Parainfluenza Viral Infections In Children In Hindi: बच्चों में बुखार और फेफड़ों से जुड़ी समस्या होने के पीछे वायरस और बैक्टीरियल इंफेक्शन जिम्मेदार होते हैं। ह्यूमन पैराइन्फ्लुएंजा वायरल (HPIV) कुछ जीवों का समूह है, जो रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का कारण बनता है। यह इंफेक्शन हर उम्र के लोगों को हो सकता है। इससे बच्चे भी संक्रमित होते हैं। इससे क्रुप रोग होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में बच्चों के वॉयस बॉक्स और विंडपाइप में सूजन हो सकती है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। यह बच्चों में निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस (रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट का संक्रमण) सहित अन्य रोगों की वजह बन सकता है। इस लेख में आगे एंजेल एंड मदर केयर क्लीनिक के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर अजित कुमार से जानते हैं कि बच्चों में पैराइन्फ्लुएंजा वायरल होने के क्या कारण होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है।
बच्चों में पैराइन्फ्लुएंंजा वायरस होने के कारण - Causes Of Parainfluenza Viral Infections In Children in Hindi
पैराइन्फ्लुएंजा वायरस का इन्क्यूबेशन समय (वायरस शरीर में पहुंचने के बाद लक्षण पैदा करने की अवधि) 2 से 6 दिनों की होती है। यह संक्रमण एयर ड्रॉपलेट्स या हाथों से एक से दूसरे बच्चे तक फैल सकता है। बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, ऐसे में उनको संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, पहले से संक्रमित व्यक्ति की छींक से यह वायरस कमरे की सतह पर फैल सकते हैं, जब दूसरे बच्चे इस जगह को छूते हैं, तो यह वायरस उन बच्चों तक पहुंच जाता है। ऐसे में बिना हाथ धोए खाना खाने या मुंह में हाथ लगाने से वायरस बच्चों के अंदर चले जाता है। यह बच्चे को संक्रमित करने का मुख्य कारण बनते हैं।
बच्चों में पैराइन्फ्लुएंजा वायरस के लक्षण - Symptoms Of Parainfluenza Viral Infections In Children in Hindi
बच्चों को पैराइन्फ्लुएंजा इंफेक्शन होने पर कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन लक्षणो के बारे में आगे जानते हैं।
- सांस लेने में परेशानी होना
- बच्चे की आवाज भारी होना
- सांस में घरघराहट होना
- नाक बहना
- आंखे लाल होना
- बार-बार खांसी होना
- बच्चों को बुखार होना
- उल्टी व दस्त की समस्या
- भूख कम लगना, आदि।
बच्चों में पैरा-इन्फ्लूएंजा का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Parainfluenza Viral Infections In Children in Hindi
बच्चों को पैरा-इंफ्लूएंजा में डॉक्टर एंटी बैक्टीरियल दवाएं देते हैं। दरअसल, वायरल इंफेक्शन के लिए एंटी-बैक्टीरियल दवाएं केवल लक्षणों को कम करने के लिए उपयोग की जाती हैं। इस समस्या में बच्चों की समस्याओं को कम करने पर पूरा फोकस किया जाता है। यह दवाएं जब तक बच्चा बेहतर महसूस नहीं करता तब तक दी जा सकती हैं। इसके अलावा, डॉक्टर बच्चों के बुखार को कम करने के लिए दवाएं देते हैं। साथ ही, संक्रमण की गंभीरता को कम करने के लिए कुछ उपाय करने की सलाह दे सकते हैं।
- बच्चों को संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूर रखें।
- बच्चों में बाहर से आने के बाद हाथ-पैर धोने की आदत डालें।
- खाने से पहले साबुन से हाथ धोएं।
- बच्चों के कमरे में ह्यूमिडिटीफायर का उपयोग करें। इससे रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट की समस्या दूर होती है।
- बच्चों के मुंह पर मास्क लगाएं, आदि।
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Parainfluenza Viral Infections In Children: बच्चों की रेस्पिरेटरी संबंधी समस्या को दूर करने के लिए आप डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकते हैं। साथ ही, बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाने के लिए कहें। यदि, पैराइन्फ्लूएंजा वायरल इंफेक्शन में बच्चे को ज्यादा समस्या हो रही है तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।