रेडिएशन के संपर्क में आने से व्यक्ति को रेडिएक्शन सिकनेस की समस्या हो सकती है। यह समस्या रेडिएशन के प्रभाव में आने से बॉडी पार्ट के डैमेज होने से हो सकती है। इसमें शरीर द्वारा अवशोषित रेडिएशन की मात्रा, जिसे अवशोषित डोज कहा जाता है, यह निर्धारित करती है कि व्यक्ति में बीमारी कितनी गंभीर होगी। रेडिएशन सिकनेस को एक्यूट रेडिएशन सिंड्रोम और रेडिएशन पॉइजनिंग भी कहा जाता है। एक्स-रे, सीटी-स्कैन में भी रेडिएशन की मदद से टेस्ट किए जाते हैं, लेकिन इन टेस्ट में रेडिएशन की मात्रा बेहद कम होती है। आगे जूपिटर अस्पताल के ऑन्कोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉक्टर चिराग भिरुड़ से जानते हैं कि रेडिएशन सिकनेस के क्या कारण हो सकते हैं और रेडिएशन सिकनेस में व्यक्ति को क्या लक्षण महसूस हो सकते हैं।
रेडिएशन सिकनेस के कारण - Causes Of Radiation Sickness In Hindi
रेडिएशन सिकनेस का एक मुख्य कारण रेडिएशन होता है। जब व्यक्ति रेडिएशन के हाई डोज की संपर्क में आता है, तो उसको रेडिएशन सिकनेस हो सकती है। रेडिएशन वह एनर्जी है, जो अटॉम्स से तंरग या एक छोटे कण के रूप में निकलती है। इससे रेडिएशन सिकनेस की शुरुआत तब होती है, जब इस हाई रेडिएशन एनर्जी से कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है या कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। शरीर के जिन हिस्सों में हाई रेडिएशन एनर्जी से प्रभावित होने का सबसे अधिक खतरा होता है, उन्हें बोन मैरों की कोशिकाएं और आंतों की परत को शामिल किया जाता है।
रेडिएशन सिकनेस के लक्षण - Symptoms Of Radiation Sickness In Hindi
जी-मिचलाना और उल्टी आना
रेडिएशन सिकनेस के शुरुआती लक्षणों में व्यक्ति को जी मिचलाना और उल्टी आने की समस्या हो सकती है। इन लक्षणों की गंभीरता रेडिएशन के स्तर के आधार पर भिन्न हो सकती है। आमतौर पर रेडिएशन के संपर्क में आने कुछ घंटों के बाद या कुछ दिनों तक व्यक्ति को मतली और उल्टी बनी रह सकती है।
थकान और कमजोरी
रेडिएशन के संपर्क में आने से थकान और कमजोरी हो सकती है, जिससे व्यक्ति को रोजाना के काम करने में परेशानी हो सकी है। यह लक्षण धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं और समय के साथ खराब हो सकते हैं, क्योंकि शरीर रेडिएशन से होने वाली डैमेज को नियंत्रित करने की कोशिश करता है।
भूख में कमी
रेडिएशन सिकनेस के कारण भूख में कमी हो सकती है, जिससे व्यक्ति अपनी नॉर्मल डाइट से कम खाना खाता है। इसके साथ ही, व्यक्ति का वजन तेजी से कम होने लगता है। यह लक्षण कमजोरी और थकान को बढ़ा सकता है, जिससे शरीर की रेडिएशन डैमेज को दूर करने में मुश्किल हो सकती है।
त्वचा में परिवर्तन
रेडिएशन के हाई डोज के संपर्क में आने से त्वचा में परिवर्तन हो सकता है, जिसमें लालिमा, सूजन और छाले शामिल हैं। ये लक्षण आम तौर पर संवेदनशील वाले स्थान पर होते हैं लेकिन, यह रेडिएशन के आधार पर फैल सकते हैं।
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रेडिएशन सिकनेस की वजह से आपकी जान को जोखिम हो सकता है। इससे बचने के लिए आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ताकि समय रहते आपका इलाज किया जा सके।