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बुजुर्गों के फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV), डॉक्टर से जानें इसके कारण

बुजुर्गों को वायरस से संक्रमण का जोखिम अधिक होता है। इस लेख में जानते हैं कि अधिक उम्र में आरएसवी संक्रमण होने के क्या कारण हो सकते हैं?
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बुजुर्गों के फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV), डॉक्टर से जानें इसके कारण


Causes Of RSV in Older Adults In Hindi: आरएसवी (Respiratory Syncytial Virus) एक सामान्य वायरस है, जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। आरएसवी (रेस्पिरेटरी सिन्सिशियल वायरस) मुख्य रूप से बच्चों में देखा जाता है। इसीलिए इसे बच्चों का रोग समझ लेते हैं। लेकिन, डॉक्टर्स बताते हैं कि यह वायरस बच्चों के साथ ही, कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों के लिए भी गंभीर समस्या बन सकता है। अधिक उम्र के लोगों को भी आरएसवी प्रभावित कर सकता है। बुजुर्ग व्यक्ति को आरएसवी इंफेक्शन फेफड़ों और रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी समस्या पैदा कर सकता है। खासकर 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित व्यक्तियों में यह अधिक खतरनाक हो सकता है। ऐसे में बुजुर्गों को कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इस लेख में यशोदा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर एसपी यादव से जानेंगे कि आरएसवी इंफेक्शन बुजुर्गों को क्यों होता है और यह कैसे फैलता है।

आरएसवी (RSV) क्या है?

आरएसवी एक संक्रामक वायरस है, जो श्वसन तंत्र (Respiratory Tract) में इंफेक्शन का कारण बनता है। यह सर्दी जुकाम जैसे लक्षणों से शुरू होता है, लेकिन गंभीर मामलों में यह फेफड़ों में सूजन (निमोनिया) और ब्रोंकाइटिस का कारण बन सकता है। खासतौर पर 60 से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए यह स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

बुजुर्गों में आरएसवी के कारण - RSV Causes In Older Adults 

इम्यूनिटी कमजोर होना

उम्र बढ़ने के साथ, प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर (weak immunity) हो जाती है। इससे शरीर में वायरस से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे आरएसवी का संक्रमण होने की संभावना बढ़ सकती है।

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वायरस के संपर्क में आना

पहले से आरएसवी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह किसी भी व्यक्ति को आसानी से हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति (contagious virus) के खांसने या छींकने से आरएसवी फैलता है।

सर्दी और शुष्क मौसम

इस वायरस का संक्रमण ज्यादातर सर्दियों के मौसम में होता है। ठंड के मौसम में लोग ज्यादातर समय घर के अंदर रहते हैं, जिससे वायरस फैलने की संभावना अधिक तेज हो जाती है।

पहले से कोई रोग होना

अधिक उम्र के जिन बुजुर्गों को पहले से कोई रोग होता है, जैसे कि डायबिटीज, हार्ट डिजीज, फेफड़ों से जुड़ी समस्या आदि। इस तरह के रोग आरएसवी के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

साफ सफाई पर ध्यना न देना

बाहर से आने या घर में रहते हुए भी खाना खाने से पहले हाथों की सफाई न करना और दूषित जगहों को छूने से भी आपको आरएसवी इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।

आरएसवी संक्रमण से बचाव के उपाय - Prevention Tips of RSV Infection

  • स्वच्छता का ध्यान रखें
  • हाल के वर्षों में आरएसवी के लिए टीके विकसित किए गए हैं। अपने डॉक्टर से टीकाकरण के विकल्प के बारे में बात करें।
  • इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करें।
  • आरएसवी संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं।
  • बिना आवश्यक के भीड़-भाड़ वाले स्थान में न जाएं।

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आरएसवी एक सामान्य वायरस हो सकता है, लेकिन बुजुर्गों के लिए यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बुजुर्ग इस संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। हालांकि, सही सावधानियों और समय पर चिकित्सा सहायता से आरएसवी के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि आपके परिवार में बुजुर्ग सदस्य हैं, तो उनकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों का विशेष ध्यान रखें और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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