़ने पर शरीर को एनर्जी देती है। 

छठ के व्रत से शरीर को डिटॉक्‍स करें

छठ पूजा के व्रत से शरीर के सभी विषाक्‍त पदार्थों का जड़ से सफाया होता है। डिटॉक्सिफाई वायु प्रवाह को नियमित करने में मदद करता है और आपको अधिक ऊर्जावान बनाता है। यह तर्क बहुत ही सरल है। शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली को शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों से लड़ने में अपनी ज्‍यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है लेकिन, इस तरह के प्राणायाम, ध्यान, योग आदि और छठ प्रथा के व्रत जैसे विषनाशक तरीकों का उपयोग कर, शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों की मात्रा काफी हद तक कम की जा सकती है।

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जिसके चलते आपकी त्वचा युवा और हेल्दी दिखती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य की किरणों का सुरक्षित विकिरण आपकी त्वचा में मौजूद फंगल और बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन को दूर करने में मदद करता है। इसके साथ ही आपकी दृष्टि में भी सुधार होता है।

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