कई बार ज्यादा खट्टा खाने के बाद आपको गले में दर्द महसूस हो सकता है। इस समस्या में आपको गले में दर्द और आहार को निगलने में परेशानी होती है। दरअसल, मुंह के अंदर जब गले का हिस्सा शुरु होता है, तो वहां पर अंडाकार के दो टिश्यू होते हैं। इन्हें टॉन्सिल कहा जाता है। जब इन टिश्यू के पैड में सूजन आज जाती है, तो व्यक्ति को गले में खराश और बोलने में परेशानी हो सकती है। बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से लोगों को टॉन्सिल की समस्या हो सकती है। मैक्स अस्पताल के ईएनटी विभाग के डॉक्टर राजीव मिश्रा से जानते हैं कि टॉन्सिल में सूजन की समस्या क्यों होती है और इसका इलाज कैसे किया जाता है।
टॉन्सिल में सूजन के क्या कारण हो सकते हैं? Causes Of Swollen Tonsillitis In Hindi
टॉन्सिल में सूजन की समस्या वायरस की वजह से होती है। इन वायरस के बारे में आगे विस्तार से बताया गया है।
- एडेनोवायरस : ये वायरस सामान्य सर्दी, गले में खराश और ब्रोंकाइटिस का कारण बनते हैं।
- एपस्टीन-बार वायरस (ईबीवी) : टॉन्सिल की समस्या से ग्रसित व्यकित की लार से यह समस्या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो सकता है। इसकी मुख्य वजह एपस्टीन बार वायरस हो सकता है।
- साइटोमेगालोवायरस (CMV, HHV-5) : सीएमवी एक हर्पीस वायरस है, जो आमतौर पर शरीर में निष्क्रिय अवस्था में रहता है। यह वायरस कमजोर इम्यूनिटी और प्रेग्नेंट महिलाओं को इंफेक्टेड कर सकता है।
- रूबेओला (खसरे का वायरस) : रुबेओला वायरस भी आपके टॉन्सिल में सूजन की वजह हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति की लार और बलगम के द्वारा यह वायरस श्वसन प्रणाली (फेफड़ों) को भी प्रभावित कर सकता है।
- डॉक्टर के अनुसार बैक्टीरिया स्ट्रेप्टोकोकस पाइओजेन्स वायरस भी टॉन्सिल में सूजन की वजह बन सकता है।
टॉन्सिल की सूजन में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? Symptoms Of Tonsillitis In Hindi
टॉन्सिल में सूजन होने पर आपको सर्दी और फ्लू की तरह लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसमें गले के अंदुरुनी हिस्से में लालिमा आने लगती है और गले के दोनों तरफ सूजन आ जाती है। इसमें हल्का व तेज दर्द महसूस होता है। आगे जानते हैं इस समस्या में महसूस होने वाले अन्य लक्षण।
- तेज बुखार आना,
- गले में दर्द होना,
- आहार को निगलने में दर्द होना,
- गला में खराश होना,
- कान के नीचे हिस्से में दर्द होना, आदि।
टॉन्सिल में सूजन का इलाज कैसे किया जाता है? Treatment Of Swollen In Tonsillitis In Hindi
वायरस के कारण होने वाले टॉन्सिल की सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर दवाए दे सकते हैं। इसमें डॉक्टर आपको इंफेक्शन को कम करने के लिए एंटी बायोटिक दवा दे सकते हैं। साथ ही, दर्द को कम करने के लिए मरीज को कैंडी दी जा सकती है। एंटी बायोटिक दवाओं के सेवन से इस इंफेक्शन को कम किया जा सकता है। यदि, टॉन्सिल की समस्या बार-बार हो रही होती है, तो डॉक्टर गंभीर मामलों में सर्जरी का विकल्प भी चुन सकते हैं।
साथ ही, टॉन्सिल की सूजन के हल्के मामलों को कम करन के लिए कुछ घेरलू उपाय अपनाने की भी सलाह दी जा सकती है। जैसे - गुनगुने पानी में नमक डालक गरारे करना, अदरक और हल्दी की चाय पीना और हल्दी से कूल्ला करना। इससे भी टॉन्सिल की सूजन को कम किया जा सकता है।
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टॉन्सिल की समस्या इंफेक्शन की वजह से हो सकती है। ऐसे में बरसात के दिनों में बाहर का जंक फूड और तला भूना खाने से बचें। इससे टॉन्सिल की सूजन से बचा जा सकता है। यदि, टॉन्सिल में सूजन ज्यादा हो रही है, तो ऐसी स्थिति में आप डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।